



हिमाचल प्रदेश में मौसम के बदलाव के कारण ठंड बढ़ने लगी है और मैदानों में कोहरा भी छाया हुआ है। इन दिनों प्रदेश में बारिश और बर्फबारी के कोई आसार नहीं हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने से 22 से 24 नवंबर तक बारिश और बर्फबारी की संभावना कम है। इसके चलते कई इलाकों में सूखा भी देखने को मिल रहा है।
पानी का स्तर घटा
हिमाचल में नदी-नालों का जलस्तर घटने से पन विद्युत परियोजनाओं पर असर पड़ा है। जोगिंद्रनगर की 66 मेगावाट बस्सी परियोजना और पंजाब की 110 मेगावाट शानन परियोजना में विद्युत उत्पादन घट गया है। शानन परियोजना में सालाना 250 करोड़ रुपये की आमदनी होती थी, लेकिन अब उत्पादन में 60 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह, बस्सी परियोजना में भी 66 मेगावाट के मुकाबले अब सिर्फ 16 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है, जिससे आमदनी में भारी गिरावट आई है। प्रदेश में न्यूनतम तापमान में लगातार आ रही गिरावट से ठंड बढ़ गई है। प्रदेश का औसतन न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.8 डिग्री नीचे चला गया है, जिससे रातें ठंडी हो गई हैं। जिला लाहौल स्पीति में सबसे अधिक ठंड है। यहां के तीन शहरों का पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। ताबो, कुकुमसेरी व समधो में बुधवार को न्यूनतम तापमान क्रमशः -8.8, -3.6 व -1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं शिमला में न्यूनतम तापमान 7.6, सुंदरनगर में 5.8, भुंतर में तीन, कल्पा में 1.2, धर्मशाला में नौ, ऊना में पांच, पालमपुर में छह, सोलन में 4.8, मनाली में 2.4, कांगड़ा में 6.5, मंडी में 6.9, हमीरपुर में 6.7, चंबा में 6.4, कुफरी में सात, बिलासपुर में आठ, जुब्बड़हट्टी में 8.1, डलहौजी में 8.4, नारकंडा में 4.2, सेऊबाग में तीन व रिकांगपिओ में 3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिमाचल में कोहरा कम हो गया है। लेकिन पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरियाणा में अभी भी इसका प्रभाव है। इसका असर हिमाचल में आने वाली रेलगाड़ियों पर पड़ रहा है। दिल्ली से आने वाली हिमाचल एक्सप्रेस बुधवार सुबह निर्धारित समय से 22 मिनट देरी से 7.02 बजे ऊना पहुंची। वंदे भारत एक्सप्रेस 21 मिनट देरी से 10.54 बजे ऊना पहुंची। जन शताब्दी बुधवार सुबह 40 मिनट देरी से 9.48 बजे ऊना पहुंची। इसके अलावा साबरमती एक्सप्रेस मंगलवार देर रात 30 मिनट देरी से 11.35 बजे ऊना पहुंची। 13,058 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रे की झील जमकर ठोस हो गई है। यह झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। हिमपात न होने से रोहतांग दर्रा वीरान सा दिख रहा है लेकिन झील जमने की सूचना पाकर पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। हिमपात की कमी को जमी हुई झील पूरा कर रही है। यहां पर्यटक स्कीइंग कर रहे हैं। सुबह व शाम पारा माइनस के पार पहुंच रहा है। बुधवार को रोहतांग दर्रे में 334 पर्यटक वाहन पहुंचे। पर्यटन कारोबारी तुला, वेद राम व जगदीश ने बताया कि रोहतांग दर्रे की झील जमकर ठोस हो गई है। बुधवार को पर्यटकों ने केवल झील को कैमरों में कैद किया बल्कि स्कीइंग करने का आनंद लिया। उन्होंने बताया कि हिमपात भले न हुआ हो लेकिन रोहतांग दर्रे में झील के जमने से पर्यटक यहां का रुख करने लगे हैं। रोहतांग दर्रे में दुकानदारी कर रहे हैं। अब कारोबार चल पड़ा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दर्रे में जल्द हिमपात होगा और उनका कारोबार और गति पकड़ेगा।