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हिमाचल प्रदेश में रिटायरमेंट की उम्र 58 से हो सकती है 59 साल…

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शीघ्र अंतिम निर्णय लेंगे। उपसमिति की तरफ से सरकारी खर्चों में कटौती करने के लिए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 59 वर्ष करने के अलावा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर अग्रिम पैंशन नहीं देने और पंजाब की तर्ज पर 25 वर्ष बाद ही पूरी पैंशन देने के 3 विकल्पों को सुझाया गया है। पहला विकल्प सेवानिवृत्ति आयु को 1 वर्ष बढ़ाने का है, जिससे सरकार को थोड़ी राहत मिलेगी। यानी सरकार को 1 वर्ष तक सेवानिवृत्ति से होने वाली रिक्तियों को भरने का विकल्प मिल जाएगा। इससे सरकार पर वित्तीय बोझ भी कम पड़ेगा। दूसरा विकल्प कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर पैंशन कम्युटेशन का विकल्प है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पांच मई को दोपहर तीन बजे मंत्रिमंडल (Himachal Cabinet Meeting) की बैठक बुलाई है, जिसमें इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। सेवानिवृत्ति आयु में एक वर्ष की बढ़ोतरी से सरकार को पेंशन के बोझ में आंशिक राहत मिलने की उम्मीद है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने इस प्रस्ताव के साथ-साथ पेंशन सुधार को लेकर दो अन्य विकल्प भी सरकार को सौंपे हैं। उपसमिति का गठन राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है। इसके अतिरिक्त बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता वाली उपसमिति की सिफारिश पर करुणामूलक आधार पर नियुक्तियों के संबंध में बड़ी घोषणा हो सकती है। सरकार ने बजट सत्र में इस पर निर्णय का संकेत दिया था। कर्मचारियों के सामान्य तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटाने और विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने के मुद्दे पर भी बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। अनुबंध और आउटसोर्स नियुक्तियों को बंद कर गुजरात मॉडल लागू करने या भर्ती प्रक्रिया में नया फॉर्मूला अपनाने पर भी बैठक में चर्चा की जा सकती है। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025–26 की बजट घोषणाओं को भी मंजूरी दी जा सकती है। इनमें कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) और 70 से 75 वर्ष आयु वर्ग के पेंशनर्स को बकाया एरियर का भुगतान शामिल है।

 

उपसमिति की तीन प्रमुख सिफारिशें

  • सेवानिवृत्ति आयु 58 से 59 वर्ष करने से रिक्तियों को भरने में सरकार को एक वर्ष का अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे वित्तीय दबाव घटेगा।
  • पेंशन कम्युटेशन पर रोक से कर्मचारियों को पेंशन का एकमुश्त अग्रिम भुगतान (कम्युटेशन) बंद करने का प्रस्ताव है, जिससे राज्य सरकार की नकद देनदारियों में कमी आएगी।
  • वर्तमान में राज्य कर्मचारी 20 वर्ष की सेवा पर पूरी पेंशन के पात्र होते हैं। प्रस्ताव है कि इसे पंजाब की तर्ज पर बढ़ाकर 25 वर्ष किया जाए।

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