पंजाब: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को रोकने और भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वतन लौटने का आदेश देने जैसे फैसले शामिल हैं। पहले इन नागरिकों को तय तारीख तक भारत छोड़ना था, लेकिन कई लोग बॉर्डर तक पहुंच ही नहीं पाए थे। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने इनकी वतन वापसी की समय सीमा को अगली सूचना तक बढ़ा दिया है।
पाकिस्तान ने नहीं खोले गेट
हालांकि अटारी बॉर्डर (वाघा बॉर्डर) पर एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। कई पाकिस्तानी नागरिक अपने देश लौटने के लिए अटारी बॉर्डर तक पहुंचे, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से गेट ही नहीं खोला गया। इसके चलते ये लोग भारत में ही फंसे रह गए हैं। तेज गर्मी में ये लोग खुले आसमान के नीचे कई घंटे से इंतजार कर रहे हैं। बॉर्डर पर फंसे नागरिकों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं। कई लोग धार्मिक या पारिवारिक वजहों से भारत आए थे। क्वेटा से आए सूरज ने बताया कि वह अपनी मां को हरिद्वार गंगा स्नान कराने के लिए 15 अप्रैल को भारत आए थे। अब उन्हें लौटना है, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से गेट बंद होने के कारण वे वापस नहीं जा पा रहे।
भारत का फैसला, लेकिन पाकिस्तान की जिद
भारत सरकार ने मानवीय आधार पर पाकिस्तानी नागरिकों को समय दिया है कि वे अटारी बॉर्डर से अपने देश लौट सकें। लेकिन जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान जानबूझकर गेट नहीं खोल रहा है ताकि भारत-पाक रिश्तों में और तनाव पैदा हो। भारतीय अधिकारी बार-बार पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इन नागरिकों को सुरक्षित वतन लौटाया जा सके, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।