



शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सूबे में आपदा पीड़ितों के जख्मों पर राहत पैकेज का मरहम लगाएगी। पीड़ितों को राहत प्रदान करने के मकसद से मुख्यमंत्री ने अफसरों को राहत पैकेज तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अफसरशाही पैकेज तैयार कर रही है। 24 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में पैकेज को मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री इसका ऐलान करेंगे। सीमित वित्तीय संसाधनों के बीच सरकार विभिन्न विकल्पों की तलाश में जुटी है, ताकि अधिकतम सहायता सुनिश्चित की जा सके। सूत्रों के मुताबिक विशेष राहत पैकेज का ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया गया है और इसे 24 जुलाई को प्रस्तावित मंत्रिमंडल बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा। राहत कार्यों में मनरेगा, विधायक प्राथमिकता कोष, विभागीय अनस्पैंट मनी और अन्य स्नेतों से राशि जुटाई जाएगी। साथ ही हाल ही में केंद्र से प्रदेश के लिए मंजूर 2006 करोड़ में से जारी की गई 450 करोड़ से अधिक की रकम भी राहत व पुनर्वास कार्यो में खर्च होगी। बताया जा रहा है कि इस बार भी 2023 में लागू किए गए राहत मॉडल को अपनाया जाएगा, जिसमें मनरेगा के माध्यम से पुनर्वास और राहत कार्यों में सहायता की गई थी। इसके अतिरिक्त, विधायक अपनी प्राथमिकता निधि से 10 लाख रुपए तक की सहायता दे सकते हैं, जिससे प्रति प्रभावित व्यक्ति को अधिकतम 75 हजार रुपए की मदद मिल सकती है। आपदा से हुए नुकसान की जानकारी राज्य सरकार ने केंद्र को भेज दी है जिसके आधार पर केंद्र सरकार से अतिरिक्त मदद मिलने की संभावना है। इस बीच केंद्र सरकार द्वारा 450 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पुनर्निर्माण कार्यों के लिए जारी की गई है।