ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने जांची स्ट्रांग रूम की व्यवस्था…

सोलन: ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने 51-नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में उप-चुनाव के दृष्टिगत आज नालागढ़ स्थित राजकीय महाविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ई.वी.एम) एवं वी.वी.पैट के लिए स्थापित स्ट्रांग रूम का निरीक्षण किया और अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश जारी किए। ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 51-नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन पूर्व एवं निर्वाचन उपरांत ई.वी.एम. तथा वी.वी.पैट. को सुरक्षित रखने के लिए स्ट्रांग रूम स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्ट्रांग रूम की सुरक्षा एवं अन्य मानक भारत के निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार निर्धारित किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक बद्दी इलमा अफ़रोज़, उपमण्डलाधिकारी (ना.) नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, उप पुलिस अधीक्षक नालागढ़ भीष्म ठाकुर सहित निर्वाचन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने से प्रदेश की जनता में भय : राजीव सैजल

सोलन : हिमाचल प्रदेश की मित्रों की सरकार में शांतिप्रिय प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगाड़ दी है। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने से प्रदेश की जनता में भय का वातावरण साफ दिखाई दे रहा है। ये बात भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डॉ राजीव सैजल ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा कि हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला के भटोलीकला में यूनिकेम चौक के पास खेत में एक प्रवासी युवक का शव खून से सना मिला। कांग्रेस की सरकार में आए दिन बड़ी संख्या में हत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं यह हिमाचल प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रहार है। इस घटना में युवक का शव मिलने की खबर मिलते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई, भय का वातावरण खड़ा हो गया। जानकारी के अनुसार मृतक यूपी के बांदा जिले का रहने वाला था। खेत में पड़ा मिला युवक का शव, जानकारी अनुसार बरोटीवाला के भटोलीकला में यूपी के बांदा जिले का राजानाती अपने भाई कमलेश के साथ रहता था। बीते दिन जब राजानाती ड्यूटी से कमरे पर लौटा तो उसने अपने भाई कमलेश को नहीं देखा, जिसके बाद उसने कमलेश को ढूंढना शुरू किया। इस दौरान उसने देखा कि उसका भाई पास के खेत में पड़ा है, जब उसके पास जाकर देखा तो उसका भाई कमलेश खून से लथपथ पड़ा हुआ था। जिसके बाद लोगों की मदद से उसने बरोटीवाला थाने को सूचना दी। मृतक कमलेश के मुंह के अंदर एक लकड़ी का डंडा गले तक डाला हुआ है, वहीं, मृतक के सिर और मुंह पर पत्थर से मारने के निशान मिले। यह घटना एक दर्दनाक घटना है जिससे हिमाचल की देवभूमि शर्मसार हुई है। उन्होंने कहा की पुलिस थाना नालागढ़ के तहत एक महिला के साथ बलात्कार करने वाले समुदाय के आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस अधिकारी द्वारा जांच अधिकारी पर दबाव डालने का मामला सामने आया है। पुलिस अधिकारी के बार-बार दबाव डालने से तंग आकर जांच अधिकारी ने समय से पहले सेवानिवृति तक ले ली। ऐसी कई घटनाएं है जो सरकार के समय उजागर हो रही है अगर हम इसकी बात करना है शुरू करें तो एक लंबी सूची बन जाएगी।

Dehra Bye-Election: देहरा के दिल में क्या? उपचुनाव में किसके पक्ष में है सियासी हवा, 2 बार मिली है निर्दलीय को जीत…

Bye-Election in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्र देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने जा रहा है. तीनों ही सीटों पर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के बाद उपचुनाव की स्थिति पैदा हुई है. इस्तीफा देने वाले पूर्व में रहे निर्दलीय विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपना प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने नालागढ़ और हमीरपुर से उम्मीदवार की घोषणा की है. वहीं देहरा में सूची घोषित होने का इंतजार किया जा रहा है. नालागढ़ से कृष्ण लाल ठाकुर, हमीरपुर से आशीष शर्मा और देहरा से होशियार सिंह बीजेपी के उम्मीदवार हैं. हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्र में 10 जुलाई को उपचुनाव होना है. इसके नतीजे 13 जुलाई को आएंगे.

