



धर्मशाला: पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि गोसदन में हर गाय पर सहयोग राशि देने के बावजूद लावारिस पशुओं की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। विचार होना चाहिए कि गोसदन आधुनिक हों। हर किसान का एक पोर्टल तैयार होगा। उसके पास दूध देने वाले और कितने बूढ़े पशु हैं, पोर्टल पर इसका हिसाब रखा जाएगा। इसे नजदीकी अस्पताल से जोड़ा जाएगा। जो 700 रुपये हर पशु पर गोसदन को दिए जा रहे हैं, अब सीधे किसान को दिए जाएंगे।
चिप में बेसहारा पशु मालिकों का होगा नाम-पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार
पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार विधानसभा में विधायक भवानी सिंह पठानिया द्वारा बेसहारा पशुओं को लेकर लाए संकल्प के जवाब में बोल रहे थे। चंद्र कुमार ने कहा कि चिप में बेसहारा पशु मालिकों का नाम होगा। पशुओं के शरीर में लगाई जाने वाली चिप में पशु मालिक के नाम के अलावा संबंधित पंचायत व ब्लॉक की भी जानकारी होगी। चिप तैयार करने व कैसे पशुओं में लगाया जाएगा पर काम हो रहा है। सरकार किसानों का पोर्टल तैयार कर रही है। इसमें दूध देने वाले और बूढ़े पशुओं का अलग डाटा तैयार किया जा रहा है। पशुपालन मंत्री ने कहा कि सरकार ने बेसहारा पशुओं को गौसदनों में बेहतर सुविधाएं देने के लिए शराब पर सेस लगाया जिससे सालाना 69 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था लेकिन यहां से बहुत कम पैसा मिला।
पिछले साल 70 करोड़ रुपये खर्च
इसी तरह मंदिर न्यासों से भी गौसदनों के लिए अपेक्षित धनराशि नहीं मिली। इस साल मंदिर न्यासों से केवल 63 लाख रुपये ही अभी मिले हैं। सरकार इस साल गौसदनों में रखे पशुओं पर 39.13 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जबकि पिछले साल 70 करोड़ रुपये खर्च किए थे। गौसदनों पर इतनी राशि खर्च करने के बावजूद समस्या जस की तस है।