



शिमला. हिमाचल प्रदेश की सियासत से बड़ी खबर है. यहां पर कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट दिया है. ऐसे में भाजपा ने पूर्व मंत्री राम लाल मारकंडा और वीरेंद्र कंवर का टिकट काट दिया है. तीन दिन पहले ही ये बागी भाजपा में शामिल हुए थे. जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ छह सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. यहां पर धर्मशाला, सुजानरपुर, कुटलेहड़, लाहौल स्पीति, गगरेट और बड़सर विधानसभा सीटों पर 1 जून को वोटिंग होगी. ऐसे में अब भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपनी लिस्ट जारी की है. धर्मशाला से पूर्व विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजिंदर राणा बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, लाहौल स्पाति से रविंद्र रवि, गगरेट से चैतन्य शर्मा, कुटलेहड़ से देवेंद्र भुट्टो को उपचुनाव के लिए टिकट दिया गया है.
हाल ही में भाजपा में हुए थे शामिल
हिमाचल प्रदेश में हुए सिसायी घटनाक्रम के 25 दिन बाद इन अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस के इन विधायकों ने बीते शनिवार 23 मार्च को दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया था. ऐसे में माना जा रहा था कि हिमाचल में छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा इन्हें टिकट दे सकती है. ऐसे में अब भाजपा ने इन्हें टिकट दिया है.
25 दिन पहले क्या हुआ था
हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी का दिन सियासी रियासत में दर्ज हुआ है. यहां पर राज्यसभा चुनाव के दौरान इन अयोग्य करार दिए गए विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. इस कारण कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे. अहम बात तीन निर्दलीय ने भी भाजपा को वोट दिया था. इस दौरान बजट सत्र चल रहा था बजट पास होना था. लेकिन इन सभी बागियों ने बजट के दौरान हिस्सा नहीं लिया था. बाद में व्हिप के उल्लंघन के चलते स्पीकर ने इनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी थी. सभी बागी सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं. लेकिन इस बीच इन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था.
क्यों की थी क्रॉस वोटिंग
दरअसल, राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा को सीएम सुक्खू ने कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया था. लगातार राणा और सुधीर को दरकिनार किया जा रहा था. साथ ही अन्य बागियों ने भी अनदेखी के आरोप लगाए थे. इसी वजह से इन्होंने भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया थी. गौरतलब है कि हिमाचल में एक जून को लोकसभा चुनाव के साथ वोट डाले जाएंगे.
निर्दलीयों ने भी छोड़ी थी विधायकी
जिन तीन निर्दलीयों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट दिया था. उन्होंने भी हाल ही में बीते शुक्रवार को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. बाद में वह भी दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि हिमाचल में 9 सीटों पर उपचुनाव होंगे. हालांकि, अब तक केवल छह सीटों पर चुनाव की घोषण हुई है.
सीएम सुक्खू ने दिया बयान
उधर, भाजपा की ओर से सभी छह पूर्व विधायकों को टिकट देने पर सीएम सुक्खू ने भी प्रतिक्रिया दी. शिमला में अपने जन्मदिन के मौके पर सीएम ने कहा कि कांग्रेस के बागियों को भाजपा के टिकट देने से ये सिद्ध हो गया कि भाजपा ने हॉर्स ट्रेडिंग की थी. ये सभी बिकाऊ हैं. अब न्याय और अन्याय की लड़ाई और न्याय की जीत होगी।