



शिमला: हिमाचल प्रदेश भाजपा ने बुधवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात कर कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और प्रशासनिक विफलता के गंभीर आरोप लगाए। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में राजभवन पहुंचे भाजपा विधायक दल ने एसपी शिमला की बर्खास्तगी और पावर कॉरपोरेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई और ईडी से करवाने की मांग की। भाजपा नेताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देनी वाली राज्य सरकार ईमानदार अधिकारियों को हाशिए पर धकेल रही है। आपराधिक घटनाओं पर कार्रवाई नहीं होने पर भाजपा ने मुख्यमंत्री सुक्खू से सत्ता छोड़ने की अपील भी की। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन, राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन, सिकंदर कुमार, लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप, राजीव भारद्वाज सहित सभी विधायक उपस्थित रहे। राज्यपाल से मिलने के बाद नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 26 मई 2025 को मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता करते हुए उच्च न्यायालय के निर्णय पर टिप्पणी कर न्यायालय की अवमानना की है। मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया बयान उनकी हताशा और अहंकार को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि विमल नेगी की मौत से जुड़े मामले में सबूतों से छेड़छाड़ न हो और इन्हें सुरक्षित किया जाए। उच्च न्यायालय में पुलिस महानिदेशक और अन्य की रिपोर्ट में सबूतों से छेड़छाड़ के स्पष्ट प्रमाण हैं। भाजपा ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। शिमला पुलिस अधीक्षक की ओर से उच्च अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए। कांग्रेस सरकार की कार्यशैली और नीतियां संदेहास्पद हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार ने सीबीआई जांच को स्वीकार तो किया, लेकिन तथ्यों से स्पष्ट है कि सरकार इस जांच में सहयोग नहीं कर रही। कई मामलों में सबूतों के साथ छेड़छाड़ और उन्हें नष्ट करने के प्रयास किए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव की रिपोर्ट को नजरअंदाज किए गए हैं। महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाने का प्रयास हुआ है। आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है। नेता विपक्ष ने कहा कि पुलिस अधीक्षक शिमला की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों से प्रशासनिक पतन का सरकारी चेहरा सामने आता है, जो सरकार की अनुशासनहीनता को भी दर्शाता है। यह प्रेस वार्ता एसपी शिमला ने मुख्यमंत्री की अनुमति से की है ऐसा स्पष्ट प्रतीत होता है।