Haryana Bus Accident : हादसे पर बड़ा एक्शन, प्रिं‍सिपल हिरासत में, रद्द होगी स्कूल की मान्यता

शिमला: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में एक सड़क हादसे में आठ छात्रों की मौत के बाद हरियाणा सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. स्कूल प्रिंसिपल दीप्ती राव को पुलिस ने हिरासत में लिया है. प्रिंसिपल दीप्ति की बड़ी लापरवाही सामने आई है. नशे में धुत बस ड्राइवर को खेड़ी गांव में ग्रामीणों ने रोका था. ड्राइवर के नशे में होने की जानकारी ग्रामीणों ने प्रिंसिपल को दी थी. प्रिंसिपल ने ग्रामीणों को आश्वाशन दिया कि आज ड्राइवर को जाने दीजिए, कल से हटा दिया जाएगा. प्रिंसिपल ने उचित कदम उठाया होता तो बच्चों की जान बच जाती. आरोपी बस ड्राइवर सेहलंग गांव का रहने वाला है. हादसे से वक्त बस ड्राइवर नशे में धुत था.स्कूल प्रिंसिपल को स्कूल से लेकर पुलिस निकल गई है. पुलिस ने डायरेक्टर के ऑफिस से कुछ दस्तावेज भी लिए अपने कब्जे में लिए हैं. प्रिंसिपल ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है. महेंद्रगढ़ पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने बताया कि बस के चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है. वर्मा ने कहा, ‘हमने ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी मेडिकल जांच की जा रही है जिसके बाद ही हम पुष्टि कर पाएंगे कि वह वास्तव में नशे में था या नहीं. घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

इधर, कनीना डीएसपी मोहिंदर सिंह ने कहा, ‘ड्राइवर ओवर स्पीड से बस चला रहा था, जिसके चलती गाड़ी पलट गई. हम इस मामले की भी जांच कर रहे हैं कि ईद के दिन स्कूल क्यों खुला था. जो लोग हादसे के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’

बस में 35 से 40 बच्चे सवार थे
जानकारी के मुताबिक, गांव उन्हानी के पास स्कूल बस ओवरटेक करते हुए अचानक पलट थी. इस दौरान जोरदार धमाका हुआ और चीख-पुकार मच गई. हादसे की सूचना पर लोग भी मौके पर इकट्ठे हो गए. हादसे में आठ बच्चों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं. आज ईद पर सभी सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में छुट्टियां है, उसके बाद भी स्कूल ने छुट्टी नहीं की.

रद्द होगी स्कूल की मान्यता
जिला उपयुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि यह एक काफी दुखद घटना है. प्रशासन पूरे मुस्तादी के साथ कार्य कर रहा है. मृतक बच्चों के परिजनों की हर संभव सहायता की जाएगी. जो बच्चे इस हादसे में घायल हुए उनका बेहतर से बेहतर इलाज कराया जा रहा है. हमारा पूरा प्रयास है कि जो भी बच्चे इस हादसे में घायल हुए हैं, वे पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौटे. दोषियों को बिल्कुल भी बक्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि आज ईद की सरकारी छुट्टी थी लेकिन फिर भी प्राइवेट स्कूल चलाया जा रहा था. इसके लिए भी प्रशासन ने इसकी मान्यता रद्द करने के लिए प्रपोजल उच्च अधिकारियों और सरकार को भेज दिया है. स्कूल बस हादसे के मामले में परिवहन मंत्री असीम गोयल ने पूरे प्रदेश की स्कूल बसों की फिटनेस चेक करने के ऑर्डर दिए हैं. जिला शिक्षा अधिकारियों को फिटनेस चेक करने के लिए सर्कुलर जारी होगा. स्थानीय डीटीओ को स्कूल के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के भी आदेश दिए हैं।

कभी भी जा सकती है सरकार, कंगना रनौत का कांग्रेस पर हमला, विक्रमादित्य सिंह पर क्या बोल गईं ?

मंडी: हिमाचल प्रदेश लोकसभा चुनाव में मंडी सीट इन दिनों काफी सुर्खियों में बनी हुई है. चुनावी रण में नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. इस बीच मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत ने बिना नाम लिए हिमाचल प्रदेश की सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह पर हमला बोला है. उन्होंने सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा है कि ये किसी के मां-बाप की रियासत नहीं है जो उन्हें डरा धमकाकर भेज दिया जाएगा.