देहरा में वोटरों की संख्या

बात अगर देहरा विधानसभा क्षेत्र की करें, तो यह हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा का हिस्सा है. हालांकि लोकसभा चुनाव के लिहाज देखें, तो यह सीट हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत आती है. देहरा विधानसभा क्षेत्र में 43 हजार 124 पुरुष और 41 हजार 818 महिला वोटर हैं. इस तरह यहां वोटरों की कुल संख्या 84 हजार 942 है. 1 जून को हुए लोकसभा चुनाव में यहां 56 हजार 291 लोगों ने वोट डाला. इसमें बीजेपी को 15 हजार 317 की लीड मिली.

लगातार दो बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीता चुनाव

भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर उपचुनाव लड़ रहे होशियार सिंह साल 2017 और साल 2022 में निर्दलीय विधायक के तौर पर विधानसभा पहुंचने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले होशियार सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देकर प्रत्याशी बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. बीजेपी ने अपना प्रत्याशी पुराने सिपाही रमेश चंद ध्वाला को बनाया. रमेश चंद ध्वाला इससे पहले ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते रहे, लेकिन हिमाचल बीजेपी संगठन के एक आला नेता के साथ उनकी अनबन के चलते आखिरी वक्त पर उनकी सीट को बदल दिया गया. ध्वाला को ज्वालामुखी छोड़ देहरा में चुनाव लड़ना पड़ा और यहां उनकी हार हुई.

बीजेपी से चुनाव लड़ने की हसरत पुरानी

बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे होशियार सिंह इससे पहले कई बार बीजेपी के नेताओं के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल चुके हैं. हालांकि राज्यसभा चुनाव के बाद घटित हुए सियासी घटनाक्रम ने होशियार सिंह को एक बार फिर बीजेपी के साथ लाकर खड़ा कर दिया और वह पहली बार किसी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसी तरह बात अगर कांग्रेस की करें, तो यहां अब तक कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. साल 2022 का विधानसभा चुनाव यहां से डॉ. राजेश शर्मा ने लड़ा था. डॉ राजेश शर्मा हिमाचल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी हैं और स्वास्थ्य क्षेत्र में समाज सेवा के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रमेश ध्वाला भी एक शर्त के साथ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के संकेत दे चुके हैं. ध्वाला चाहते हैं कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार देहरा को जिला बनाने की घोषणा करे. अगर कांग्रेस ऐसा करती है, तो वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.

साल 2022 में देहरा विधानसभा का रिजल्ट

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के रमेश चंद को 16 हजार 730, कांग्रेस के डॉ. राजेश शर्मा को 19 हजार 120 और निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह को 22 हजार 997 वोट मिले थे. वहीं, बहुजन समाज पार्टी के हरबंस सिंह को 213, आम आदमी पार्टी के मनीष कुमार को 483 और निर्दलीय प्रत्याशी वरुण कुमार ने 560 वोट हासिल किए थे. इसके अलावा 472 लोगों ने नोटा का बटन भी दबाया था. इस तरह कुल 60 हजार 575 वोट में से 22 हजार 997 वोट लेकर होशियार सिंह ने जीत हासिल की थी.

क्या रहे पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम?

देहरा विधानसभा क्षेत्र में अगर साल 2012 और साल 2017 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डाली, जाए तो यहां कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब हो गई थी. बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नजदीकी रहे रविंद्र सिंह रवि ने 15 हजार 293 वोट के बड़े मार्जिन से यहां जीत हासिल की थी.

क्या रहे पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम?

देहरा विधानसभा क्षेत्र में अगर साल 2012 और साल 2017 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डाली, जाए तो यहां कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब हो गई थी. बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नजदीकी रहे रविंद्र सिंह रवि ने 15 हजार 293 वोट के बड़े मार्जिन से यहां जीत हासिल की थी. रविंद्र सिंह रवि को 24 हजार 463 और कांग्रेस के योग राज को सिर्फ 9 हजार 170 वोट ही मिले थे. साल 2017 का विधानसभा चुनाव देहरा से निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह जीते. होशियार सिंह को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 24 हजार 206 वोट, बीजेपी के रविंद्र सिंह रवि को 20 हजार 292 और कांग्रेस की विप्लव ठाकुर को 8 हजार 289 वोट मिले थे. इस तरह होशियार सिंह 3 हजार 914 वोट के मार्जिन से जीत हासिल करने में सफल रहे थे।

सोलन उपमण्डल में 24 जून को स्थानीय अवकाश घोषित

सोलन: उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने 24 जून, 2024 (सोमवार) को माँ शूलिनी मेला के अवसर पर सोलन उपमण्डल की परिधि में स्थानीय अवकाश घोषित किया है।उपायुक्त ने इस सम्बन्ध में कार्यालय आदेश जारी किए हैं।

