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अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के सरस मेले में पहुंचा एक लाख की कीमत वाला “चंबा रुमाल”

मंडी : आज के दौर में अमूमन सभी लोग रुमाल का इस्तेमाल करते हैं और अपना रूमाल हमेशा अपनी जेब में ही रखते हैं। लेकिन आज हम जिस रूमाल की बात कर रहे हैं वह जेब में रखने वाला नहीं बल्कि फोटो की तरह फ्रेम में रखने वाला रुमाल है। इस रूमाल का नाम है चंबा रूमाल और यह रूमाल इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के सरस मेले में भी पहुंचा है। इस रूमाल की कीमत एक लाख रुपए है। इसकी खासियत यह है कि इसमें दोनों तरफ एक जैसी कढ़ाई की जाती है। जिस कारण यह रूमाल दोनों ओर से एक जैसा दिखता है और इसे तैयार करने में कई महीने लगते हैं। चंबा जिला की सुनीता ठाकुर ने सरस मेला की प्रदर्शन एवं बिक्री में चंबा रूमाल का स्टॉल लगाया है। इन रूमालों को देखने के लिए स्टाल में लोगों की काफी भीड़ उमड़ रही है और यह रूमाल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सुनिता ठाकुर चंबा जिला में नारायण स्वयं सहायता समूह की संचालक है और इनके साथ 7 और महिलाएं जुडी हैं जो चंबा रूमाल पर कारीगिरी करती है। सुनिता ने बताया कि वे पिछले 30 सालों से चंबा रूमाल तैयार कर रही हैं और 50 महिलाओं को निशुल्क चंबा रूमाल तैयार करने की ट्रेनिंग भी दे चुकी है। इस स्टॉल में उनके पास 200 रुपए से लेकर 1 लाख तक के रूमाल बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

सुनीता ठाकुर ने बताया कि चंबा रूमाल बनाने के लिए रेशम का धागा इस्तेमाल किया जाता है, जिसे अमृतसर से लाया जाता है। रूमाल को किसी भी कपड़े पर बनाया जा सकता है। सुनिता ने बताया कि वे पहली बार शिवरात्रि महोत्सव के सरस मेले में पहुंची हैं। उनके इस रूमाल को देखने के लिए काफी लोगों की भीड़ स्टाल पर जुट रही है और कुछ लोग छोटे डिजाइन के रूमाल खरीद भी रहे हैं।

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बना चुके चंबा रूमाल की इस कढ़ाई को रियासत काल में चंबा के राजा पृथ्वी सिंह ने संवारा था। इस कला को उस समय आम लोगों के साथ शाही परिवार भी चंबा रुमाल की कढ़ाई किया करते थे। आज के दौर में इस रूमाल की लोकप्रियता अंतरराष्ट्रीय स्तर तक है और यह रूमाल विश्व भर में विख्यात है।

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