कंगना रनौत का कांग्रेस पर तंज

मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत ने बिना कांग्रेस नेता विक्रमादित्य का नाम लिए आगे कहा, ”ऐसे राजा के बेटे मुझे हर जगह मिले हैं. फिल्म इंडस्ट्री में भी मुझे कई राजा के बेटे मिले, जिनके खिलाफ मुंबई में भी मैंने आवाज उठाई. इन राजा के बेटाओं ने मुझे नहीं, मैंने ही ऐसे को अपनी फिल्म से ही गायब कर दिया.” कंगना रनौत ने कहा कि नए और बाहरी लोगों को मौका दिया जाना चाहिए।

इंडिया गठबंधन के नेता डरे हुए हैं- कंगना रनौत

मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत ने आगे कहा, ”फिल्म उद्योग में भी, मुझे राजवंशों से संघर्ष करना पड़ा. इंडिया गठबंधन अपने उम्मीदवार पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं. वे घबराए हुए और डरे हुए लग रहे हैं. उनके पास कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बचा है. अगर वो डरे हुए नहीं होते तो महिलाओं के खिलाफ अनाप शनाप टिप्पणी नहीं करते. हमेशा मुझे वंशवाद से जूझना पड़ा है और लगता है यहां भी मुझे इसका सामना करना पड़ेगा”. उन्होंने कहा कि यहां पर भी उनकी सरकार टूटती फूटती हुई नजर आ रही है. उनकी सरकार कभी भी जा सकती है. बता दें कि कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह राजपरिवार से ताल्लुक रखते हैं. वो हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और दिवंगत नेता और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. हिमाचल सरकार में मंत्री और प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को मंडी सीट पर मैदान में उतारे जाने पर विचार किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस हाईकमान इस सीट पर नाम की घोषणा कर सकता है. प्रतिभा सिंह के दिवंगत पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में पांच बार सीएम रहे हैं. वे मंडी सीट से सांसद भी रहे हैं।

चुनावी तैयारियों में जुटा आयोग, 4232 कर्मचारी करेंगे ड्यूटी; 20 फीसदी रहेंगे रिजर्व….

  • जिले में कुल 4232 मतदान कर्मी कार्य करेंगें
  • मतदान कर्मियों को डाइस वेब साॅफ्टवेयर के माध्यम से तैनात किया जाएगा
  • शिमला में कुल 1058 मतदान केंद्र है।

शिमला : जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में लगे अधिकारी व कर्मचारी बढ़चढ़ कर अपने कर्तव्य का पालन करें। उन्होंने कहा कि यह चुनाव का पर्व है और इसमें सभी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए।

अनुपम कश्यप ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के सफल संचालन के लिए जिले में कुल 4232 मतदान कर्मी कार्य करेंगें, जिसमें 1058 पीआरओ, 1058 एपीआरओ एवं 2116 पीओ रहेंगे। इसके अतिरिक्त, 20 प्रतिशत मतदान कर्मी रिजर्व रखे जाएंगे।

कर्मियों को डाइस वेब सॉफ्टवेयर के जरिए किया जाएगा तैनात

जिला शिमला के संबंध में चुनाव के संचालन के लिए मतदान कर्मियों को डाइस वेब साॅफ्टवेयर के माध्यम से तैनात किया जाएगा, जिसके तहत रेंडमाईजेशन की तीन चरण होंगे और यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से पूरी होगी।

16 केंद्रों में महिला, 8 में दिव्यांग व 8 केंद्र युवा करेंगे संचालित

अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में कुल 1058 मतदान केंद्र है। हर मतदान केन्द्र के लिए बूथ लेवल अधिकारी की भी तैनाती की जा चुकी है। जिला में महिलाओं द्वारा 16, युवाओं द्वारा 8 तथा दिव्यांग मतदाताओं द्वारा 8 मतदान केन्द्र संचालित किए जाएंगे तथा जिला में 28 आदर्श मतदान केन्द्र चिन्हित किए गए हैं। जिले में 15 मार्च तक कुल 5 लाख 90 हजार 940 मतदाता पंजीकृत है। जिसमें से 3 लाख 1 हजार 279 पुरुष एवं 2 लाख 89 हजार 659 महिला मतदाता है। नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए फॉर्म-6 एवं संशोधन सुधार एवं स्थानांतरण के लिए फार्म-8 भरे जा रहे हैं। कोई भी व्यक्ति वोटर हेल्पलाइन ऐप एवं वोटर सर्विस पोर्टल से खुद पंजीकरण करवा सकते हैं। पत्र व्यक्ति ऑफलाइन माध्यम से उपमंडलाधिकारी कार्यालय में भी पंजीकरण करवा सकते हैं।1 अप्रैल तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके युवाओं के लिए योग्यता तिथि निर्धारित की गई है। लोकसभा चुनाव 2024 में पंजीकरण करवाने के लिए 4 मई की तिथि निर्धारित की गई है।

