



लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश की जेलों में विभिन्न अपराध के मामलों में बंद कैदी सजा काटने के साथ अपने भविष्य को भी संवार रहे हैं। जेल प्रशासन उनके दिलो-दिमाग से अपराध बोध को कम करने के साथ ही उनके हुनर को तराश रहा है, ताकि सलाखों के बाहर आने के बाद कैदियों को रोजगार के लिए न भटकना पड़े। सरकार की ‘हर हाथ काम योजना’ की अनूठी पहल से कैदियों का जीवन बदल रहा है। पिछले 8 साल में सेंट्रल जेल कंडा, नाहन, धर्मशाला और कैथू सहित प्रदेश की अन्य जेलों के 4,000 से ज्यादा कैदी सलाखों के पीछे रहकर विभिन्न उत्पाद बनाने में प्रशिक्षित हो चुके हैं। इस प्रकार से ये समाज को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उत्तरप्रदेश के राज एनडीपीएस के मामले में 20 साल की सजा सुनाए के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से 8 साल बाद ही दिसंबर, 2023 में रिहा को गए थे। उन्हें फर्नीचर बनाने में महारथ है। जेल में रहते वह 27 कैदियों को हस्तशिल्प का कारीगर बना चुके हैं। कई युवाओं को प्रेरित कर नशे की लत छुड़ाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी की मनोदशा को बदलने के लिए शिक्षा का अहम योगदान होता है।