13 दिन में 500000 गाड़ियां पहुंचीं शिमला, हिमाचल की हो गई चांदी…

सोलन: मैदानी राज्यों में गर्मी की मार इस कदर पड़ रही है कि अब कूलर-एसी भी काम कर नहीं रहा है. इस बीच लोग पहाड़ी राज्यों की तरफ निकल रहे हैं. ऐसे में हिमाचल और उत्तराखंड से सटे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और यूपी के लोग लाखों की संख्या में पहुंच रहे हैं. पहाड़ों पर लोगों की भीड़ का आलम यह है कि ट्रैफिक जाम के साथ-साथ होटलों की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटकों की भारी आमद के कारण पिछले दो हफ्तों में राज्य की राजधानी और देश के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक शिमला को पांच लाख से अधिक वाहन पार कर चुके हैं. इसमें सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट से शहर में एंट्री करने और बाहर निकलने वाले सभी प्रकार के वाहन शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, शुक्रवार तक 13 दिनों में शहर में 5,12,345 वाहन आए, जो शहर की कुल क्षमता की तुलना में बहुत बड़ी संख्या है. प्रतिदिन औसतन 25,000 से अधिक वाहन शहर में प्रवेश कर रहे हैं और बाहर निकल रहे हैं.

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल हिमाचल प्रदेश में इस गर्मी में पर्यटकों की आमद में तेज वृद्धि देखी जा रही है। इसी प्रकार जिला सोलन के कसौली और चायल जैसे महत्वपूर्ण पर्यटक हिल स्टेशन भी पर्यटकों से पूरी तरह भरे हुए हैं। इस सप्ताहांत शनिवार और रविवार को ही 50000 से ज़्यादा वाहन शिमला को पड़ोसी राज्यों से जोड़ने वाले एनएच-05 पर पहुंचे। परवाणू, धर्मपुर और सोलन में विभिन्न स्थानों पर एनएचएआई द्वारा किए जा रहे राजमार्ग बहाली कार्य को ध्यान में रखते हुए इस विशाल यातायात को प्रबंधित करना सोलन पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है, जहां केवल एक यातायात लेन काम कर रही है – इन स्थानों पर वाहन की आवाजाही काफी धीमी हो जाती है। इसके अलावा परवाणु टोल प्लाजा पर मैन्युअल टोल संग्रह के परिणामस्वरूप आने वाले वाहनों की गति धीमी हो जाती है। फिर भी, एनएच से जुड़े थानों के पुलिसकर्मी और बटालियन के 100 से ज़्यादा जवान 24 घंटे यातायात संचालन को नियंत्रित कर रहे हैं और यातायात संचालन को सुचारू बनाने के प्रयास कर रहे हैं।

इसके अलावा, सोलन जिले के भीतर पूरे एनएच यानी टिपरा से शालाघाट, सोलन तक, ट्रैफिक जाम की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए 7 मोटर साइकिल गश्त दल भी तैनात किए गए हैं। 

हिमाचल में दो सीटों पर कांग्रेस के टिकट का ऐलान: नालागढ़ से बावा हरदीप, हमीरपुर से डॉ. पुष्पेंद्र को बनाया प्रत्याशी ….

शिमलाः हिमाचल प्रदेश के 3 और उत्तराखंड के 2 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. इसके तहत हमीरपुर से डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा, नालागढ़ से हरदीप सिंह बावा, उत्तराखंड के बद्रीनाथ विधानसभा सीट से लखपत बुटोला, मंगलुर से काजी निजामुद्दीन के नाम का ऐलान किया है. हालांकि हिमाचल की देहरा सीट पर अभी उम्मीदवार के नाम का ऐलान पार्टी की तरफ से नहीं किया गया है. बता दें कि उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 जून है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों को हिमाचल की तीनों सीटों पर उम्मीदवार बनाया है. देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर को टिकट दिया है. बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में ये तीनों सीटें निर्दलीय विधायकों के खाते में ही थी. हालांकि निर्दलीय विधायक सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को सपोर्ट कर रहे थे. इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में तीनों विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया और फिर विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजे से ठीक एक दिन पहले उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया गया. तीनों विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को मतदान होगा और 13 जुलाई को रिजल्ट सामने आएगा।

कंचनजंगा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी के पास हादसे का शिकार; रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव-CM ममता ने जताया दुःख….

