



Himalayan Herbs: नाचन वन मंडल के देवीदहड़ में वन विभाग एक मॉडल नर्सरी तैयार करेगा. इस नर्सरी में हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी-बूटियां उगाई जाएंगी. करीब 5 बीघा वन भूमि पर ये पौध तैयार की जाएगी, जिसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है. हिमालयी जड़ी-बूटियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए नाचन वन विभाग ने गंभीरता से प्रयास शुरू कर दिए हैं. देवीदहड़ में नाचन वन विभाग बलेरियन, बालाची, कड्डू, पतिश, कुठ, इंजिलिका (चौरा), जुनिपर वैरी, जुनिपर लीफ, हींग आदि की पौध तैयार करेगा.
इसके अलावा, केसर, बलेरियन, जटामानसी, लवेंडर, रोजमेरी, जिरेनियम, चिरायता, वन हल्दी, बरे, रखाल जैसी जड़ी-बूटियों की प्रजातियां भी तैयार की जाएंगी. पंडोह वन परिक्षेत्र में भी मैदानी इलाकों में लुप्त हो रही पौध की प्रजातियां तैयार की जाएंगी, जिसमें आंवला, दाडू, रीठा, अखरोट, जामुन और काफल जैसी प्रजातियां शामिल हैं.
हिमालयी जड़ी-बूटियों के लिए उपयुक्तवन विभाग के अधिकारियों और पर्यावरण प्रेमी आकाश शर्मा के अनुसार, देवीदहड़ का ठंडा मौसम हिमालयी जड़ी-बूटियों के लिए उपयुक्त है. उन्होंने बताया कि देवीदहड़ में मॉडल नर्सरी का कार्य शुरू हो चुका है, जहां दुर्लभ जड़ी-बूटियां तैयार की जा रही हैं. पंडोह की नर्सरी में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए एक्सपोजर विजिट की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।