



शिमला: मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच बुधवार को हिमाचल में आसमान से कहर बरपा। हालांकि, आज माैसम खुलने से कुछ राहत मिली है। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। सैंज में जीवानाला में बादल फटने से हुई तबाही के बाद गुरुवारी को पिन पार्वती नदी का जलस्तर कम हो गया है। ऐसे में यहां बिहाली गांव में लापता तीन लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू दल घटनास्थल पर पहुंचा। एनडीआरएफ की एक टीम भी पहुंची है। बुधवार को धर्मशाला और कुल्लू में पांच जगह बादल फटने से भारी तबाही के बीच चार लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब नाै लोग लापता हैं। इसमें ये कुल्लू में तीन व धर्मशाला में पांच से छह लोग लापता हैं। खनियारा स्थित मनूणी खड्ड में बहे श्रमिकों को खोजने के लिए दूसरे दिन भी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की ओर से बचाव अभियान जारी है। बचाव दल की टीमों ने एक कामगार को सुरक्षित बाहर निकाला है। जबकि एक अन्य कामगार का शव खड्ड से बरामद हुआ है। कुल मिलाकर अभी तक पिछले दो दिनों में तीन कामगारों के शव बरामद किए जा चुके हैं। एनडीआरएफ के कमांडेंट बलजिंदर सिंह खुद मौके पर हैं। बारिश के कारण कुछ देर के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हुआ है। माना जा रहा है कि अभी तक 5 से 6 श्रमिक लापता हैं। कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि खड्ड में अत्यधिक पानी आने से प्रोजेक्ट के आठ कामगारों के बहने की सूचना है। बकरथाच से प्रशासन से 50 पर्यटक ट्रैकरों को सुरक्षित बचाया है। यह सभी भारी बारिश के बाद बकरथाच में फंस गए थे। यहां एक नाले में बाढ़ आने के चलते 50 ट्रैकरों को रात बकरथाच में बितानी पड़ी। सुबह के समय प्रशासन ने इन्हें रेस्क्यू किया। उपायुक्त तोरुल एस रविश ने कहा कि 27, 28 को ऑरेंज अलर्ट है, पर्यटकों से अपील की है कि मौसम को देखते हुए सफर करें और नदी-नालों के समीप न जाएं।