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बार-बार चुनाव से देश को नुकसान, राजीव बिंदल ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर जोर दिया

सोलन: एक देश एक चुनाव ‘‘वन नेशन वन इलैक्शन’’ पर एक संगोष्ठी सोलन में सम्पन्न हुई जिसमें मुख्य अतिथि के नाते बोलते हुए डाॅ. राजीव बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन आज देश की आवश्यकता बन गया है। आये दिन देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव होता रहता है और राज्यों में भी स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव होते रहते हैं जिसके कारण देश की ताकत, ऊर्जा, समय और धन का भारी अपव्यय होता है। डाॅ. बिंदल ने कहा कि भारत ने जब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को स्वीकार किया, अंगीकार किया, लागू किया उस समय पूरे देश में एक साथ ही चुनाव होते थे। तीन चुनावों तक यही सिलसिला चलता रहा और लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते थे। यहां तक कि पंचायती राज व नगर निकायों के चुनाव भी इसके साथ ही होते थे। डॉ. बिंदल ने उदाहरण देते हुए बताया कि जब संविधान लागू हुआ था, तब 1952, 1957 और 1962 में देश में एक साथ चुनाव हुए थे। बाद में कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के चलते सरकार गिराई और राष्ट्रपति शासन लागू कर चुनावी प्रक्रिया को अस्त-व्यस्त किया। उन्होंने 1975 के आपातकाल को याद करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को कुचलते हुए संविधान में बिना सोचे-समझे बदलाव किए थे। राम मंदिर आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात की सरकारें गिराए जाने की घटनाओं की निंदा करते हुए उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देश एक साथ चुनाव कर सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं? बिंदल ने कहा कि चुनावों पर हर साल करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है। अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हों, तो नीतिगत फैसले जल्दी लिए जा सकेंगे और इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। बिंदल ने राज्य में बढ़ते अपराधों पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां बिहार और उत्तर प्रदेश में शांति का माहौल बना हुआ है, वहीं हिमाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। हत्या, बलात्कार और फायरिंग जैसी घटनाएं अब आम हो चुकी हैं, जिससे यह साबित होता है कि राज्य में माफिया राज स्थापित हो चुका है। बिलासपुर और चंबा की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। प्रदेश में अपराधों की बढ़ती संख्या को लेकर कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां और प्रशासन पूरी तरह से विफल हो चुके हैं। उन्होंने चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि इस घटना की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि विमल नेगी की दर्दनाक मौत किन मानसिक दबावों और परेशानियों के कारण हुई? बिंदल ने कहा कि यह घटना प्रदेश की जनता के लिए एक बड़े आघात के रूप में सामने आई है। अब लोगों का सरकार से विश्वास उठ चुका है। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होगी और प्रदेश में अपराधों पर काबू नहीं पाया जाएगा, तब तक हिमाचल में बढ़ते अपराधों को रोकना मुश्किल होगा। प्रदेश की जनता अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है, और सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

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