



Navratri day 6 maa katyayani puja: आज 20 अक्टूबर शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है. आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करते हैं. आज मां कात्यायनी की पूजा रवि योग में है. उनकी पूजा करने से यश और कीर्ति में वृद्धि होती है. दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने और भय से मुक्ति के लिए मां कात्यायनी की पूजा करते हैं. उनकी कृपा से कठिन से कठिन कार्य में भी सफलता प्राप्त होती है. मां कात्यायनी का नाम कात्यायन ऋषि के नाम पर पड़ा है. पौराणिक कथा के अनुसार, उन्होंने अपने तप और पूजा से मां दुर्गा को प्रसन्न किया और उनको अपनी पुत्री के रूप में पाने का वरदान मांग लिया. उसके फलस्वरूप मां दुर्गा उनके घर पुत्री के रूप में प्रकट हुईं, जिससे उनका नाम कात्यायनी पड़ा. इनको युद्ध की देवी भी कहते हैं. सफेद फूलों की माला पहने मां कात्यायनी अपनी भुजाओं में तलवार और कमल धारण करती हैं. उनकी दो भुजाएं वरदमुद्रा में होती हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं मां कात्यायनी की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और आरती के बारे में.
शारदीय नवरात्रि 2023 मां कात्यायनी की पूजा का मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल की षष्ठी तिथि आज 20 अक्टूबर को 01:31 एएम से प्रारंभ है और यह आज रात 11:24 पीएम तक मान्य है. उदयातिथि के आधार पर नवरात्रि की षष्ठी तिथि आज है. ऐसे में आप मां कात्यायनी की पूजा सूर्योदय के बाद कर सकते हैं. हालांकि इनकी पूजा गोधूली वेला में करना अच्छा होता है.
रवि योग में होगी मां कात्यायनी की पूजा
आज रवि योग सुबह 06:25 बजे से प्रारंभ है, जो रात 08:41 बजे तक रहेगा. ऐसे में मां कात्यायनी की पूजा रवि योग में होगी. आज का शुभ समय दिन में 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक है. यह अभिजित मुहूर्त है.
मां कात्यायनी का पूजा मंत्र
पूजा मंत्र: मां देवी कात्यायन्यै नमःबीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
मां कात्यायनी का प्रिय फूल और भोग
सिंह पर सवार चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी को लाल रंग का फूल प्रिय है. पूजा के समय आप मां कात्यायनी को लाल गुड़हल या फिर लाल गुलाब का फूल चढ़ा सकते हैं. उनको शहद प्रिय है. माता को पूजा के समय शहद का भोग लगाना चाहिए.
मां कात्यायनी की पूजा विधि
आज शुभ मुहूर्त में लाल फूल, अक्षत्, सिंदूर, वस्त्र, दीप, धूप, नैवेद्य, गंध आदि अर्पित करते हुए मां कात्यायनी की पूजा करें. पूजा के समय उनके मंत्रों का उच्चारण करें. मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं. पूजा के अंत में कपूर या घी के दीप से मां कात्यायनी की आरती करें.
Story of Devi Katyayani : नवरात्रि की छठी देवी कात्यायनी की पावन कथा
मां कात्यायनी की आरती
जय जय अंबे, जय कात्यायनी।जय जगमाता, जग की महारानी।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।वहां वरदाती नाम पुकारा।।
कई नाम हैं, कई धाम हैं।यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।
हर जगह उत्सव होते रहते।हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की।ग्रंथि काटे मोह माया की।।
झूठे मोह से छुड़ाने वाली।अपना नाम जपाने वाली।।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।ध्यान कात्यायनी का धरियो।।
हर संकट को दूर करेगी।भंडारे भरपूर करेगी।।
जो भी मां को भक्त पुकारे।कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।