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सचिवालय के बाहर दृष्टिहीन संघ का चक्का जाम, निदेशक किरण भड़ाना का मांगा इस्तीफा…

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आज दृष्टिबाधित संघ के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दृष्टिबाधित संघ ने आज सोमवार को प्रदेश सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस बल भी तैनात रहा. प्रदर्शन कर रहे लोग छोटा शिमला पुलिस थाने के सामने बैठ गए और चक्का जाम किया. जिससे यातायात ठप हो गया. इस दौरान लोगों ने शिमला आने-जाने के लिए संजौली से बाईपास, ढली बाईपास, विक्ट्री टनल रोड, शिमला से टाॅलैंड खलीनी रोड का इस्तेमाल किया. हम पिछले 535 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही है. सचिवालय के बाहर 12 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आज हमारा 11वां चक्का जाम है. मगर सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. सरकार हमारे साथ जानवरों जैसा बर्ताव कर रही है. अगर हमारी मांगें नहीं सुनी गई तो संघ द्वारा रोज सचिवालय के बाहर चक्का जाम किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने सड़क के बीच में बैठकर अपनी मांगों को लेकर धरना दिया है. दृष्टिबाधित संघ बीते लंबे समय से बैकलॉग की भर्तियों की मांग कर रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है वह लंबे समय से बैकलॉग भर्ती की मांग कर रहे हैं. सरकार के विभिन्न विभागों में बहुत सारे पद खाली हैं, लेकिन लंबित बैकलॉग कोटे की भर्तियां नहीं की जा रही हैं. जिसके कारण दृष्टिबाधितों में खासा आक्रोश है. राजेश ठाकुर ने कहा कि सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले. सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. सीएम सुक्खू ने जो बजट पेश किया है उसमें भी दृष्टिबाधितों के लिए कुछ नहीं है. जिससे उनमें खासा रोष है. शिमला में सचिवालय के बाहर दृष्टिबाधित संघ के चक्का जाम करने से मौके पर लंबा जाम लग गया. जिसके कारण शिमला संजौली सड़क जाम हो गई और प्रशासन को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा. ट्रैफिक पुलिस को चक्का जाम के चलते ऊपरी शिमला से आने वाली बसों को वाया भट्टाकुफर भेजना पड़ा. वहीं, लोकल रूट पर संजौली मुद्रिका चलने वाली बसों को संजौली से ही वापस भेजना पड़ रहा है. दृष्टिहीन संघ का कहना है कि पिछले 535 दिनों से दृष्टिबाधित लगातार बैक लॉग कोटे की भर्तियों की मांग कर रहा है। कई दौर की वार्ता भी हुई, लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार व्यवस्था परिवर्तन और सुख की सरकार का दावा करती है, लेकिन दृष्टिहीन के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जिसके चलते वह सड़कों पर है। इस दौरान दृष्टिहीन संघ ने किरण भड़ाना पर गलत आंकड़े देने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप भी लगाए हैं।

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