शिमला : राजधानी से सटे छराबड़ा में ओबेरॉय समूह (Oberoi Group) के पांच सितारा होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल (five star Hotel) को राज्य सरकार ने शनिवार को कब्जे में ले लिया।
हालांकि कुछ घंटो में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने 21 नवंबर तक स्टे लगा दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस सत्येन वैद्य ने ईस्ट इंडिया होटल कंपनी (EIH Limited) और अन्य बनाम हिमाचल सरकार और अन्य मामले की सुनवाई करते हुए शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।
कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि प्रतिवादी राज्य होटल के दैनिक प्रबंधन और कब्जे में हस्तक्षेप नहीं करेगा। इससे पहले हिमाचल सरकार ने 500 करोड़ की संपति वाले होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने अधीन ले लिया था। हिमाचल प्रदेश सरकार ने ओबेरॉय समूह के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीतने के बाद यह कार्रवाई अमल में लाई। लेकिन दोपहर बाद हिमाचल सरकार को अपने इस कदम से पीछे हटना पड़ा। हाईकोर्ट द्वारा स्टे (stay) लगाने के बाद वाइल्ड फ्लावर हॉल (Wild Flower Hall) पर दोबारा से ओबेरॉय समूह का कब्जा हो गया है। इस पूरे घटनाक्रम से शिमला में दिन भर शासन-प्रशासन सहित आम जनता में हलचल रही।
होटल को उपयोग के लिए नहीं बनाया। 2002 में सरकार ने कंपनी के साथ किए गए करार को रद्द कर दिया। सरकार के इस निर्णय को कंपनी लॉ बोर्ड (law board) के समक्ष चुनौती दी गई। बोर्ड ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। सरकार ने इस निर्णय को हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने मामले को निपटारे के लिए मध्यस्थ के पास भेजा। मध्यस्थ ने कंपनी के साथ करार रद्द किए जाने के सरकार के फैसले को सही ठहराया था। सरकार को संपत्ति वापस लेने का हकदार ठहराया था। इसके बाद एकल पीठ के निर्णय को कंपनी ने खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी। खंडपीठ ने कंपनी की अपील को खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि मध्यस्थ की ओर से दिया गया फैसला सही और तर्कसंगत है। कंपनी के पास यह अधिकार बिलकुल नहीं कि करार में जो फायदे की शर्तें हैं, उन्हें मंजूर करें और जिससे नुकसान हो रहा हो, उसे नजरअंदाज करे।
अंग्रेजों का आरामगाह था वाइल्ड फ्लावर होटल
वाइल्ड फ्लावर (wild flower) होटल शिमला की शान माना जाता है। शिमला आगमन के दौरान वीआईपी (VIP) लोग इसी होटल में ठहरते हैं। इस होटल की खूबसूरती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोनिया गांधी, अमिताभ बच्चन, एमएस धोनी (MS Dhoni), सचिन तेंदुलकर, राहुल गांधी जैसी सख्शियतें इस होटल में ठहरना पसंद करती हैं। प्रियंका गांधी ने इसी होटल के समीप अपना आशियाना बनाया है। खास बात यह है कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान जब शिमला समर कैपिटल (summer capital) थी, तब अंग्रेजों ने इस होटल का निर्माण किया था।
वर्ष 1902 में ब्रिटिश शासन (British rule) के दौरान भारत के ब्रिटिश कमांडर इन चीफ लार्ड किचनर सबसे पहले इसी होटल में रहते थे। आजादी के बाद ये संपत्ति भारत सरकार की हुई और बाद में इसे हिमाचल सरकार के पर्यटन विभाग को सौंपा गया। वर्ष 1990 में यह संपत्ति ओबेरॉय समूह के पास आई। 1993 में अग्निकांड की भेंट चढ़ने के बाद पर्यटन विकास निगम ने इस होटल को निजी हाथों में देने का फैसला लिया। 1995 में इस संपति को लेकर ईस्ट इंडिया होटल के साथ एग्रीमेंट साइन (Agreement sign) हुई। वर्ष 2002 में तत्कालीन भाजपा सरकार के समय इस्ट इंडिया होटल के साथ एग्रीमेंट को रदद कर दिया गया। यह मामला तब से हाईकोर्ट में चल रहा है। 8350 फुट की उंचाई पर स्थित यह होटल करीब 23 एकड़ जगह में फैला है।