



- श्रावण मास 22 जुलाई से प्रारंभ होकर 19 अगस्त तक रहेगा।
- श्रावण मास को लेकर सभी शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू।
भगवान शिव की आराधना का पर्व सावन माह 22 जुलाई शुरू होगा। मंदिरों में पर्व मनाने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस वर्ष सावन माह के पांच सोमवार आएंगे। इस बार खास बात यह है कि सोमवार से श्रावण माह की शुरुआत हो रही है, तो वहीं महीने का समापन भी सोमवार को ही होगा। इस बार श्रावण मास विशेष अद्भुत संयोग में आ रहा है। ज्योतिर्विद् पं. अजय जोशी व पंडित गोपाल जोशी ने बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। इस महीने में भगवान विष्णु के पाताल लोक में जाने के बाद भगवान शिव उनका कार्यभार संभालते हैं। देवशयनी एकादशी के बाद श्रावण मास 22 जुलाई से प्रारंभ होकर 19 अगस्त तक रहेगा।
इस वर्ष श्रावण मास का महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि इस वर्ष श्रावण मास सोमवार श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रारंभ हो रहा है। इस वर्ष एक दुर्लभ योग लगभग 70 वर्षों के पश्चात बन रहा है। इस वर्ष श्रावण का प्रारंभ सोमवार से होगा। रक्षाबंधन भी सोमवार के दिन रहेगा। श्रावण मास को लेकर सभी शिव मंदिरों में तैयारी शुरू हो चुकी है।
भगवान शिव की पूजा के विविध प्रकार
- भगवान को दूध चढ़ाकर पूजन करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
- दही चढ़ाने से घर में सुख-शांति बढ़ती और कभी विवाद नहीं होता है।
- घी चढ़ाने से घर में धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती है।
- शहद चढ़ाने से परिवार का कोई सदस्य बीमार नहीं पड़ता है।
- शक्कर चढ़ाने से घर-परिवार में सुख-शांति बढ़ती है।
- पंचामृत चढ़ाने से सभी प्रकार के वैभव की प्राप्ति होती है।
- चंदन चढ़ाने से हमें शांति प्राप्त होती है।
- इत्र चढ़ाने से से हमारा घर सुगंधित व परिवार में सामंजस्य की प्राप्ति होती है।
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महीने में ये खास दिन
- 22 जुलाई- श्रावण सोमवार
- 23 जुलाई- मंगला गौरी व्रत
- 29 जुलाई- श्रावण सोमवार
- 30 जुलाई- मंगला गौरी व्रत
- 4 अगस्त- हरियाली अमावस्या
- 5 अगस्त- श्रावण सोमवार
- 6 अगस्त- मंगला गौरी व्रत
- 12 अगस्त- श्रावण सोमवार
- 13 अगस्त- मंगला गौरी व्रत
- 19 अगस्त- श्रावण सोमवार