सुविधा ऐप पर हासिल कर सकेंगे जानकारी

पारदर्शी और कुशल चुनावी प्रक्रिया के लिए चुनाव संबंधी जानकारी सेवाओं एवं नवीनतम जानकारी के लिए सुविधा एप्लीकेशन का निर्माण किया गया है।

चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की आदर्श आचार संहिता के उल्लघंन की रिपोर्ट करने के लिए आम जनता की सुविधा के लिए सी-विजिल ऐप का निर्माण भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किया गया है। जिला स्तर पर 24×7 नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की गई है।

जहां आम जनता टोल फ्री नम्बर 1950 के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिला शिमला के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 3 फ्लाइंग स्क्वायड, 3 स्टैटिक सर्विलांस टीम, 2 वीएसटी, 1 वीवीटी एवं 1 अकांउटिंग टीम भी नियुक्त की गई है। 2019 में 60 प्रतिशत से कम मतदान केंद्रों में जागरूकता के लिए स्वीप कार्यक्रम चलाया है।

सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 4 जून को सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू की जाएगी। लोकसभा क्षेत्र के पोस्टल बैलेट और ईटीपीबीएस की गिनती राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के ऑडिटोरियम में की जाएगी।

शिमला विधानसभा क्षेत्र के वोटों की गिनती भी इसी स्कूल में की जाएगी। शेष 7 विधानसभा क्षेत्रों में वोटों की गिनती उनके संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में ही की जाएगी।

जिला 4-शिमला (अनुसूचित जाति) लोकसभा क्षेत्र के संदर्भ में 2544 जिला शिमला, 2864 जिला सोलन एवं 3187 जिला सिरमौर से संबंध रखने वाले कुल पंजीकृत सेवा मतदाता है।

दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 10823

वरिष्ठ नागरिक व दिव्यांग घर से दे सकेंगे वोट 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए और दिव्यांग मतदाताओं के लिए फॉर्म 12 डी जारी किया जाएगा। 85 वर्ष से अधिक आयु के 13347 और 10823 दिव्यांग मतदाता हैं।

इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजित भारद्वाज, उपमंडल दंडाधिकारी शिमला शहरी भानु गुप्ता, उपमंडल दंडाधिकारी शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर, सहायक आयुक्त गोपाल चंद शर्मा, तहसीलदार निर्वाचन राजेंद्र शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

संतान दात्री मां सिमसा में संतान प्राप्ति के लिए नवरात्र में फ़र्श पर सोती हैं महिलाएं…..

सोलन : देशभर में ऐसे कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ये सभी मंदिर किसी ना किसी मान्यता से जुड़े हुए हैं। श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ मंदिरों में जाते हैं और देवी देवताओं की आराधना कर मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। किसी मंदिर में मन की मुराद पूरी हो जाती है तो किसी मंदिर में माथा टेकने से सूनी गोद में किलकारी गूंजने लगती है। हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा ही मंदिर है जहां देवी की कृपा से संतान की प्राप्ति होती है। सिमसा देवी का यह मंदिर बहुत ही लोकप्रिय है और देशभर से लोग यहां आकर पूजा अर्चना कर संतान सुख प्राप्त करने की कामना करते हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं जो श्रद्धालुओं को यहां खींच लाती हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर के फर्श पर निःसंतान महिलाओं के सोने से माता की कृपा बरसती है और सूनी गोद भर जाती है।

कहां है माता सिमसा का मंदिर
माता सिमसा का मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में है। यह मंदिर बैजनाथ से 25 किलोमीटर और जोगिंदर नगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है। देवी का यह मंदिर कितना प्राचीन है, इसका कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है लेकिन लगभग चार सौ वर्षों से इस मंदिर में महिलाएं संतान की प्राप्ति के लिए माता का आशीर्वाद प्राप्त करने आ रही हैं। इस मंदिर को संतान दात्री का मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर में माता की एक पिंडी विराजमान है जिसकी बड़े धूमधाम से पूजा की जाती है।

