नाहन : जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल में रास्ते के निर्माण को लेकर दो गुटों में खूनी संघर्ष हो गया। घटना में 2 महिलाओं सहित 4 लोग घायल हो गए। करीब एक दर्जन ग्रामीणों के बीच लाठी-डंडे चले। इस मारपीट के दौरान एक व्यक्ति खाई में भी लुढ़क गया। इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंच गई है। यह वारदात राजगढ़ उपमंडल के पबियाना क्षेत्र में हुई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, अमरदत्त पबियाना ने नाले के साथ जेसीबी लगाकर रास्ते का निर्माण कर रहा था, जबकि दूसरे पक्ष का यह कहना था कि जो रास्ते बनाया जा रहा है, उसमें वह घास काटते आ रहे हैं और ये जमीन उनकी है। रास्ते के निर्माण के बीच इसी बात को लेकर दोनों गुटों में जमकर मारपीट शुरू हो गई। इसमें महिलाएं भी शामिल थीं। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से एक दूसरे पर डंडों से प्रहार किए जा रहे हैं। यहां तक की लड़ते-लड़ते एक व्यक्ति रास्ते के साथ खाई में भी लुढ़क गया और दूसरा व्यक्ति नीचे पहुंचकर भी उससे मारपीट कर रहा है। फिलहाल पुलिस ने राजस्व विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया है और जमीन से संबंधित कागजात मांगे गए है। इस घटना में अमर दत्त, मस्त राम, रेशमा व सुलेखा घायल हुई है। पुलिस के अनुसार घायलों को राजगढ़ से सोलन अस्पताल रेफर किया गया है, जहां से उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है।
Day: April 7, 2025
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनवाने के लिए शुल्क लगाने की तैयारी…
लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आने वाले मरीजों को जल्द ही ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ सकती है. सरकार अस्पतालों में पर्ची बनाने पर 10 रुपये शुल्क लगाने की योजना बना रही है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि कई लोग पर्ची बनवाने के बाद इलाज नहीं करवाते, जिससे संसाधनों की बर्बादी होती है. इस शुल्क के ज़रिए मरीजों में जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी और लापरवाही में भी कमी आएगी. डॉ. शांडिल ने कहा कि जैसे PGI चंडीगढ़ में पहले से ही यह शुल्क लिया जाता है, उसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी यह व्यवस्था लागू की जा सकती है. हालांकि, फिलहाल टेस्ट या अन्य चिकित्सा सेवाओं पर कोई अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना नहीं है. यह निर्णय अस्पतालों में बनी रोगी कल्याण समितियों के माध्यम से लिया जाएगा. समिति भविष्य में अपनी जरूरत और स्थिति के अनुसार शुल्क वसूल सकती है. इस प्रस्ताव से उन मरीजों और तीमारदारों को झटका लग सकता है जो दूर-दराज के इलाकों से इलाज के लिए आते हैं. वहीं, सरकार का मानना है कि मामूली शुल्क से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही दोनों में सुधार होगा।सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि हालांकि सरकार ने इस पर अभी फैसला नहीं लिया है, लेकिन रोगी कल्याण समिति की तरफ से पर्ची बनाने के दस रुपए लेने का प्रस्ताव आया है। वह भी इसके पक्ष में हैं। क्योंकि पीजीआई में भी पर्ची बनाने के पैसे लगते हैं। पर्ची के पैसे लेने में कोई हर्ज नहीं है इससे मरीज को फायदा मिलेगा साथ ही अस्पताल प्रशासन को भी लाभ होगा।
प्रशिक्षक बनने के लिए 15 अप्रैल तक करवाए पंजीकरण…
