



शिमला : हिमाचल किसान सभा ने विश्व खाद्य दिवस के विशेष अवसर पर देश के स्तर पर खाद्य सुरक्षा की स्थिति को आमजन के सक्षम रखने का प्रयास किया है। किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि भारत की खाद्य सुरक्षा स्थिति अच्छी नहीं है। बीते सप्ताह जारी नवीनतम ग्लोबल हंगर इंडेक्स जीएचआई ने एक बार फिर भारत में खाद्य असुरक्षा और कुपोषण की बिगड़ती स्थिति का उल्लेख किया है। उन्होने बताया कि जैसा कि हम 16 अक्टूबर एक और ’’विश्व खाद्य दिवस’’ मना रहे हैं।
उन्होने बताया कि जीएचआई के मामले में भारत की गिरती रैंक ने एक बार फिर दिखाया है कि कोविड महामारी और मोदी सरकार द्वारा बिना किसी योजना के 2020 में लगाए गए कठोर लॉकडाउन का लोगों के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा। महामारी और लॉकडाउन के कारण आजीविका के नुकसान के प्रतिकूल प्रभाव को मोदी सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों द्वारा कम नहीं किया गया। यह याद रखने योग्य है कि गोदाम में 10 करोड़ टन से अधिक अनाज होने के बावजूद मोदी सरकार ने महामारी के दौर में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का दायरा बढ़ाने और पहुंच को सार्वभौमिक बनाने से इनकार कर दिया।
भारत में खाद्य असुरक्षा की स्थिति का लगातार बिगड़ना मोदी सरकार की भारतीय जनता के प्रति उदासीनता का परिणाम है। आम तौर पर आर्थिक संकट और विशेष रूप से भारत में लाखों लोगों द्वारा सामना किए जा रहे कृषि संकट की गंभीरता को पहचानने और भारत में गरीबी और खाद्य असुरक्षा को कम करने के लिए काम करने के बजाय मोदी सरकार की प्रतिक्रिया सर्वेक्षण बंद करने, सभी स्वतंत्र सबूतों को खारिज करने की रही है।
डाॅ. कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि आने वाले महीनों में अखिल भारतीय स्तर पर किसान मोर्चा इस जनविरोधी सरकार को हराने के लिए किसानों को एकजुट करेगा। मोदी सरकार को अपनी जनविरोधी नीतियों और लोगों को दी गई तकलीफों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।