ऐसे होती है संतान की प्राप्ति
प्राचीन मान्यता के अनुसार देवी के दर्शन के लिए आने वाली निःसंतान महिलाएं पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मंदिर परिसर में ही दिन और रात में सोती हैं। माता सिमसा निःसंतान महिला के स्वप्न में आकर उसे मानव या किसी प्रतीक के रुप में दर्शन देती हैं और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इस दौरान यदि महिला को स्वप्न में कंदमूल  या किसी फल की प्राप्ति होती है तो इसका अर्थ है कि उस महिला को संतान जरुर पैदा होगी।

पुत्र होगा या पुत्री
कहा जाता है कि देवी सिमसा स्वप्न में ही संतान के लिंग का भी संकेत देती हैं। मंदिर परिसर में सोयी किसी निःसंतान महिला को यदि सपने में अमरूद का फल मिलता है तो इसका मतलब यह है कि उसे लड़का होगा। अगर महिला को सपने में भिंडी मिलती है तो उसे लड़की होगी। इसके अलावा यदि महिला को सपने में कोई धातु, लकड़ी या वस्तु मिलती है तो इसका अर्थ यह है कि उसे कोई संतान नहीं होगी।

मंदिर का सेलिंद्रा उत्सव है खास
सिमसा माता के मंदिर में नवरात्रि में खास कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस दौरान यहां सलिन्दरा या सेलिंद्रा उत्सव मनाया जाता है। सेलिन्दरा का अर्थ होता है सपने में आना। कहा जाता है कि यह उत्सव बेहद खास होता है और इस दौरान हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से निःसंतान महिलाएं संतान की इच्छा लेकर इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए आती हैं। मंदिर परिसर में सोने के बाद माता की कृपा से संतान का सुख प्राप्त होता है।

स्कूल बस पलटने से 6 बच्चों की मौत, लगभग 20 घायल….

नेशनल डेस्क: हरियाणा के नारनौल में गुरुवार सुबह एक गांव के पास एक स्कूल बस पलटने से छह बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि ईद-उल-फितर की छुट्टी के बावजूद स्कूल चल रहा था। कनीना के उन्हाणी गांव के पास जीएल पब्लिक स्कूल की बस पलट गई। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच के बाद ऐसा लग रहा है कि बस का ड्राइवर नशे में था और उसने गाड़ी को पेड़ से टकरा दिया। आधिकारिक दस्तावेज़ बताते हैं कि बस का फिटनेस प्रमाणपत्र छह साल पहले 2018 में समाप्त हो गया था। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों का दावा है कि बस चालक नशे की हालत में था। इन आरोपों के बाद पुलिस का कहना है कि शराब के नशे में बस चलाने की बात पर जांच की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, उन्हांनी गांव के पास बच्चों से भरी स्कूल बस पलट गई। यह बस निजी स्कूल जीएल पब्लिक स्कूल की थी, जिसमें लगभग 35 से 40 बच्चे सवार थे। बताया गया है कि आज सरकारी छुटी के दिन भी स्कूल लगाया जा रहा था। बच्चों को लेने के लिए स्कूल से बस भेजी गई थी।

कभी 10 हजार रुपए की करते थी नौकरी, फिर जमीन गिरवी रखकर लगाई फैक्ट्री, आज 80 लाख से अधिक टर्नओवर…

कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस इसे पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ शुरुआत करने की जरूरत होती है. वैशाली जिला के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड स्थित मिश्रोलिया अफजलपुर गांव के रहने वाले सुबोध सहनी 2007 से 2014 तक लुधियाना के किसी कपड़ा फैक्ट्री में शर्ट और कुर्ता बनाने का काम करते थे. रोजाना 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद 10 हजार ही प्रति महिना मिल पाता था. 2014 में सुबोध सहनी लुधियाना से बिहार वापस लौट आये और बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रहकर शर्ट और कुर्ता बनाना कर बेचने लगे. हालांकि कोरोना महामारी के दौरान धंधा बंद हो गया और रूम रेंट भी देना मुश्किल होने लगा. इसके बाद सुबोध ने सोचा कि गांव में ही रहकर काम करेंगे. 2021 में सुबोध सहनी ने जमीन गिरवी रखकर कपड़ा फैक्ट्री स्टार्ट कर दिया और कुर्ता और शर्ट बनाने लगे. इसके बाद तो पीछे मुड़कर नहीं देखा. सुबोध सहनी के कारोबार का सालाना टर्नओवर 80 लाख को पार कर गया है ओर तीन दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया है.