सोलन: यूको आरसेटी सोलन तथा आरसेटी राज्य नियंत्रक द्वारा भावी प्रशिक्षकों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में कौशल प्रशिक्षक प्रमाणन कार्यक्रम के लिए 15 अप्रैल, 2025 तक पंजीकरण किया जा सकता है। यह जानकारी यूको ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान सोलन की निदेशक मीनू बारिया ने दी। मीनू बारिया ने कहा कि डेयरी फार्मिंग और वर्मी कम्पोस्ट बनाना, कृषि उद्यमी, औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और खेती, वाणिज्यिक बागवानी, पॉली हाउस और शेड नेट खेती, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, घर पर बना अगरबत्ती निर्माता, मुलायम खिलौने निर्माता एवं विक्रेता, जूट उत्पाद उद्यमी, वस्त्र चित्रकला उद्यमी (कढ़ाई और कपड़ा पेटिंग), पोशाक आभूषण उद्यमी, मोमबत्ती बनाना, पापड़, आचार और मसाला पाउडर बनाना, महिला दर्जी, फास्ट फूड स्टॉल उद्यमी, बांस एवं बेंत शिल्प बनाना, ब्यूटी पार्लर प्रबंधन, कम्प्यूटरीकृत लेखा, एलएमवी मालिक चालक तथा दुकानदार प्रशिक्षण एवं प्रामणिकरण के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक प्रतिभागी यूको आरसेटी के कार्यालय, समीप ज़िला कल्याण भवन (पुराना बस अड्डा से चम्बाघाट मार्ग पर स्थित) में 15 अप्रैल तक अपना पंजीकरण करवा सकते है। उन्होंने कहा कि प्रमाणिकरण के लिए पात्र शैक्षणिक योग्यता तथा 05 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रमाणन कार्यक्रम में ज्ञान परीक्षण, प्रस्तुतिकरण तथा विषय कौशल मौखिक परीक्षा शामिल होगी। मीनू बारिया ने कहा कि अधिक जानकारी के लिए ओवदक कार्यालय दूरभाष नम्बर 01792-227936 तथा मोबाईल नम्बर 94592-60183, 94592-49459, 98171-54585 तथा निदेशक यूको आरसेटी के मोबाईल नम्बर 89884-39397 तथा ईमेल आईडी एसओएलएनडॉटआरएसईटीआईएटदरेटजीमेलडॉटकॉम (solan.rseti@gmail.com ) पर सम्पर्क कर सकते हैं।
उचित मूल्य की दुकानों के लिए 17 अप्रैल तक करें आवेदन
सोलन: ज़िला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले सोलन श्रवण कुमार हिमालयन ने कहा कि विकास खण्ड सोलन की ग्राम पंचायत पड़ग के गाव पड़ग, विकास खण्ड कुनिहार की ग्राम पंचायत बागा के गांव टोरटी निकट टोरटी मंदिर, वार्ड नम्बर 03 तथा ग्राम पंचायत कोटलू के गांव कोटलू, विकास खण्ड नालागढ़ की ग्राम पंचायत बारियां के गांव महुआ, ग्राम पंचायत बायला के गांव बायला तथा ग्राम पंचायत बहेड़ी के गांव गुनाहखुर्द और विकास खण्ड धर्मपुर की ग्राम पंचायत जाबली के गांव राजड़ी के वार्ड नम्बर 05 में उचित मूल्य की दुकान खोलने के लिए इच्छुक व्यक्ति व संस्थाएं उपरोक्त स्थान पर नई उचित मूल्य की दुकान खोलने के लिए ऑनलाईन माध्यम से वांछित सूचना व अन्य दस्तावेज वेबसाईट (emerginghimachal.hp.gov.in) पर अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आवेदन वेबसाइट पर अपलोड करने की अंतिम तिथि 17 अप्रैल, 2025 निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि आवेदन केवल ऑनलाईन माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे। आवेदन के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक व व्यक्तिगत आवेदनकर्ता की आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि उचित मूल्य की दुकान खोलने के लिए अधिक जानकारी के लिए वांछित औपचारिकताओं के सम्बन्ध में इच्छुक व्यक्ति व संस्थान किसी भी कार्यालय दिवस में कार्यालय आकर या कार्यालय दूरभाष नम्बर 01792-224114 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
मेले, उत्सव एवं त्यौहार हमारी सभ्यता के परिचायक : राजेश धर्माणी
तीन दिवसीय माता मनसा देवी मेला सम्पन्न
सोलन: नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा तथा व्यवसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि मेले, उत्सव एवं त्यौहार हमारी सभ्यता के परिचायक हैं। राजेश धर्माणी गत देर सांय सोलन के धर्मपुर में तीन दिवसीय ज़िला स्तरीय माता मनसा देवी मेले के समापन समारोह को जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। राजेश धर्माणी ने इससे पूर्व माता मनसा देवी मन्दिर में पूजा-अर्चना की और सभी के सुख, स्वास्थ्य एवं समृद्धि की कामना की।
