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हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनवाने के लिए शुल्क लगाने की तैयारी…

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आने वाले मरीजों को जल्द ही ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ सकती है. सरकार अस्पतालों में पर्ची बनाने पर 10 रुपये शुल्क लगाने की योजना बना रही है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि कई लोग पर्ची बनवाने के बाद इलाज नहीं करवाते, जिससे संसाधनों की बर्बादी होती है. इस शुल्क के ज़रिए मरीजों में जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी और लापरवाही में भी कमी आएगी. डॉ. शांडिल ने कहा कि जैसे PGI चंडीगढ़ में पहले से ही यह शुल्क लिया जाता है, उसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी यह व्यवस्था लागू की जा सकती है. हालांकि, फिलहाल टेस्ट या अन्य चिकित्सा सेवाओं पर कोई अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना नहीं है. यह निर्णय अस्पतालों में बनी रोगी कल्याण समितियों के माध्यम से लिया जाएगा. समिति भविष्य में अपनी जरूरत और स्थिति के अनुसार शुल्क वसूल सकती है. इस प्रस्ताव से उन मरीजों और तीमारदारों को झटका लग सकता है जो दूर-दराज के इलाकों से इलाज के लिए आते हैं. वहीं, सरकार का मानना है कि मामूली शुल्क से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही दोनों में सुधार होगा।सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि हालांकि सरकार ने इस पर अभी फैसला नहीं लिया है, लेकिन रोगी कल्याण समिति की तरफ से पर्ची बनाने के दस रुपए लेने का प्रस्ताव आया है। वह भी इसके पक्ष में हैं। क्योंकि पीजीआई में भी पर्ची बनाने के पैसे लगते हैं। पर्ची के पैसे लेने में कोई हर्ज नहीं है इससे मरीज को फायदा मिलेगा साथ ही अस्पताल प्रशासन को भी लाभ होगा।

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