



Parshuram Jayanti 2025: हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम जी की जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष परशुराम जयंती 29 अप्रैल 2025 को पड़ेगी। पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 05:31 बजे शुरू होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था, इसलिए जयंती 29 अप्रैल को ही मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इस दिन कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं और पूजा की विधि क्या रहेगी। इसके अलावा कुछ खास मान्यताओं के बारे में जानेंगे। इस साल परशुराम जयंती पर कुछ विशेष शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन सौभाग्य योग 03:54 बजे तक रहेगा। इसके अलावा त्रिपुष्कर योग सुबह 05:42 बजे से शाम 05:31 बजे तक रहेगा और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:42 बजे से शाम 06:47 बजे तक रहेगा। ऐसा माना जाता है कि इन शुभ योगों में भगवान परशुराम की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस साल परशुराम जयंती पर कुछ विशेष शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन सौभाग्य योग 03:54 बजे तक रहेगा। इसके अलावा त्रिपुष्कर योग सुबह 05:42 बजे से शाम 05:31 बजे तक रहेगा और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:42 बजे से शाम 06:47 बजे तक रहेगा। ऐसा माना जाता है कि इन शुभ योगों में भगवान परशुराम की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। परशुराम जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए दिन की शुरुआत करें। फिर घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल मिले जल से स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद विधिपूर्वक भगवान परशुराम की पूजा करें। प्रदोष काल के दौरान व्रत और उपवास रखने का भी विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष काल में व्रत करने से इसका फल कई गुना बढ़ जाता है और व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती है।