जमीन गिरवी रखकर सुबोध ने शुरू किया कपड़ा फैक्ट्री
सुबोध सहनी ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब धंधा बंद हो गया तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. पूंजी भी कम थी और परिवार चलाने के लिए कुछ तो करना हीं था. इसलिए पुराने धंधे को शुरू करने के फैसला लिया. इसके लिए गांव के लोगों के पास हीं दो एकड़ जमीन गिरवी रखकर 10 लाख इकट्ठा किया. इस पैसे से कपड़ा सिलाई के लिए मशीन खरीदा. धीरे-धीरे काम बढ़ता गया।

फिलहाल 40 लोग काम कर रहे हैं और एक-एक कर 30 मशीन भी खरीद लिया है. इस फैक्टरी के लिए रॉ मेटेरियल दिल्ली और गुजरात से मंगवाते हैं. ऑर्डर इतना रहता है कि मांग पूरा नहीं हो पाता है. बिहार से लेकर नेपाल तक कुर्ता और शर्ट की डिमांड है. इस फैक्टरी में 150 रुपये से लेकर 650 रुपये में कुर्ता और शर्ट तैयार होता है.

80 लाख से अधिक है कपड़ा फैक्ट्री का सालाना टर्नओवर
सुबोध सहनी ने बताया कि 19 वर्ष के उम्र में हीं लुधियाना कमाने के लिए चले गए थे. वहां दोस्त के साथ मिलकर हीं काम करते थे. लेकिन मेहनत के अनुसार पैसे नहीं मिल पाता था. घर आने के फैसला सही साबित हुआ और इस कपड़ा फैक्ट्री ने किस्मत बदलने का काम किया. वहीं इस कपड़ा फैक्ट्री का सालाना टर्नओवर 80 लाख के पार पहुंच गया है. सुबोध सहनी के फैक्ट्री में काम करने वाले राकेश कुमार बताते हैं कि पहले कोलकाता में काम करते थे, लेकिन कोलकाता आने-जाने में परेशानी होती थी. अब अपने गांव मे हीं 365 दिन काम मिल रहा है. कुर्ता और शर्ट पर डिजाइन का काम करते हैं. यहां 12 घंटे काम कर 18 हजार कमा लेते हैं. जिससे परिवार का गुजर-बसर चल जाता है और बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

हिमाचल उप चुनावः भाजपा के बागी रामलाल मारकंडा को टिकट नहीं देगी कांग्रेस

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में कांग्रेस ने भाजपा के बागी मंत्री पूर्व मंत्री राम लाल मारकंडा के लिए टिकट के सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं. भाजपा से इस्तीफा दे चुके राम लाल मारकंडा कांग्रेस से टिकट चाह रहे हैं. इसी बीच लाहौल घाटी का दौरा कर शिमला लौटे कांग्रेस के जिला प्रभारी और कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने ये ऐलान किया है कि उप चुनाव में कांग्रेस अपने पार्टी कैडर के नेता को ही टिकट देगी. नेगी ने बिना नाम लिए मारकंडा और रवि ठाकुर को घिसे पिटे नेता करार दिया. उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति के लोग भी कैडर की बात कर रहे हैं और उनमें दल बदल करने वाले नेताओं के खिलाफ भारी रोष है. उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति के सरल और ईमानदार लोगों पर रवि ठाकुर के दल बदल से एक कलंक लगा है और उस कलंक को जनता इन चुनावों में मिटाएगी. कैबिनेट मंत्री ने रवि ठाकुर भी जमकर निशाना साधा.

रवि ठाकुर भाजपा में चले गए थे

राज्यसभा चुनाव में लाहौल स्पीति से कांग्रेस विधायक रहे रवि ठाकुर ने क्रॉस वोटिंग की थी. इसके बाद रवि ठाकुर और अन्य छह कांग्रेसियों ने भाजपा का दामन थामन लिया था. अब हिमाचल में छह सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं और भाजपा ने रवि ठाकुर को लाहौल सपिति से टिकट दिया है. ऐसे में पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा बागी हो गई हैं और उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. हालांकि, कांग्रेस अब तक यहां से प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है. बता दें कि हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ एक जून को छह सीटों पर उपचुनाव के लिए भी वोटिंग होगी.

