



राजगढ़ : राजगढ़ ब्लाॅक के खड़ैल में पैरवी खड्ड पर करीब 40 साल पूर्व बने फुटब्रिज की हालत दयनीय हो चुकी है, जिसकी आजतक किसी भी सरकार ने सुध नहीं ली है। बरसात में समूचे डिम्मण क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डालकर इस पुल को लांघते हैं और कभी भी कोई हादसा पेश आ सकता है। बता दें कि पैरवी खडड से दूसरी ओर के समूचे क्षेत्र को डिम्मण कहा जाता है, जिसमें करीब 20 गांव आते हैं। खडैल गांव के जगदीश चौहान, प्रेम सिंह, सत्यानंद, सुन्दर सिंह, थैना गांव के सुशील, दुर्गा सिंह, संजय, चबीऊल के बिप्तानदं, इंद्र सिंह, धार बघेड़ा से बेलीराम आर्य, चतर सिंह सहित अनेक लोगों ने बताया कि डिम्मण क्षेत्र से राजगढ़ आने के लिए सबसे पुराना रास्ता इस पुल के माध्यम से है।
बरसात के दिनों में पैरवी खडड में बाढ़ आने पर यह समूचा क्षेत्र कट जाता था, जिसके चलते स्थानीय पंचायत द्वारा करीब 40 साल पहले खड़ैल के नीचे पैदल चलने योग्य पुल बनाया गया था, जोकि वर्तमान में काफी खराब हो चुकी है। पुल के ऊपर लगे लकड़ी फटटे टूट चुके हैं। हालांकि राजगढ़-हाब्बन रोड़ से कोट से डिम्मण क्षेत्र के अनेक गांव के लिए सड़क पहुंच चुकी है। इसके बावजूद भी लोग सबसे निकटतम रास्ता होने के इस रूट के माध्यम से राजगढ़ पहुंचते हैं। यह पुल राजगढ़ व डिम्मण क्षेत्र को जोड़ता है।
जगदीश चौहान ने बताया कि डिम्मण क्षेत्र से अधिकांश बच्चें पुल को लांघ कर काॅलेज और स्कूल पहुंचते हैं। छोटे बच्चों को हाथ से पकड़कर पुल पार करवाते हैं। आलम यह है कि पुल के ऊपर लगे लकड़ी के फटटे सारे सड़ चुके हैं, जिससे कभी भी कोई हादसा पेश आ सकता है, शायद सरकार व स्थानीय पंचायत इसी दिन का इंतजार कर रही है।
डिम्मण क्षेत्र के लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस पुल की तुरंत मरम्मत करवाई जाए, ताकि विशेषकर काॅलेज, स्कूल और विभिन्न कार्य से राजगढ़ जाने वाले लोग आसानी से इस पुल को पार कर सकें। थैना बसौत्री पंचायत के प्रधान नरेश कुमार ने माना कि पैदल चलने योग्य पुल की हालत बहुत खराब है। इसकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव पारित करके सरकार को भेजा जाएगा, ताकि धनराशि का प्रावधान हो सके।