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उपचुनावों की आड़ में लोकसभा चुनावों में मिली शर्मनाक हार को छिपाने का प्रयास कर रहे विचाराधीन सीपीएस: शैलेंद्र

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. संजय अवस्‍थी ने अर्की में ही कटाई कांग्रेस की नाक, सबसे अधिक पंद्रह हजार की भाजपा को मिली लीड़

सोलन से भाजपा का सफाया होने की डींगे हांकने वाले पहले अपने गिरेबन में झांककर तो देखें

सोलन : भाजपा प्रवक्‍ता सोलन शैलेंद्र गुप्‍ता ने कहा कि लोकसभा चुनावों में अपने अर्की विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को 15000 से अधिक वोटों की लीड़ दिलाकर कांग्रेस की नाक कटाने वाले कार्यकारी प्रदेशाध्‍यक्ष एवं विचाराधीन सीपीएस संजय अवस्‍थी के पास अब कहने को कुछ नहीं। उपचुनावों की आड़ में अवस्‍थी कांग्रेस को मिली इस शर्मनाक हार को छिपाने की कोशिश में है।
सोलन से भाजपा का सफाया होने की डींगे हांकने वाले पहले अपने गिरेबन में झांककर तो देखें।
उन्‍होंने कहा कि अवस्‍थी को इस बात का अंदाजा होना चाहिए कि हाल ही में लोकसभा चुनाव में शिमला के सांसद सुरेश कश्यप 91451 वोटो से जीत प्राप्त की थी, जबकि अकेले सोलन जिला से 52106 वोट से लीड भारतीय जनता पार्टी को मिली थी। कार्यकारी अध्यक्ष व विचाराधीन सीपीएस संजय अवस्थी के बूथ कंधार से कांग्रेस को मात्र 19 वोटों की लीड दिलाने में कामयाब हुए थे और अर्की विधानसभा से सबसे ज्यादा लीड़ भारतीय जनता पार्टी को 15484 वोटों की लीड मिली थी। विकास पर ब्रेक लगा चुकी कांग्रेस सरकार ने सोलन जिले में लगभग 200 संस्थाओं को बंद किया था। अवस्‍थी के अर्की में ही सब डिवीजन लोनिवि, जय नगर दाड़लाघाट में बीडीओ आफिस , सब डिवीजन जल शक्ति विभाग कुनिहार कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिए।
ओछी राजनीति को छोड़ विचाराधीन सीपीएस क्षेत्र की सड़कों की तरफ ध्‍यान दे। अर्की और सोलन जिला में सड़कों की हालत इतनी खस्‍ता है कि यह नहीं पता चला की सड़कों में गढ्डे हैं या गढ्डों में सड़क। यही नहीं सोलन में पिछले दो महीने से पानी को तरस रही है। विचाराधीन सीपीएस मस्त हैं। स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं हाशिये पर है।अस्पतालों की हालत बद् से बद्तर हो चुकी है। सोलन शराब, स्क्रैप और चिट्टा माफिया की गिरफ्त में है। स्क्रैप माफिया के लिए अपने अपने गुर्गों के दम पर उद्योगपतियों को डराने धमकाने का काम किया जा रहा है और जबरदस्ती जिले का नेता बनने की कोशिश की जा रही है। जबकि सोलन जिले की जनता इसे कुछ महीनों में ही परेशान हो चुकी है। कांग्रेस सरकार और नेताओं की हालत विनाश काले विपरीत बुद्धि‍ वाली हो चुकी है। विधानसभा चुनावों में ऐसे नेताओं को अपने घर में ही मुंह की खानी पड़ेगी।

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