



शिमला : हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला में सरकारी टैक्सियों के किराए में इजाफा हुआ है. परिवार मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हाल ही में एचआरटीसी बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में यह फैसला लिया था और अब इसे लागू कर दिया है. हालांकि, मंत्री मुकेश अग्निहोत्री इस बात से इंकार करते रहे. लेकिन अब आधिकारिक तौर किराये में इजाफा कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार, शिमला शहर में एचआरटीसी राइड विद प्राइड के तहत इनोवा टैक्सियां चलाता है. अब इनका किराया बढ़ा दिया गय है। सुक्खू सरकार ने अपनी नोटिफिकेशन ने कहा कि हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के निदेशक मंडल की 159वीं बैठक में 22.02.2025 को होटल हॉलिडे होम शिमला में मंजूरी दी गई है. निर्णय के अनुसार: “निदेशक मंडल ने सामान्य जनता के लिए प्रत्येक किराया स्लैब में 10 रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराये में कोई बढ़ौतरी नहीं की गई है. वहीं, संजौली-आईजीएमसी पर चलने वाली टैक्सियों का किराये में भी बदलाव नहीं किया गया है और संजौली चौक से आईजीएमसी के लिए शुल्क 10 रुपये ही रहेगा.शिमला में एचआरटीसी के डिवीजन मैनेजर देवा नेगी ने बताया कि एचआरटीसी की ‘राइड विद प्राइड’ इनोवा टैक्सियों के किराए में ₹10 की बढ़ोतरी कर दी गई है. हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों और मरीजों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उधर, आम जनता को इस बढ़ी हुई दर का सामना करना पड़ेगा और शहर में सफर करना और महंगा हो जाएगा, जिससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. गौरतलब है कि किलोमीटर के हिसाब से किराये में दरें तय की गई थी, इनमें 10 रुपये का इजाफा किया गया है. हिमाचल प्रदेश में जहां आर्थिक संकट देखने को मिल रहा है, वहीं, एचआरटीसी भी घाटे में चल रहा है. हालांकि, लगेज पॉलिसी और घाटे के रूट बंद करने से एचआरटीसी की कमाई जरूर बढ़ी है. लेकिन हर माह एचआरटीसी को सरकार की तरफ से 70 करोड़ रुपये की ऐड दी जाती है. हर माह एचआरटीसी को खर्चा, सैलरी और पेंशन के लिए 150 करोड़ रुपये की जरूरत रहती है. जबकि इसका आधा ही एचआरटीसी की कमाई है।