बिहार-बंगाल की सीमा के पास एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ। रांगापानी रेलवे स्टेशन पर सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। इस टक्कर के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। तीन बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई और 25 घायल हुए हैं। यह दुर्घटना न्यू जलपाईगुड़ी के पास हुआ। रेलवे की टीम जांच में जुट गई है। हादसे के बाद से ही रेल परिचालन ठप हो गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हादसे को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस घटना पर दुख जताया।

अश्विनी वैष्णव ने इस रेल दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, “एनएफआर जोन में दुर्भाग्यपूर्ण हादसा। बचाव कार्य जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ एकसाथ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल में पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “दार्जिलिंग जिले के फनसीदेवा इलाके में रेल दुर्घटना के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। इस घटना को लेकर अन्य जानकारी का इंतजार है। कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। बचाव के लिए डीएम, एसपी, डॉक्टर, एंबुलेंस और आपदा टीमों को घटनास्तल पर भेजा गया है। कार्रवाई शुरू हो गई है। आपको बता दें कि बिहार-बंगाल की सीमा के पास ट्रेन हादसा हुआ है। सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। हादसे में कंजनजंगा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे बेपटरी हो गए। हादसे के बाद हड़कंप मच गया। रेलवे की टीम जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि रंगा पानी और निजबाड़ी के पास हुए हादसे में तीन बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। रेलवे की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है। घायल यात्रियों को बाहर निकाला जा रहा है। हादसे में पांच लोगों की मौत की बात सामने आ रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक रॉय ने कहा कि स्थिति अभी गंभीर है। कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। घटना में पांच लोगों की मौ हुई। 25 लोग घायल हुए हैं। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत बड़ा हादसा हुआ है। निजबाड़ी से कुछ दूर पहले ट्रेन खड़ी थी। अचानक पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि दो बोगी एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गई। वहीं मालगाड़ी का एक डिब्बा हवा में ऊपर उठ गई। करीब दो लोगों की मौत की चर्चा है। हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं हादसे के बाद रेल परिचालन ठप है। इधर, रेलवे की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी की गई है। रेलवे ने कहा कि 03323508794 और 03323833326 पर कॉल कर अपने परिजनों या अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यात्रियों का कहना है कि हमलोग ट्रेन में बैठकर बातचीत कर रहे थे। अचानक पीछे से तेज झटका लगा। जब तक कुछ समझ पाते ट्रेन में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। यात्रियों के चीखने चिल्लाने की आवाज जा रही थी। इसके बाद हमलोगों ने बाहर निकलकर देखा तो ट्रेन की तीन बोगियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं।

दार्जिलिंग पुलिस ने दी जानकारी
दार्जिलिंग पुलिस के अतिरिक्त एसपी अभिषेक रॉय ने कहा, “हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। 20-25 यात्री घायल हैं। स्थिति गंभीर है। यह घटना तब घटी जब कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मार दी।

Haryana-Himachal News LIVE: हरियाणा में भीषण गर्मी से हाहाकार, हिमाचल में पड़ेगी बौछार….

शिमला: हरियाणा वन्य जीव विभाग की टीम ने तेंदुआ किया रेस्कयू. पानीपत के भैंसवाल गांव के पास से किया गया रेस्क्यू. रेस्क्यू के बाद नेशनल पार्क कलेसर छोड़ा गया तेंदुआ. कई बार करनाल और पानीपत के इलाक़े में तेंदुआ के दिखाई देने की मिल रही थीं शिकायतें। हरियाणा में गर्मी का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. वहीं इससे कुछ राहत मिलने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं. मौसम विभाग ने लू को लेकर हरियाणा में रेड अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा 18 से 20 जून तक येलो अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही गरज और चमक की भी संभावना जताई गई है. वहीं हिमाचल प्रदेश के मौसम की बात करें तो 17 जून को मौसम शुष्क रहने वाला है. इसके बाद 18 जून से लेकर 21 जून तक बारिश के आसार जताए गए हैं. साथ ही हीट वेव के साथ अलावा गरज-चमक के लेकर भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।

