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सुक्खू सरकार में मजे-मजेः मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने 75 मित्र अफसरों के संग होली पर की पार्टी और बिल सरकार को थमाया…

शिमला: मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने होली पर अधिकारियों के लिए एक पार्टी दी थी और उसका खर्च सरकारी खाते से लगाया है। सेवा विस्तारित होने के बाद, सीएस मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने होली पर अधिकारियों के लिए एक पार्टी दी थी और उसका खर्च सरकारी खाते से लगाया है। करीब 75 आईएएस ऑफिसर सपरिवार बुलाए गए थे। जिनके बच्चों, ड्राइवरों सहित कुल बिल सवा लाख बना। बिल अब सरकार को दिया गया है। अब इस पार्टी के बिल को प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया गया। होटल प्रबंधन ने भुगतान के लिए इसका बिल सेक्रेटरी को भेज रखा है। अब सरकार के स्तर पर बिल के भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। दरअसल, 14 मार्च को होली के दिन शिमला के होटल होलीडे होम में एक पार्टी रखी गई.  शिमला के सरकारी होटल हॉलिडे होम (HHH) में लंच पार्टी के दौरान 75 अफसर, पत्नियां और बच्चे शामिल हुए थे. होटल प्रबंधन ने पार्टी का 1,22,020 रुपये का बिल बनाया और प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को भेजा है. इस होली पार्टी का कुल बिल 1 लाख 22 हजार 20 रुपये बिल बना था. इसमें 1000 रुपये प्लेट की दर से लंच और स्नैक्स परोसा गया. वहीं, अफसरों के साथ आए 22 ड्राइवरों को भी खाना खिलाया गया। इस मामले में भाजपा ने सरकार और अफसर पर सवाल उठाए हैं. भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर बिल की कॉपी पोस्ट करते हुए लिखा, ‘ऊँट की चोरी निहुरे निहुरे’. इसका अर्थ होता है कि ‘बड़े काम छिपकर नहीं किए जा सकते’ हैं. अब यह हॉलिडे होम के लंच का बिल सरकार देगी, भगवान इस व्यवस्था की आत्मा को शांति दे. इसी तरह भाजपा प्रवक्ता और विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के अधिकारी पार्टी करते हैं और बिल सरकार को भरना पड़ता है. उन्होंने कहा कि  मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने होली पर होटल में पार्टी की है और इसमें 75 अधिकारी शामिल हुए है और बिल जीएडी को भेजा गया. उन्होंने कहा कि कैसे सरकारी अधिकारी मौज मस्ती और फिजूलखर्ची करते हैं. रणधीर ने कहा कि कांग्रेस ने तो अपने समाचार पत्र को भी दो करोड़ रुपये से अधिक की एड दी, जबकि इसकी कोई कॉपी हिमाचल में बिकती भी नहीं है. उन्होंंने कहा कि सीएम को फिजूलखर्ची को रोकें और अफसर पर कार्रवाई करे. हिमाचव प्रदेश में आर्थिक सकंट के बीच फिजूलखर्चा कोई नई बात नहीं है. इससे पहले, रेरा के चेयरमैन रहते हुए पूर्व आईएएस अफसर श्रीकांत बाल्दी ने अपने मित्र अफसरों को 10 लाख रुपये के सेब सरकारी खर्चे पर भेजे थे और इसका भुगतान हिमाचल सरकार ने किया था. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पर एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. इसी के चलते पूरा मामला दिन भर सोशल मीडिया पर ट्रैंड करता रहा।

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