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प्रदीप मिश्रा बोले-लड़कियों की नाभि ढकी रहेगी, सुरक्षा बनी रहेगी:बच्चों को अच्छे संस्कार देने की जरूरत…

नेशनल डेस्क : महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के बीच पंडित प्रदीप मिश्रा का बयान एक नई बहस का कारण बन गया है। सीहोर में आयोजित एक धार्मिक आयोजन के दौरान उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा एक ऐसा बयान दिया, जिसे लेकर सोशल मीडिया और मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाएँ हो रही हैं। दरअसल, एक धार्मिक आयोजन के दौरान पंडित जी ने कहा कि महिलाओं की नाभि को ढकने से वे सुरक्षित रह सकती हैं और अपराधों से बच सकती हैं। उनका कहना था कि ठीक वैसे ही जैसे तुलसी के पौधे की जड़ दिखने पर वह मर जाती है, उसी तरह से अगर महिला की नाभि दिखेगी तो वह असुरक्षित हो जाएगी और उसके साथ अपराध हो सकता है। पंडित जी ने इसे महिला के शरीर का “जड़” बताते हुए कहा कि इसे ढंककर रखना चाहिए। इसके बाद उनका बयान और भी विवादास्पद हो गया जब उन्होंने कहा कि किसी सरकार से अपराधों को रोकने की उम्मीद नहीं की जा सकती, बल्कि यह समाज के संस्कारों पर निर्भर करता है। उनका यह मानना था कि संस्कारों का अभाव और वर्तमान की दिखावे वाली जीवनशैली ही बढ़ते अपराधों की बड़ी वजह हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा का बयान महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और उनकी सुरक्षा को लेकर एक बार फिर उस सवाल पर रोशनी डालता है कि क्या महिला का पहनावा इन अपराधों को बढ़ाने में जिम्मेदार है, या फिर पुरुषों की बिगड़ी मानसिकता? यह भी सवाल उठता है कि क्या अपराधों का कारण किसी महिला के पहनावे में छिपा हुआ है या समाज में बढ़ते असंस्कारों और असंवेदनशीलता में? इस तरह के बयान महिलाओं के अधिकारों और लिंग समानता पर गहरे सवाल उठाते हैं। जहां एक ओर समाज में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा की बात की जाती है, वहीं ऐसे बयान पुरानी सोच और रूढ़िवादी मानसिकता को भी बढ़ावा देते हैं। समाज में महिलाओं के पहनावे को उनकी सुरक्षा से जोड़ने के बजाय, यह जरूरी है कि पुरुषों की मानसिकता में बदलाव लाया जाए और उन्हें यह समझाया जाए कि किसी भी महिला पर हमला करने का कोई भी कारण नहीं हो सकता, चाहे उसका पहनावा जैसा भी हो। यहां पंडित मिश्रा का बयान उन रूढ़िवादी विचारों को तूल देता है, जो अक्सर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को उनके पहनावे और आचरण से जोड़कर देखते हैं। इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए अपने पहनावे को सीमित करना चाहिए, या फिर पुरुषों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है, ताकि वे किसी महिला को बिना किसी कारण के तंग न करें या शोषण न करें।

पंडित मिश्रा के बयान पर प्रतिक्रियाएँ

इस बयान के बाद समाज के विभिन्न हिस्सों से प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई लोग इस विचार को महिलाओं को दोषी ठहराने के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ अन्य इसे संस्कारों का समर्थन मान रहे हैं। हालांकि, अधिकतर लोगों का कहना है कि इस प्रकार की मानसिकता से महिला सुरक्षा और समानता को कभी बढ़ावा नहीं मिलेगा, बल्कि यह केवल अवधारणाओं और भ्रामक विचारों को पनपने का कारण बनेगा। इस बयान के बाद समाज को यह समझने की जरूरत है कि अपराधों का कारण किसी महिला के पहनावे में नहीं, बल्कि हमारे समाज की मानसिकता, असंस्कार और अविवेकपूर्ण सोच में है। जब तक हम मानसिकता में बदलाव नहीं लाएंगे और महिलाओं को बराबरी का हक नहीं देंगे, तब तक इस तरह के अपराधों को रोक पाना मुश्किल रहेगा।

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