



लाइव हिमाचल डेस्क: वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि पर पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस तिथि के खत्म होने के बाद नए माह की शुरुआत होती है। चैत्र माह की पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही जीवन में किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। इस बार चैत्र पूर्णिमा की डेट को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिती बन रही है, जिसकी वजह से हर कोई जानना चाहता है कि चैत्र पूर्णिमा की सही डेट क्या है? ऐसे में आइए इस आर्टिकल हम आपको बताएंगे चैत्र पूर्णिमा की सही डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में। वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट तिथि खत्म होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय का विशेष महत्व है। ऐसे में 12 अप्रैल ( Kab Hai Chaitra Purnima 2025) को चैत्र पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक।
ऐसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
अगर आप लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए चैत्र पूर्णिमा का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। फल और खीर का भोग लगाएं। प्रभु के मंत्रों का जप करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आर्थिक तंगी दूर होती है।
मानसिक तनाव होगा दूर
मानसिक तनाव को दूर करने के लिए चैत्र पूर्णिमा की तिथि पर भगवान शिव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। इस दौरान महादेव के मंत्रों का जप करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।