उन्होंने कहा कि मेले, त्यौहर व उत्सवों से लोगों के मध्य भाईचारा व मेल-जोल बढ़ता है। उन्होंने कहा कि मेले युवा पीढ़ी को हमारी पुरातन संस्कृति, परम्पराओं व सभ्यता से रू-ब-रू करवाते हैं। मेलों व उत्सवों में व्यपारिक गतिविधियां भी बढ़ती हैं जिससे क्षेत्र की आर्थिकी को मज़बूती मिलती है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गों के कल्याणार्थ विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी प्रदेश के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जा रही है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं, नीतियां व कार्यक्रम आरम्भ कर राज्य के अंतिम व्यक्ति तक विकास को पहुंचाया जा रहा है। नगर नियोजन मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश को ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ के रूप में विकसित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राइवेट बस, ट्रक ऑपरेटरों को ई-बस तथा ई-ट्रक क्रय करने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य के रूप में विकसित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेड़-पौधे की संख्या और अधिक बढ़ाने के लिए महिला मण्डल तथा युवक मण्डल की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है ताकि ग्राम स्तर तक वन संरक्षण का कार्य हो सके। राजेश धर्माणी ने कहा कि किसानों, बागवानों व पशुपालकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं व मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 45 रुपए से बढ़ाकर 51 रुपए प्रति लीटर तथा भैंस के दूध के मूल्य को 55 रुपए से बढ़ाकर 61 रुपए प्रति लीटर किया गया है जिससे किसान एवं पशुपालक व्यापक तौर पर लाभान्वित होंगे। वहीं इस अवसर पर पहाड़ी कलाकार दलीप सिरमौरी तथा पंजाबी कलाकार जोवन सन्धू सहित अन्य स्थानीय कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कृषि उपज विपणन समिति सोलन के अध्यक्ष रोशन ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी कसौली महेन्द्र प्रताप सिंह, हिमाचल शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता सुरेन्द्र वशिष्ठ, तहसीलदार कसौली जगपाल सिंह, महेश गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद थे।
प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्धः मुख्यमंत्री
शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करवाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत बोर्ड के कार्यों के सुचारू संचालन के लिए एचपीएसईबीएल में बड़े पैमाने पर फील्ड स्टाफ की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में एचपीपीटीसीएल के अधिकारी और कर्मचारी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में एचपीएसईबीएल के कई अधिकारी ऊर्जा निदेशालय, एचपीपीसीएल और पावर कॉरपोरेशन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इन अधिकारियों को 30 अपै्रल तक संबंधित स्थानों में स्थायी रूप से समायोजित होने का विकल्प दिया जाए। इसके पश्चात, जो पद रिक्त रहेंगे उन्हें सरकार प्राथमिकता के आधार पर भरेगी ताकि बोर्ड का कार्य बेहतर ढंग से चल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 मेगावाट क्षमता की उहल चरण-3 जल विद्युत परियोजना का शीघ्र लोकार्पण कर दिया जाएगा। इस परियोजना को 17 मई, 2020 को पेनस्टॉक फटने से नुकसान पहंुचा था। इसके बावजूद वर्तमान राज्य सरकार ने इस परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया और परियोजना के लिए 185 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से अब तक 2.97 करोड़ यूनिट का विद्युत उत्पादन हो चुका है। वर्ष, 2003 में आरम्भ हुई यह परियोजना 22 वर्ष के बाद कार्यशील हो पाई है। यह परियोजना पूरी तरह संचालित होने के उपरान्त प्रतिवर्ष लगभग 392 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी, जिससे राज्य को लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित होगा। इस बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक ऊर्जा राकेश कुमार प्रजापति, एचपीएसईबीएल के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
