



शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज बुधवार (26 मार्च) को राजधानी शिमला स्थित सरकारी आवास ‘ओक ओवर’ में अपना 61वां जन्मदिवस मनाया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने अपनी धर्मपत्नी विधायक कमलेश ठाकुर और बेटी के साथ इस मौके पर 60 किलो का केक काटा. इस दौरान कई मंत्री, विधायक और नेता बधाई देने भी पहुंचे. सीएम सुक्खू के जन्मदिन के मौके पर समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर नाटी भी डाली.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने अपने जन्मदिन पर लोगों का धन्यवाद किया और कहा, “पिछले साल इस समय हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक आपदा थी, लेकिन राज्य की जनता ने हमारा साथ दिया और अब हम 34 से 40 तक पहुंच गए है.” बता दें पिछले साल राजनीतिक उथल-पुथल के चलते कांग्रेस के छह विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए थे. उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश अब अपने पांव पर खड़ा हो रहा है. व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाना है. सरकार ने आर्थिक सुधारों के लिए जो कदम उठाए उसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं. हिमाचल में लगी विद्युत परियोजनाओं से उन्हें हिस्सेदारी कम मिल रही है. इसमें केंद्र से भी बात की जा रही है, हिमाचल के हकों की लड़ाई में विपक्ष भी हमारा साथ दे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने जन्मदिन पर प्रदेश की जनता का धन्यवाद करते हुए कहा मेरे जन्मदिन पर बीते साल राजनीतिक आपदा थी लेकिन प्रदेश की जनता ने मेरा साथ दिया और हमारे विधायकों की संख्या एक बार फिर 34 से 40 पहुंची. आज मेरे जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश का बजट पास होना है. मैं प्रदेशवासियों का आभार जताता हूं. हमने सरकार बनाने के बाद जनता की आशाओं के अनुरूप फैसले लिए हैं और हमें प्रदेश की जनता के हर वर्ग का साथ अपने फैसलों में मिला है। बीते साल 27 फरवरी 2024 को हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर चुनाव हुआ था जिसमें कांग्रेस के पास विधानसभा में बहुमत होने के बाद भी बीजेपी के प्रत्याशी हर्ष महाजन को जीत मिली थी. कांग्रेस के पास वोटिंग के समय 40 विधायक थे और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को ही मिला था जबकि बीजेपी के पास केवल 25 विधायक थे. ऐसे में वोटिंग के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों व 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया था. दोनों प्रत्याशियों को 34-34 वोट पड़े और फिर पर्ची के तहत नतीजा बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में गया था जिसके बाद कांग्रेस ने अपने 6 विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. लोकसभा चुनाव के साथ इन 6 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव हुआ था जिसमें से कांग्रेस के पक्ष में 4 सीटें आई थीं और बीजेपी ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, 3 निर्दलीय विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था जिसको विधानसभा स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया था और ये मामला हाईकोर्ट में चला था जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया था जिसके बाद जब अलग से 3 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव हुए तो बीजेपी ने तीनों निर्दलीय विधायकों को अपने टिकट पर चुनाव लड़वाया जिसमें से 1 सीट पर बीजेपी और 2 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.