



लाइव हिमाचल/धर्मशाला: राज्य सरकार की अनुमति से ही ड्यूटी के दौरान सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा सकेगा। कांस्टेबलों का काडर भी अब राज्य स्तर का होगा। भर्ती राज्य पुलिस बोर्ड करेगा। इस संबंध में विपक्ष के विरोध पर भी शुक्रवार को पुलिस विधेयक पारित हो गया। हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम में संशोधन पर विधेयक को पारित करने से पहले चर्चा लाई गई। इस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने लोक सेवक को किसी भी कार्य पर ड्यूटी करने के दौरान गिरफ्तार करने से पहले सरकार की मंजूरी लेने की धारा डालने पर आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत अगर किसी कर्मचारी को गिरफ्तार करना होगा तो क्या सरकार को पूछना होगा कि उसे गिरफ्तार करें कि नहीं। क्या यह व्यवस्था किसी विशेष व्यक्ति को लाभ देने के लिए तो नहीं किया जा रही है। सीएम ने कहा कि भाजपा के लोग कर्मचारियों के हितों में ही नहीं है। इससे यह जाहिर होता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि रिश्वत, खून जैसे संगीन मामलों में गिरफ्तारी करने से संबंधित मामलों में गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं होगी। ये ऐसे मामलों के लिए है कि कार्यालय में कोई एक अधिकारी द्वेष भावना से किसी कर्मचारी के खिलाफ कुछ गलत कार्रवाई करे तो ही यह प्रावधान लागू होगा। इसका एसओपी आएगा। उसमें स्थिति स्पष्ट होगी। ऐसे कई मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसमें सरकार की अनुमति से ही गिरफ्तारी का प्रावधान होगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि रणधीर शर्मा काल्पनिक बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर रहे हैं। विजिलेंस मैन्युअल को नहीं बदला गया है। कई बार अधिकारी द्वेष भावना से एफआईआर दर्ज कर लेते हैं। हिमाचल में अब 25 हजार की कम संख्या होने पर भी जिला परिषद वार्ड बनेंगे। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शीत सत्र में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा। इससे पहले विधेयक पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने चर्चा में भाग लिया और उन्होंने जिला परिषद बनाने के लिए न्यूनतम जनसंख्या जाहिर नहीं करने पर सवाल उठाए। भाजपा विधायक ने कहा कि जिला परिषद वार्ड बनाने के लिए संख्या 25 हजार से ऊपर ही होनी चाहिए। जिस विधेयक को सरकार लाई है, उसमें यह तय नहीं किया गया है कि प्रदेश में जिला परिषद वार्ड बनाने के लिए लोगों की न्यूनतम संख्या कितनी हो। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार विधेयक इसलिए ला रही है, ताकि जनजातीय क्षेत्रों में भी जिला परिषद के वार्डों का गठन किया जा सके। चर्चा के बाद विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
विपक्ष को घेरते हुए सीएम ने कहा कि ये लोग काल्पनिक बुद्धिमता का परिचय दे रहे हैं. संशोधन विधेयक में सब कुछ स्पष्ट है. अगर कोई पटवारी रिश्वत लेता है, उस पर उसी समय कार्रवाई की जाएगी. इस संशोधन के जरिए द्वेष भावना से जो एफआईआर दर्ज की जाती है, उस पर रोक लगाने के लिए संशोधन लाया गया है. उधर, भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि अगर पहले से ही पुलिस के अंदर गिरफ्तारी को लेकर हर तरह के प्रावधान हैं तो आखिर सरकार से अनुमति लेने संबंधी ये संशोधन लाने की क्या जरूरत है. सीएम ने सदन में कहा कि विपक्षी विधायक दोमुंही बात कर रहे हैं. एक तरफ कर्मचारियों के हितों की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ कुछ और बात कर रहे हैं. भाजपा विधायक त्रिलोक जंबाल ने कहा कि ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि कानून में संशोधन एक्ट लाना पड़ा. कौन सा ऐसा लोकसेवक है जो ईमानदारी से कार्य कर रहा हो और उसे गिरफ्तार किया गया हो, आज दिन तक जब इसकी जरूरत ही नहीं तो अब पुलिस एक्ट में संशोधन की एकाएक क्या जरूरत पड़ गई. इंटरनल बिजनेस और एक्ट में जमीन आसमान का अंतर है. इस एक्ट के पास होने के तुरंत बाद अन्य कानून इस पर लागू नहीं होंगे. ऐसे में इस संशोधन को वापस लेने की सख्त जरूरत है. जंबाल की इस बातच पर स्पष्टीकरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक अलग से एसओपी जारी कर देंगे. इसमें कोई दो राय है. ऐसा प्रतीत होता है कि ये कर्मचारी हितैषी नहीं हैं. रणधीर शर्मा ने कहा कि पहले एसओपी लाएं, फिर संशोधन करें. हालांकि, विपक्ष के विरोध करने के बाबजूद भी ध्वनिमत से हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक 2024 पारित हो गया.इस दौरान ध्वनिमत पर विपक्ष ने जोर से आवाज लगा कर अपना विरोध प्रकट किया।