HP Assembly by election: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने शार्टलिस्ट किए विस उपचुनाव के लिए संभावित प्रत्याशी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में होने वाले छह विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने दिल्ली में बैठक कर संभावित प्रत्याशियों के नाम शार्टलिस्ट किए। 13 अप्रैल को लोकसभा प्रत्याशियों के साथ ही उपचुनाव के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में 13 अप्रैल को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक प्रस्तावित है। कुटलैहड़ से विवेक शर्मा, धर्मशाला से देवेंद्र जग्गी का नाम लगभग तय है। सुजानपुर सीट को लेकर अभी पेच फंसा है। गगरेट, लाहौल-स्पीति और बडसर से दो से तीन संभावित प्रत्याशियों के नाम पैनल में हैं। ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों और सर्वे रिपोर्ट से मिले नामों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी ने बुधवार को मंथन किया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीते दिनों दिल्ली में हुई समन्वय समिति और स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में लोकसभा प्रत्याशियों के नाम तय करने के साथ ही विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की थी। बैठक में प्रदेश कांग्रेस की ओर से कुछ सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर सहमति बनाते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों से नाम लेने और सर्वे करवाने का फैसला हुआ था।

बुधवार को पूर्व रेल राज्य मंत्री भक्त चरण दास की अध्यक्षता में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में संभावित प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने का फैसला लिया। अब 13 अप्रैल को एक साथ लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है। इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी दिल्ली जाएंगे।

बडसर से मनजीत डोगरा, गगरेट से राकेश कालिया हो सकते हैं प्रत्याशी
बड़सर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक मंजीत सिंह डोगरा और गगरेट से राकेश कालिया को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। गगरेट से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप कुमार और रमन जस्वाल के नाम की भी चर्चा है। बडसर से ज्ञान चंद और संजीव शर्मा का नाम भी पैनल में है। सुजानपुर से कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, नरेश ठाकुर और रविंद्र वर्मा का नाम भी पैनल में है।

लाहौल-स्पीति से मारकंडा पर नहीं बन रही एक राय
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा की जयराम सरकार में मंत्री रहे रामलाल मारकंडा को लाहौल-स्पीति से कांग्रेस प्रत्याशी बनाने के लिए पार्टी नेताओं में एक राय नहीं बन रही। ब्लॉक कांग्रेस ने भाजपा से नेता को शामिल कर कांग्रेस का टिकट देने का विरोध किया है। लाहौल-स्पीति के कांग्रेस नेताओं के कई प्रतिनिधिमंडलों ने भी बीते दिनों मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया है। स्थानीय नेताओं ने कांग्रेस से जुड़े नेता को ही प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक रघुवीर सिंह, जिला परिषद सदस्य अनुराधा राणा और युवा नेता दोरजे लारजे के नाम पर चर्चा की जा रही है।

Himachal Weather Update: प्रदेश में आज से बदलेंगे मौसम के तेवर, बारिश-बर्फबारी और ओले गिरने की संभावना…

  • रोहतांग व अन्य दर्रों में हिमपात, मनाली में हल्की वर्षा
  • आज से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ होगा अधिक प्रभावी
  • मौसम विभाग ने दो दिन के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट
  • अधिकांश क्षेत्रों में ओलावृष्टि, तूफान व हल्की वर्षा की संभावना।

शिमला: रोहतांग, शिंकुला, बारालाचा व अन्य दर्रों में बुधवार को हिमपात हुआ। मनाली में दोपहर बाद हल्की वर्षा हुई। प्रदेश के अधिकांश भागों में गर्मी से कुछ राहत मिली और बादल छाने से तापमान में गिरावट दर्ज हुई।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार वीरवार से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ अधिक प्रभावी होगा। अधिकांश क्षेत्रों में 13 व 14 अप्रैल को ओलावृष्टि होने की संभावना है। विभाग ने दो दिन ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने कहा कि प्रदेश के निचले व मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों में तूफान और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात होने की अधिक संभावना है। कई स्थानों पर हल्की वर्षा होगी।

