



लाइव हिमाचल/मंडी: प्रदेश सरकार ने नगर निगम मंडी को शराब के 7 ठेके चलाने का सुझाव दिया है। लेकिन नगर निगम ने इसके लिए प्रदेश सरकार से ग्रांट मांगी है। बता दें कि इस बार मंडी जिला में बहुत से शराब के ऐसे ठेके हैं जो अभी तक नीलाम ही नहीं हुए हैं। इनमें 7 ठेके नगर निगम के दायरे में आते हैं। प्रदेश सरकार ने इन ठेकों को चलाने का सुझाव नगर निगम को दिया है। मंडी जिला में इस बार कई शराब के ठेके नीलाम नहीं हो पाए हैं, जिनमें से 7 ठेके नगर निगम की सीमा में आते हैं. अब सरकार चाहती है कि इन ठेकों को नगर निगम अपने स्तर पर चलाए. नगर निगम के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि ‘सरकार की ओर से ये प्रस्ताव जरूर आया है, लेकिन निगम के पास शराब कारोबार का कोई अनुभव नहीं है और न ही इतना बजट. इन ठेकों का रिजर्व प्राइस लगभग 6 करोड़ 75 लाख रुपये है, जो कि निगम की सामर्थ्य से बाहर है. ठेकों की लोकेशन भी अनुकूल नहीं है और दुकानें किराए पर लेने की स्थिति में किराया भी बहुत अधिक है. सिर्फ दुकानें तैयार करने में ही लाखों रुपये का खर्च आ सकता है। मेयर वीरेंद्र भट्ट ने सरकार को उल्टा सुझाव दिया है कि ‘कुल मिलाकर ठेकों को चलाना नगर निगम के बस की बात नहीं है. इससे नगर निगम घाटे में जा सकती है. ये धनराशि से संबंधित मामला है. ठेकों पर काउंटर फ्रिज, कैमरे लगते हैं और ये खर्चे का काम है. ठेकों के आवंटित हुए एक महीना हो चुका है और अब 11 महीने ही बचे हैं. ठेके चलाने के लिए भी निगम तैयार नहीं है, अगर सरकार हमसे ठेके ही चलवाना चाहती है तो इसके लिए टाइड ग्रांट की व्यवस्था करे. इसमें नफा-नुकसान सरकार की होगा और संचालन निगम के माध्यम से हो. निगम केवल मॉनिटरिंग की भूमिका निभाएगा. इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय 21 अप्रैल को नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में लिया जाएगा।