सचिवालय के बाहर दृष्टिहीन संघ का चक्का जाम, निदेशक किरण भड़ाना का मांगा इस्तीफा…
लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आज दृष्टिबाधित संघ के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दृष्टिबाधित संघ ने आज सोमवार को प्रदेश सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस बल भी तैनात रहा. प्रदर्शन कर रहे लोग छोटा शिमला पुलिस थाने के सामने बैठ गए और चक्का जाम किया. जिससे यातायात ठप हो गया. इस दौरान लोगों ने शिमला आने-जाने के लिए संजौली से बाईपास, ढली बाईपास, विक्ट्री टनल रोड, शिमला से टाॅलैंड खलीनी रोड का इस्तेमाल किया. हम पिछले 535 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही है. सचिवालय के बाहर 12 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आज हमारा 11वां चक्का जाम है. मगर सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. सरकार हमारे साथ जानवरों जैसा बर्ताव कर रही है. अगर हमारी मांगें नहीं सुनी गई तो संघ द्वारा रोज सचिवालय के बाहर चक्का जाम किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने सड़क के बीच में बैठकर अपनी मांगों को लेकर धरना दिया है. दृष्टिबाधित संघ बीते लंबे समय से बैकलॉग की भर्तियों की मांग कर रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है वह लंबे समय से बैकलॉग भर्ती की मांग कर रहे हैं. सरकार के विभिन्न विभागों में बहुत सारे पद खाली हैं, लेकिन लंबित बैकलॉग कोटे की भर्तियां नहीं की जा रही हैं. जिसके कारण दृष्टिबाधितों में खासा आक्रोश है. राजेश ठाकुर ने कहा कि सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले. सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. सीएम सुक्खू ने जो बजट पेश किया है उसमें भी दृष्टिबाधितों के लिए कुछ नहीं है. जिससे उनमें खासा रोष है. शिमला में सचिवालय के बाहर दृष्टिबाधित संघ के चक्का जाम करने से मौके पर लंबा जाम लग गया. जिसके कारण शिमला संजौली सड़क जाम हो गई और प्रशासन को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा. ट्रैफिक पुलिस को चक्का जाम के चलते ऊपरी शिमला से आने वाली बसों को वाया भट्टाकुफर भेजना पड़ा. वहीं, लोकल रूट पर संजौली मुद्रिका चलने वाली बसों को संजौली से ही वापस भेजना पड़ रहा है. दृष्टिहीन संघ का कहना है कि पिछले 535 दिनों से दृष्टिबाधित लगातार बैक लॉग कोटे की भर्तियों की मांग कर रहा है। कई दौर की वार्ता भी हुई, लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार व्यवस्था परिवर्तन और सुख की सरकार का दावा करती है, लेकिन दृष्टिहीन के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जिसके चलते वह सड़कों पर है। इस दौरान दृष्टिहीन संघ ने किरण भड़ाना पर गलत आंकड़े देने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप भी लगाए हैं।
कंगना का विक्रमादित्य पर ‘राजा बाबू’ वाला कटाक्ष, कहा- लोकसभा चुनाव की हार स्वीकार नहीं कर पा रहे
Kangana Ranaut Targets Vikramaditya Singh: अभिनेत्री से राजनीतिक नेता बनीं कंगना रनौत ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अब भी लोकसभा चुनाव में अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पाए हैं। मंडी से सांसद रनौत ने विक्रमादित्य सिंह और उनकी मां तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा होती है, लेकिन सीमाएं नहीं लांघी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी को बार-बार दूसरों पर कीचड़ नहीं उछालना चाहिए और न ही अभद्र भाषा का प्रयोग करना चाहिए. रनौत ने मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विक्रमादित्य सिंह ‘राजा बाबू’ होने के कारण लोकसभा चुनाव में अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह पूर्ववर्ती रामपुर रियासत के राजपरिवार के सदस्य हैं.
