Home » ताजा खबरें » भारत के मिसाइल स्ट्राइक में मारा गया आतंकी रऊफ अजहर, कंधार प्लेन हाईजैक का था मास्टरमाइंड…

भारत के मिसाइल स्ट्राइक में मारा गया आतंकी रऊफ अजहर, कंधार प्लेन हाईजैक का था मास्टरमाइंड…

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अंदर बहावलपुर में किए गए भारतीय बलों के मिसाइल हमले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का चीफ कमांडर रऊफ असगर मारा गया है। शीर्ष खुफिया और भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है। रऊफ असगर जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर का भाई था। वह अजहर के परिवार के 10 लोगों में शामिल था, जो बहावलपुर में समूह के मुख्यालय को निशाना बनाकर किए गए हमले में मारे गए थे। इस हमले में अजहर के करीबी 4 अन्य लोगों समेत कुल 14 लोगों की मौत हुई थी। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानो पर मिसाइल स्ट्राइक किया था। अब इस ऑपरेशन से जुड़ी सबसे  बड़ी खबर सामने आई है।ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी रऊफ अजहर की मौत हो गई है। रऊफ अजहर IC-814 प्लेन हाई जैक जिसे कंधार प्लेन हाई जैक के नाम से जाना जाता है उसका मास्टरमाइंड था।

जानिए IC-814 हाईजैक की कहानी

  • 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814, जो काठमांडू (नेपाल) से दिल्ली जा रही थी, को 5 नकाबपोश आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया। विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर सवार थे। यह भारतीय इतिहास की सबसे लंबी और भयावह हाईजैक घटनाओं में से एक है, जो 7 दिनों तक चली थी। हाईजैकर्स ने विमान को अमृतसर, लाहौर, दुबई, और अंत में अफगानिस्तान के कंधार ले गए, जहां उस समय तालिबान का शासन था।
  • विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसीमा में प्रवेश करते ही आतंकवादियों ने कॉकपिट पर कब्जा कर लिया और पायलट को बंदूक की नोक पर विमान को काबुल ले जाने का आदेश दिया। लाहौर में पाकिस्तानी अधिकारियों ने अनुमति के बिना लैंडिंग की अनुमति दी और ईंधन भरा गया। इसके बाद विमान दुबई पहुंचा, जहां 27 यात्रियों (महिलाएं और बच्चे) और रूपिन कात्याल की मृत देह को उतारा गया। कात्याल की हाईजैकर्स के साथ झड़प में हत्या कर दी गई थी।
  • 25 दिसंबर को विमान कंधार पहुंचा, जहां तालिबान ने मध्यस्थता की। हाईजैकर्स ने अपनी मांगें रखीं, जिसमें 36 आतंकवादियों की रिहाई, 200 मिलियन डॉलर, और मारे गए आतंकी सज्जाद अफगानी का शव शामिल था। लंबी बातचीत के बाद, भारत सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए 3 आतंकवादियों को रिहा करने का फैसला किया, जिनमें मौलाना मसूद अजहर (जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक), अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर शामिल थे।
  • 31 दिसंबर 1999 को इन आतंकियों को कंधार ले जाया गया, और बदले में सभी बंधकों को रिहा कर दिया गया। यात्रियों को विशेष विमान से भारत वापस लाया गया। कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर को माना जाता है, हालांकि वह उस समय भारतीय जेल में बंद था। इस हाईजैक को आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन ने अंजाम दिया, जिसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका होने की बात भी सामने आती रही है। हाईजैक का मुख्य उद्देश्य मसूद अजहर सहित प्रमुख आतंकियों को रिहा कराना था।

अब्दुल रउफ अजहर की क्या भूमिका थी?

अब्दुल रऊफ अजहर 1999 के कंधार प्लेन हाइजैक (IC-814) का मास्टरमाइंड था। वह जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर का छोटा भाई था। रऊफ ने अपने भाई को भारतीय जेल से छुड़ाने के लिए हरकत-उल-मुजाहिदीन और ISI के साथ मिलकर हाइजैक की साजिश रची। उसने काठमांडू में ऑपरेशन की योजना बनाई और हाइजैकर्स, जिनमें उसका भाई इब्राहिम अतहर शामिल था, के साथ को-ऑर्डिनेट किया। रऊफ की भूमिका रणनीति निर्माण और निर्देश देने तक थी। बाद में वह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमलों में सक्रिय रहा। भारत में वह ‘मोस्ट वांटेड’ रहा है।

Leave a Comment

[democracy id="1"]