



दिल्ली. मध्य पूर्व में चल रहे तनाव का असर अब कारोबार पर दिखना शुरू हो गया है. इजरायल हमास जंग के कारण लाल सागर में मालवाहन जहाजों पर हुती विद्रोहियों के हमले से इस मार्ग पर माल परिवहन लगभग बंद हो गया है. मालवाहक जहाजों को अब लंबे वैकल्पिक समुद्री मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. इस वजह से शिप कंटनेर्स की कमी हो गई है. शिप कंटनेर्स की कमी से चीन से माल आने में भी दिक्कत हो रही है और माल भाड़ा भी बढ गया है. इन वजहों से अब आईटी हार्डवेयर, टीवी, वॉशिंग मशीन और एसी जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमत में उछाल आने की पूरी आशंका है. बाजार जानकारों के अनुसार, पिछले 2 महीनों में कुछ जगहों के माल भाड़े में लगभग चार गुना तक की वृद्धि हो गई है. कंपनियां अब इस बढे खर्च की भरपाई ग्राहकों करने का मन बना रही है. यानी आने वाले समय में वे टीवी, फ्रीज और अन्य इलेक्ट्रोनिक्स सामान की कीमतों में वृद्धि कर सकती हैं. कंटेनर संकट ने बढ़ाई दिक्कत
यूरोप और मिडल ईस्ट से भारत आने-जाने के लिए समुद्री जहाज पहले स्वेज नहर का रास्ता लिया करते थे. लेकिन, हुती विद्रोहियों के हमले के बाद अब उन्हें लगभग 8500 किमी लंबा रास्ता लेना पड़ रहा है. यह रूट लगभग 330 बड़े जहाज, जिन पर करीब 12 हजार कंटेनर लदे हुए हैं, ने अपनाया है. जहाज को अपने गंतव्य तक पहुंचने में लगने वाला समय भी 35 से 40 फीसदी तक बढ़ गया है.
इसके चलते चीन के पोर्ट्स पर मई से ही जहाजों की कमी होने लगी है और किराया बढ रहा है. अब कंटेनर्स के रेट 2400 से 2900 डॉलर तक पहुंच गए हैं. लाल सागर संकट से पहले यह 850 से 1000 डॉलर पर थे. लाल सागर संकट के चलते 20 और 40 फीट कंटेनर की कीमतें पूरी दुनिया में बढ़ गई हैं. कंपनियां अपना सामान एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए 20 फीट के कंटेनर को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
कस्टमर्स से वसूली जा सकती है लॉजिस्टिक्स कॉस्ट
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईटी हार्डवेयर ब्रांड Acer के कंट्री हेड हरीश कोहली का कहना है कि बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमत में लगभग 2 से 3 फीसदी लॉजिस्टिक्स कॉस्ट होती है. अगर यही हालात बने रहे तो यह कॉस्ट कस्टमर्स से वसूला जाना तय है. इससे टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रोनिक्स सामान की कीमत में इजाफा होना तय है.