



शिमला : हिमाचल के सेब पर सूखे की मार पड़ रही है। सेब में फूल आने और सेंटिंग (फूल से फल बनने की प्रक्रिया) के दौरान 3.15 करोड़ सेब पेटी के उत्पादन का अनुमान था। अप्रैल और मई में सूखे और सामान्य से कम वर्षा के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है। अब सेब उत्पादन 2.40 करोड़ पेटी से कम होने का अनुमान है। बता दें कि एक पेटी में 20 किलोग्राम सेब होता है।
मौसम की बेरुखी से लगातार दूसरे वर्ष उत्पादन प्रभावित हुआ है। राज्य में वर्ष 2023 में करीब 1.90 करोड़ पेटी का उत्पादन हुआ था, जबकि मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 52 हजार टन सी ग्रेड सेब की खरीद की गई। प्रदेश में बीते वर्ष सेब सीजन से पहले कम वर्षा और गर्मी के बाद वर्षा का क्रम जारी रहने से सेटिंग नहीं हो सकी। ऐसे में उत्पादन प्रभावित हुआ। इस बार हिमपात कम हुआ, लेकिन अब लगातार सूखा सेब की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। सूखे से बहुत अधिक ड्रापिंग है।
सेब के उत्पादन में आ रही गिरावट
प्रदेश में लगातार सेब के उत्पादन में गिरावट आ रही है। इसका मुख्य कारण वर्षा और हिमपात में कमी है। कम वर्षा की फरवरी में भरपाई अप्रैल व मई में फिर सूखा जनवरी में सामान्य से 86 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इसका सेब के चिलिंग आवर्स पर असर हुआ। फरवरी में हिमपात और वर्षा ने जनवरी के सूखे की कमी को कुछ कम किया। इससे सेब में फूल आए, लेकिन कई जगह पत्तियां बहुत अधिक और फल कम लगे। अप्रैल और मई में सामान्य से कम वर्षा ने सूखे के जैसे हालात उत्पन्न किए, जिसका सभी फसलों पर असर हुआ।