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हिमाचल प्रदेश के 5 जिलों में फ्लैश फ्लड का येलो अलर्ट, 12 सितंबर तक सितम ढाएगा मॉनसून

IMD ने बताया कि कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और चम्बा जिलों में शुक्रवार सुबह से वर्षा हो रही है। शिमला और सोलन में भी बादल छाए हैं। अगले 24 घण्टे भी प्रदेश में कहीं-कहीं भारी वर्षा की चेतावनी दी है। इसके साथ ही 5 जिलों में फ्लैश फ्लड का खतरा जताया है।मॉनसून की बारिश ने सितंबर में सितम ढा रही है। समुद्री किनारों पर पश्चिम बंगाल में बना कम दबाव क्षेत्र के कारण मूसलाधार बारिश हो रही है तो वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में भी बारिश बवंडर उठाए हुए है। हिमाचल प्रदेश में बारिश ही नहीं हो रही है बल्कि बादल फट रहा है। इस मॉनसून के 71 दिनों में अब तक 91 जगहों पर बादल फट चुका है। इसके कारण आई बाढ़ में 21 लोगों की मौत हो गई है और 15 व्यक्ति अभी भी लापता हैं। इसके कारण 41 जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है। इस साल 31 जुलाई की मध्यरात्रि शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। बाढ़ ने शिमला जिला के समेज गांव का नामोनिशान मिटा दिया था। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और चम्बा जिलों में शुक्रवार सुबह से वर्षा हो रही है। शिमला और सोलन में भी बादल छाए हैं। अगले 24 घण्टे भी प्रदेश में कहीं-कहीं भारी वर्षा की चेतावनी दी है। इसके साथ ही 5 जिलों में फ्लैश फ्लड का खतरा जताया है। इसमें शिमला, सिरमौर, सोलन, मंडी और बिलासपुर शामिल हैं। इसके साथ ही शनिवार तक सचेत रहने और घरों से बाहर निकलने पर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। भूस्खलन क्षेत्रों की यात्रा न करने और नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। 12 सितंबर तक मौसम के खराब बने रहने के आसार हैं।

27 जून को मानसून ने दी थी दस्तक

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। पिछले 71 दिनों में मानसून ने भारी तबाही मचाई है। अब तक चल व अचल संपत्ति को 1330 करोड़ का नुकसान आंका गया है। लोकनिर्माण विभाग को 617 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 507 करोड़ का नुकसान हुआ। मानसून के दौरान वर्षा जनित हादसों में 285 लोग मारे गए और 30 लापता हैं जबकि 441 लोग घायल हुए हैं। मानसूनी हादसों में 322 मवेशियों की भी जान ली है।

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