प्रदेश में बढ़ रहा जलसंकट, सरकार है खामोश : जयराम ठाकुर

शिमला: प्रदेश इस समय जलसंकट से गुजर रहा है। पानी की आपूर्ति पूरे प्रदेश में प्रभावित है। पर्यटन सीजन चल रहा है, लेकिन हर जगह पानी की कमी से लोग परेशान हो रहे हैं। इस संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से गंभीरता से प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ये बात नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कही उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी की बात करें तो ज्यादातर जगहों पर चार से पांच दिन में पानी आ रहा है। कई जगहों पर हालात और भी बुरे हैं। पूरे प्रदेश का यही हाल है, लेकिन सरकार इस मामले में पूरी तरह से खामोश है। सरकार इस जलसंकट को हल करने के लिए गंभीरता से काम नहीं कर रही है। यह पहले से तय था कि गर्मी के मौसम में पानी की खपत बढ़ती है। पर्यटन सीजन की वजह से प्रदेश में भारी संख्या में लोग आते हैं, जिस वजह से होटलों में भी पानी की खपत बढ़ जाती है। गर्मी के मौसम में पानी की समस्या से निपटने के लिए खास प्रबंध होने चाहिए, लेकिन सरकार की ओर से इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई।

हिमाचल उपचुनाव में BJP को सता रहा बगावत का डर, रूठों को मनाए बिना मुश्किल होगी सियासी डगर

Himachal Assembly By-Election: हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है. नालागढ़, देहरा और हमीरपुर में होने जा रहे उपचुनाव के परिणाम 13 जून को घोषित किए जाएंगे. बीजेपी ने उपचुनाव के लिए सभी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं. बीजेपी ने तीनों को इस्तीफे का इनाम देकर चुनावी रण में उतारा है. ऐसे में बीजेपी आलाकमान के सामने बगावत का खतरा पैदा हो गया है. साल 2022 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके पुराने नेता नाराज हो सकते हैं. हालांकि, पहली बार नहीं है जब बीजेपी को नाराज नेताओं का खतरा है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नाराज नेताओं की वजह से मिशन रिपीट नहीं कर सकी. 1 जून को छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी को नाराजगी भारी पड़ी. कुल छह में से चार सीटों पर बीजेपी को शिकस्त का सामना करना पड़ा. अब बीजेपी ने नालागढ़ से कृष्ण लाल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा को चुनावी रण में उतारा है. कृष्ण लाल ठाकुर साल 2012 से साल 2017 तक बीजेपी के ही विधायक रहे हैं. साल 2017 में कृष्ण लाल ठाकुर लखविंदर राणा से चुनाव हार गये. साल 2022 में बीजेपी ने कृष्ण लाल ठाकुर की जगह कांग्रेस से आए लखविंदर राणा को टिकट दे दिया गया. कृष्ण लाल ठाकुर ने बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीत लिया. अब कृष्ण लाल ठाकुर की घर वापसी हो चुकी है. कांग्रेस से बीजेपी में आए लखविंदर राणा नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के सामने कांग्रेस छोड़ने की गलती को स्वीकार कर लिया था.

होशियार सिंह के आगे बड़ी चुनौती

देहरा में होशियार सिंह के आगे भी बड़ी चुनौती है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले होशियार सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. पहली बार साल 2017 में निर्दलीय विधायक बनकर उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया. होशियार सिंह को 2022 के विधानसभा चुनाव का टिकट पाने की आस थी. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने दोबारा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की. अब राज्यसभा चुनाव के बाद होशियार सिंह दोबारा बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इस बार के उपचुनाव में बीजेपी की तरफ से होशियार सिंह प्रत्याशी बने हैं. होशियार सिंह पहली बार किसी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

ध्वाला ने बढ़ाई है बीजेपी की टेंशन

बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह के सामने जीत हासिल करने की चुनौती है. चुनौती रमेश चंद ध्वाला की नाराजगी के कारण और भी ज्यादा बड़ी हो जाती है. रमेश चंद ध्वाला को बीजेपी ने ज्वालामुखी की सीट छुड़वाकर देहरा में चुनाव लड़ने के लिए भेजा. चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. रमेश चंद ध्वाला ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने शर्त रखी है. उन्होंने कहा कि देहरा को जिला बनाने की घोषणा पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं.

CM के गृह जिले में भी डगर कठिन

हमीरपुर में भी आशीष शर्मा को टिकट दिए जाने से नरेंद्र ठाकुर अंदरखाने नाराज हैं. नरेंद्र ठाकुर साल 2022 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा. बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह जिला होने की वजह से भी बीजेपी की चुनौती बढ़ जाती है. कुल-मिलाकर तीन सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में हिमाचल बीजेपी की डगर आसान नहीं है. बीजेपी के सामने रूठों को मनाने की चुनौती है. भीतरघात पर भी बीजेपी को नजर रखना होगा।