सांसद निधि का एक रुपया खर्च नहीं कर सके’
रनौत ने कहा कि मंडी की पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह और उनके परिवार ने पिछले 40 सालों से इस क्षेत्र पर ‘शासन’ किया, लेकिन क्षेत्र में सांसद निधि का एक रुपया खर्च नहीं कर सके. उन्होंने प्रतिभा सिंह पर आरोप लगाया कि वह लोकसभा में एक बार भी क्षेत्र के लोगों का पक्ष रखने में विफल रहीं. रनौत ने मंडी के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण और चुनौतियों को साझा करते हुए कहा कि रेलवे, बिजली और संचार जैसे बुनियादी मुद्दे उठाए जा रहे हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि मंडी विशाल और विविध भौगोलिक क्षेत्र वाला है और इसमें विकास की काफी संभावनाएं हैं, लेकिन मंडी को प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि भरमौर और पांगी जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में परिवहन और संचार सुविधाएं अब भी पर्याप्त नहीं हैं. रनौत ने कहा कि इन क्षेत्रों के लिए सुरंगों और सभी मौसम के लिए उपयुक्त सड़कों के निर्माण की लंबे समय से मांग की जा रही है और इन मुद्दों को संसद में उठाया जा रहा है।
इस बार और ज्यादा तपेंगे पहाड़, अप्रैल में ही हुई मई जैसी गर्मी…
Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में अप्रैल के पहले हफ्ते में ही मई जैसी गर्मी महसूस की जा रही है. प्रदेश के कई शहरों में तापमान सामान्य से 8 डिग्री तक अधिक पहुंच गया है. कुल्लू और मंडी जिलों में लू चलने की चेतावनी जारी की गई है. बीते दिन इन क्षेत्रों में गर्म हवाओं का असर भी देखा गया. किन्नौर के कल्पा में अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 8 डिग्री अधिक है. यह तापमान अप्रैल के रिकॉर्ड 25.2 डिग्री के बेहद करीब है. ऊना में तापमान 36.4 डिग्री, शिमला में 25.5 डिग्री, मनाली में 25.9 डिग्री, भुंतर में 32.8 डिग्री और धर्मशाला में 30.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है. प्रदेश के 12 शहरों में पारा 30 डिग्री को पार कर गया है, वहीं औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 3.9 डिग्री अधिक हो गया है. हालांकि 9 अप्रैल से मौसम में बदलाव के संकेत हैं. पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से 12 अप्रैल तक बारिश की संभावना जताई गई है. 9 अप्रैल को ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बारिश, 10 और 11 अप्रैल को अधिकतर हिस्सों में वर्षा और 12 अप्रैल को फिर से ऊंचे व मध्यवर्ती इलाकों में बारिश के आसार हैं. गर्मी और लू से बचाव के लिए डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग अधिक से अधिक तरल पदार्थ लें, ढीले व सूती कपड़े पहनें, बिना जरूरत धूप में बाहर न निकलें और बाहर निकलते समय सिर को ढकें. हीटवेव के लक्षण जैसे कमजोरी, सिर दर्द, उल्टी, दस्त या चक्कर आने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें. ORS का घोल और पानी साथ रखें तथा हल्का व संतुलित भोजन करें।