



. सैंपल फेल होने पर कंपनियों को भेजा नोटिस, 32 दवाओं के लाइसेंस होंगे रद्द।
लाइव हिमाचल/सोलन: देश का फार्मा हब हिमाचल का सोलन, एक बार फिर दवाओं की गुणवत्ता को लेकर विवादों में है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हाल ही में ड्रग अलर्ट जारी किया। हिमाचल प्रदेश में बनीं 32 दवाओं के सैंपल फेल होने के बाद ड्रग विभाग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है। फेल हुईं दवाओं का लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा। बाजार से स्टॉक वापस मंगवाने के लिए भी कहा है। बीते दिनों देशभर में दवाओं के 131 सैंपल फेल हुए हैं। इसमें केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से लिए गए 70 सैंपल फेल हुए। इसमें प्रदेश की दवा कंपनियों के 25 सैंपल शामिल हैं। जबकि राज्य प्रयोगशाला की ओर से लिए सैंपलों में 61 फेल हुए। इसमें प्रदेश की सात दवाएं शामिल हैं। फेल होने वाली दवाओं में हार्ट, शुगर, जोड़ों के दर्द, विटामिन, आयरन, जीवाणु संक्रमण, एलर्जी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, दर्द निवारक, किडनी व एंटीबायोटिक शामिल है। जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन सभी के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सीडीएससीओ की जांच में यह भी सामने आया कि पाकिस्तान में निर्मित दो अलग-अलग ब्रांड की दवाओं के सैंपल फेल हुए, जिनमें जहरीले पदार्थ पारा (मरकरी) की उपस्थिति पाई गई. यह खुलासा उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे की घंटी है. बद्दी के ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूरs ने बताया कि फेल हुए सैंपलों के लिए कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और फेल दवा बैचों को तुरंत बाजार से हटाने के आदेश दिए गए हैं. सख्त कार्रवाई करते हुए इन कंपनियों की दवाओं की क्वालिटी चेक दुरुस्त करने को कहा गया है. आने वाले दिनों में इन कंपनियों पर एक्शन लिया जाएगा. ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने कहा, “जिन कंपनियों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है.”हिमाचल का दवा उद्योग देश की फार्मास्यूटिकल जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है, लेकिन बार-बार सैंपल फेल होने की घटनाएं इसकी साख पर बट्टा लगा रही हैं. दवा विशेषज्ञ पृथपाल पाली, बावा हरदीप का मानना है कि गुणवत्ता नियंत्रण में कमी, अपर्याप्त निरीक्षण और नियमों का उल्लंघन होने के कारण ही दवाएं सही ढंग से नहीं बन पाईं होंगी. उन्होंने कहा है कि दवा कंपनियां अलर्ट रहें तो वहीं आम उपभोक्ता भी सजग रहे और दवाओं की खरीद से पहले ही उनका बैच नंबर, एक्सपायरी डेट जैसी जानकारी ले. अगर आपको दवा पर कोई आशंका है और लगता है कि यह गड़बड़ है तो तुरंत इसकी सूचना ड्रग कंट्रोलर ऑफिस में दें. उन्होंने कहा कि आम जनता की सेहत के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकना होगा। सिरमौर जिले में स्थापित फार्मा उद्योगों की दवाओं के नौ और कालाअंब, जिला ऊना के मैहतपुर, सोलन के चंबाघाट-और परवाणू के एक-एक उद्योग की दवा का सैंपल फेल हुआ है। राज्य प्रयोगशाला की ओर से लिए गए सैंपल में ब्रिट लाइफ फार्मा, एलेनक्योर बायोटेक, डाबर इंडिया, एरिस्टो, केटास्टा फार्मास्युटिकल के दो व केपटेप हेल्थकेयर के एक सैंपल फेल हुआ है।