



Shardiya Navratri 2024) देवी आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर से प्रारंभ होगा। इस बार नवरात्र के नौ दिनों में तीन बार सर्वार्थ सिद्धि तथा चार बार रवियोग का महासंयोग बन रहा है। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार अगर शक्ति उपासना के पर्वकाल में विशिष्ट योग नक्षत्र की साक्षी रहती है, तो साधना आराधना की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। इन योगों में की गई उपासना शीघ्र फल प्रदान करती है। साथ ही इन योगों में नए व्यापार व्यवसाय का शुभारंभ तथा घर परिवार के लिए की गई खरीदी भी शुभफल प्रदान करती है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर तीन अक्टूबर को गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र की साक्षी में शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग
नवरात्र के नौ दिनों में तीन दिन सर्वार्थ सिद्धि तथा चार दिन रवि योग का संयोग रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। इस योग में किसी कामना विशेष से देवी की शास्त्रोक्त आराधना करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है। नया व्यवसाय शुरू करना, भूमि, भवन, वाहन की खरीदी शुभ मानी जाती है।