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Himachal: आपदा प्रभावितों को राहत, हिम उन्नति योजना को मिली मंजूरी

शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 1 अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में हुई बादल फटने की घटनाओं में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं शोक संतप्त परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए आपदा प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया कि जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें शहरी क्षेत्रों में 10000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपए प्रति माह किराया दिया जाएगा। इसके अलावा 1 अगस्त, 2024 से 31 अक्तूबर, 2024 तक 3 महीने के लिए मुफ्त राशन, एलपीजी रिफिल, बर्तन और बिस्तर भी प्रदान किया जाएगा। प्रभावित परिवारों को तत्काल 50000 रुपए की वित्तीय राहत भी दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लघु खनिज (अनुदान) और खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम) नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। नए प्रावधानों के तहत, राज्य में खनन के लिए उपयुक्त निजी भूमि को नीलाम किया जा सकेगा, जिसके लिए भूमि मालिकों की सहमति आवश्यक होगी। इस प्रक्रिया में वार्षिक बोली राशि का 80 प्रतिशत भूमि मालिकों को प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त व्यवस्थित, वैज्ञानिक और सतत् खनन को बढ़ावा देने और खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नदी के तल में खनन के लिए मशीनरी के उपयोग की अनुमति दी गई है। नदी के तल में खनन की गहराई को एक मीटर से बढ़ाकर 2 मीटर किया गया है। कृषि भूमि से हर मानसून के बाद 2 मीटर की गहराई तक रेत और बजरी निकालने की अनुमति दी गई है, जिसे गैर-खनन गतिविधि के रूप में माना जाएगा। राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए,मंत्रिमंडल ने हिम उन्नति योजना को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसमें रासायनिक मुक्त उत्पादों के उत्पादन और प्रमाणन के लिए क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इस योजना का लक्ष्य 2600 कृषि समूहों की स्थापना करना है, जिसमें लगभग 50000 किसान शामिल होंगे। योजना के तहत कृषि समुदाय की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा प्राकृतिक खेती के गेहूं की खरीद 40 रुपए प्रति किलोग्राम और मक्का की 30 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से की जाएगी। नए संशोधनों में इलैक्ट्रिक वाहन शुल्क के रूप में प्रति टन 5 रुपए, ऑनलाइन शुल्क के रूप में प्रति टन 5 रुपए और दूध उपकर के रूप में प्रति टन 2 रुपए लगाने की अनुमति दी गई है। गैर-खनन गतिविधियों से उत्पन्न सामग्रियों के उपयोग के लिए सरकार को रॉयल्टी (140 रुपए प्रति टन) का 75 प्रतिशत प्रसंस्करण शुल्क अदा किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक उपसमिति का गठन किया, जिसमें राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सदस्य हैं। यह उपसमिति ग्राम पंचायत पशु चिकित्सकों के मुद्दे को संबोधित करेगी और अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि सभी पुलिस कर्मी, जेल अधिकारी और सचिवालय सुरक्षा सेवा के कर्मचारी जो एचआरटीसी बसों में रियायती यात्रा का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें उनके आधिकारिक यात्रा खर्च के वास्तविक आधार पर प्रतिपूर्ति मिलेगी।

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