



Mock Drill in Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 7 मई को शाम 7:20 बजे से लेकर 7:30 तक पूरे शहर शिमला में ब्लैकआउट किया जाएगा। मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बज सकते हैं। शिमला शहर में मॉक ड्रिल ऑपरेशन अभ्यास 7 मई को शाम चार बजे आयोजित होगा। इस दौरान उपायुक्त कार्यालय परिसर और संजौली क्षेत्र के पार्किंग में ऑपरेशन अभ्यास किया जाएगा। वहीं शहर में शाम 7:20 बजे से लेकर 7:30 तक पूरे शहर शिमला में ब्लैकआउट किया जाएगा। जिला प्रशासन सुबह 10:00 बजे से ही मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू करेगा। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि लोग प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करें और ऑपरेशन अभ्यास में सहभागिता निभाएं। मॉक ड्रिल में निकासी योजनाओं का अभ्यास होगा, जिसमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बज सकते हैं। सायरन बजने पर तुरंत खुले इलाकों से हट जाएं और किसी सुरक्षित इमारत, घर, या बंकर में शरण लें। इसके अलावा नजदीकी इमारत में प्रवेश करें और सायरन बजने के बाद सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का अभ्यास करें। क्रैश ब्लैकआउट के दौरान सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, अतिरित जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा, उप मंडलाधिकारी (ना) ग्रामीण मनजीत शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
जिला प्रशासन द्वारा ऑपरेशन अभ्यास के दौरान उठाए जाएंगे ये कदम
- सीडी (सिविल डिफेंस) योजनाओं के अनुसार सीडी वार्डन और स्वयंसेवकों को नामांकित किया जाएगा.
- पूरे जिले का जोखिम मूल्यांकन, वीए/वीपी (सैन्य खतरा) की पहचान की जाएगी.
- एयर रेड चेतावनी प्रणाली, ब्लैकआउट, छलावरण उपायों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा.
- सीडी योजना का निर्माण और उसका नियमित अभ्यास सुनिश्चित किया जाएगा.
- निकासी योजना की तैयारी/अद्यतन सुनिश्चित किया जाएगा.
- चिकित्सा, भोजन, पानी और आग आदि जैसी आपातकालीन सेवाओं को बढ़ाना.
- नागरिकों का प्रशिक्षण/सामुदायिक जागरूकता अभियान को बढ़ाना.
आम नागरिक इन नियमों का करें पालन
मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बज सकते हैं. यह समझना आवश्यक है कि यह एक अभ्यास है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. सायरन की आवाज सुनकर शांत रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. सायरन बजने पर तुरंत खुले इलाकों से हट जाएं और किसी सुरक्षित इमारत, घर, या बंकर में शरण लें. यदि आप बाहर हैं, तो नजदीकी इमारत में प्रवेश करें और सायरन बजने के 5-10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का अभ्यास करें. यदि आपके क्षेत्र में बंकर उपलब्ध हैं, तो वहां जाएं. मॉक ड्रिल के दौरान ‘क्रैश ब्लैकआउट’ का अभ्यास होगा, जिसमें सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी, ताकि दुश्मन के लिए निशाना लगाना मुश्किल हो. अपने घर की खिड़कियों, रोशनदानों और दरवाजों को काले कपड़े या अन्य सामग्री से ढकें, ताकि कोई रोशनी बाहर न जाए. सड़क पर वाहन चलाते समय लाइटें बंद करें और वाहन को रोक दें, जैसा कि प्रशासन द्वारा निर्देशित हो.
मॉक ड्रिल में नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें हमले की स्थिति में खुद को बचाने के तरीके सिखाए जाएंगे. प्रशिक्षण में भाग लें और आपात स्थिति में क्या करना है, इसकी जानकारी प्राप्त करें. इसमें बंकरों में छिपने, प्राथमिक चिकित्सा और निकासी योजनाओं का अभ्यास शामिल होगा. मॉक ड्रिल में निकासी योजनाओं का अभ्यास होगा, जिसमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा. प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और निकासी के दौरान शांत रहें. अपने परिवार के साथ निकासी योजना के बारे में पहले से चर्चा करें और अपने नजदीकी निकासी मार्ग और सुरक्षित स्थान की जानकारी रखें. टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें. मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन की ओर से महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी। अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें. मॉक ड्रिल के दौरान आपातकालीन किट की उपयोगिता समझाई जा सकती है. इसमें पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, बैटरी, महत्वपूर्ण दस्तावेजों की कॉपी, अतिरिक्त कपड़े और कंबल शामिल होने चाहिए. सुनिश्चित करें कि यह किट आसानी से उपलब्ध हो। स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स और पुलिस के साथ सहयोग करें. यदि आप सिविल डिफेंस या होम गार्ड के साथ जुड़े हैं, तो अपनी जिम्मेदारियों को समझें और दूसरों की मदद करें. पड़ोसियों और समुदाय के साथ मिलकर काम करें ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें. बच्चों को ड्रिल के बारे में पहले से समझाएं, ताकि वे घबराएं नहीं. उन्हें सायरन और ब्लैकआउट की प्रक्रिया के बारे में भी बताएं. बुजुर्गों और विशेष जरूरतों वाले लोगों की सहायता करें. ताकि वे सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकें. सोशल मीडिया या अन्य स्रोतों से आने वाली अपुष्ट खबरों पर विश्वास न करें. केवल सरकारी चैनलों और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।