इस माह सभी सड़कें बहाल करेगा बीआरओ

वहीं, बारालाचा, कुंजुम व रोहतांग में सड़कों से बर्फ हटाने का काम जारी -शिंकुला बहाल, लेह लद्दाख वाया कारगिल व जंस्कार मनाली से जुड़ा जागरण संवाददाता, मनाली : लाहुल-स्पीति में बारालाचा, कुंजुम व रोहतांग दर्रों की बहाली का काम जारी है। बीआरओ ने शिंकुला को बहाल कर लेह लद्दाख को वाया कारगिल व जंस्कार होते हुए मनाली से जोड़ दिया है। इस मार्ग में अभी छोटे वाहन ही चल रहे हैं लेकिन बीआरओ इसे दो तरफा वाहनों के लिए तैयार कर रहा है। बीआरओ मनाली बारालाचा लेह मार्ग बहाली के करीब पहुंच गया है। मनाली की ओर से डोजर बारालाचा दर्रा पार कर गए हैं जबकि लेह की ओर से बीआरओ की टीम सरचू पहुंच गई है।

15 अप्रैल तक सक्रिय रहेगा पश्चिमी विक्षोभ

स्पीति को लाहौल से जोड़ने की भी तैयारी चल रही है। बीआरओ स्पीति की ओर से कुंजम दर्रा पार कर गया है, जबकि लाहौल की ओर से भी कोकसर से आगे बढ़ गया है। बुधवार को दोपहर बाद फिर से रोहतांग समेत चोटियों में हिमपात हुआ। प्रदेश में दोपहर बाद पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 15 अप्रैल तक रहेगा।

Chaitra Navratri 2024 Day 3: चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन, रवि योग में होगी मां चंद्रघंटा की पूजा, देखें मुहूर्त, विधि, मंत्र, भोग

Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि का तीसरा दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है. इस दिन मां के ‘चंद्रघंटा’ स्वरूप की उपासना की जाती है. इनके सर पर घंटे के आकार का चन्द्रमा है. इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. इनके दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. मां चंद्रघंटा तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं. ज्योतिष में इनका सम्बन्ध मंगल नामक ग्रह से होता है. आइए आपको मां चंद्रघंटा का पूजन विधि और इनकी कथा बताते हैं.

कैसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा?
मां चंद्रघंटा की पूजा लाल वस्त्र धारण करके करना श्रेष्ठ होता है. मां को लाल पुष्प, रक्त चन्दन और लाल चुनरी समर्पित करना उत्तम होता है. इनकी पूजा से मणिपुर चक्र मजबूत होता है. इसलिए इस दिन की पूजा से मणिपुर चक्र मजबूत होता है और भय का नाश होता है. अगर इस दिन की पूजा से कुछ अद्भुत सिद्धियों जैसी अनुभूति होती है तो उस पर ध्यान न देकर आगे साधना करते रहनी चाहिए.

कुंडली दोष के लिए आज कर लें ये उपाय
अगर आपकी कुंडली में मंगल कमजोर है या मंगल दोष है तो आज की पूजा विशेष परिणाम दे सकती है. आज की पूजा लाल रंग के वस्त्र धारण करके करें. मां को लाल फूल, ताम्बे का सिक्का या ताम्बे की वस्तु और हलवा या मेवे का भोग लगाएं. पहले मां के मंत्रों का जाप करें. फिर मंगल के मूल मंत्र “ॐ अँ अंगारकाय नमः” का जाप करें. मां को अर्पित किए गए ताम्बे के सिक्के को अपने पास रख लें. चाहें तो इस सिक्के में छेद करवाकर लाल धागे में गले में धारण कर लें.

मां चंद्रघंटा का प्रसाद
मां चंद्रघटा को दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. देवी को यह भोग अत्यंत प्रिय है. इसे स्वयं भी ग्रहण करें और दूसरों को भी दें. वर्तमान में चल रहा दुःख दूर हो जाएगा.

मां चंद्रघंटा के अवतरण की कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धरती पर जब राक्षसों का आतंक बढ़ने लगा तो दैत्यों का नाश करने के लिए मां चंद्रघंटा ने अवतार लिया था. उस समय महिषासुर नाम के दैत्य का देवताओं के साथ युद्ध चल रहा था. महिषासुर देवराज इंद्र का सिंहासन हथियाकर स्वर्ग लोक पर राज करना चाहता था.इसके बाद देवताओं ने भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास पहुंचे. ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों ने देवताओं की बात सुनकर क्रोध प्रकट किया. इन देवतागणों के क्रोध प्रकट करने पर मुख से एक दैवीय ऊर्जा निकली जिसने एक देवी का अवतार लिया. ये देवी मां चंद्रघंटा थीं. इन्हें भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र, इंद्र ने अपना घंटा, सूर्य ने अपना तेज, दिया. इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध किया था.