सोलन: शूलिनी मेला-2024 के दौरान आज उद्यान विभाग सोलन द्वारा नगर निगम सोलन के परिसर में इन्नर व्हील क्लब सोलन सिटी के सौजन्य से ‘फ्लावर शो’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्यान विभाग की अध्यक्षता डॉ. शिवाली ठाकुर ने की। इस पुष्प प्रदर्शनी में सोलन ज़िला के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने विभिन्न श्रेणियों में अपनी सहभागिता दर्ज करवाई। आयोजन के दौरान गमले में उगाए जाने वाले फूलों, पुष्प प्रबंधन व नारा लेखन श्रेणी में विद्यार्थियों ने भाग लिया। फ्लावर शो प्लांट श्रेणी में स्थानीय लोगों तथा कट फ्लावर श्रेणी में पुष्प उत्पादकों द्वारा अपनी सहभागिता जताई गई। फ्लावर ऑफ द शो का पुरस्कार झाझा गांव के गगन दीप को लीलियम फूल की उत्कृष्ट किस्म के लिए दिया गया। कार्यक्रम में नौणी विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक डॉ. सुमन भाटिया और पुष्प विशेषज्ञ दुर्लभ पुरी भी मौजूद थे।
Day: June 22, 2024
शूलिनी मेले के दूसरे दिन प्राचीन खेल ठोडा का आयोजन
सोलन: अपनी अनूठी परम्परा के लिए विख्यात माँ शूलिनी मेला के दूसरे दिन आज प्राचीन खेल ठोडा का आयोजन ऐतिहासिक ठोडो मेला मैदान में किया गया। शाठा-पाशा दलों में होने वाले तीरंदाजी के इस रोचक एवं प्राचीन खेल का जुड़ाव महाभारत कालीन कौरवों एवं पांडवों से माना गया है।इस वर्ष शूलिनी मेला के ठोडा खेल में चार ठोडा दल भाग ले रहे हैं। इनमें ठोडा दल डरोल-ठियोग, कोटी-टिब्बा (सिरमौर), किशोर (ठियोग) तथा पाशी ठोडा दल दंवा (क्योंथल) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त वाद्य यंत्र दल सिरमौर भी इसमें सहभागिता जता रहा है। इसमें अध्यक्ष राजीव ठाकुर, उपाध्यक्ष मनमोहन शर्मा, सचिव हेमन्त अत्री, कोषाध्यक्ष मनीष कुमार तथा सदस्य ललित कश्यप, भूषण कुमार शामिल हैं।
सावधान ! खाने योग्य नहीं हैं हिमाचल में बनीं 22 दवाएं, सैंपल फेल, वापस होंगे स्टॉक…
सोलन: अगर आप गले के इंफेक्शन, उच्च रक्तचाप, कैंसर, दर्द, जीवाणु संक्रमण, अल्सर, खांसी, एलर्जी, वायरस संक्रमण, एसिडिटी, खुजली और बुखार आदि की दवाओं का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाएं। हिमाचल प्रदेश सहित देशभर के विभिन्न हिस्सों में बनी 52 दवाइयां खाने योग्य नहीं हैं। इनमें से 22 दवाएं तो सिर्फ हिमाचल प्रदेश में ही तैयार हुईं थी। इन दवाइयों का स्टॉक बाजार में भी पहुंचा चुका है, मगर अब दवाओं के मानकों पर खरा न उतरने पर इसे बाजार से वापस मंगवाया जाएगा। ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि फेल होने वाली दवा उद्योगों को नोटिस जारी किए जाएंगे। बाजार से स्टॉक को वापस मंगवाया जाएगा। मई के ड्रग अलर्ट में यह सैंपल फेल हुए हैं। हिमाचल में दवा के सैंपल लेने का अनुपात अन्य राज्यों से 90 फीसदी अधिक है। केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन ने मई में देशभर में दवाओं के सैंपल लिए। इसमें देश में 52 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई। सिरमौर के पांच, ऊना का एक और 16 सैंपल सोलन जिले के फेल हुए हैं।
पांवटा साहिब की दवा कंपनी जी लेबोरेटरी के तीन और झाड़माजरी के डेक्सीन फार्मा के दो सैंपल एक साथ फेल हुए हैं। बरोटीवाला के झाड़माजरी के स्काटाडलि कंपनी की बीपी की मेट्रोप्रोजल, झाड़माजरी डेक्सीन फार्मा की गले के इंफेक्शन की सेफुरोक्साइम और संक्रमण की दवा सेफिक्सिम, बद्दी की विंगस बायोटेक की कैंसर की दवा प्रेडनिसोलोल, ऊना के टाहलीवाल स्थित न्यूरो पैथिक की अल्फा लिपोईक एसिड, लोदी माजरा की नवकार कंपनी की उच्च रक्तचाप, पांवटा साहिब के पेस बायोटक कंपनी की जीवाणु संक्रमण रोकने वाली दवा का सैंपल फेल हुआ है। बद्दी के बायो एटलस फार्मा की बीपी की दवा टेलमीसार्टन, बद्दी की हिल्लर लैब की अल्सर की दवा पेंटा प्रोजोल, बरोटीवाला की डब्लयूपीबी फार्मा की खांसी की दवा लेवोसाल, पांवटा की जी लेबोरेटरी की एलर्जी की दवा डेक्सामेथासोन इंजेक्शन, बद्दी के गल्फा लेबोट्री की दर्द की दवा डेक्लोफेनाक के सैंपल फेल हुए हैं। काठा स्थित एलियन बायोटेक कंपनी की एलर्जी की मोंटीलुकास्ट, पांवटा की जी लेबोरेटरी की बैक्टीरिया की सेफ्ट्रिएक्सोन, बरोटीवाला की फार्मा रूट्स हेल्थ केयर की उच्च रक्तचाप की दवा रेमीजोल का सैंपल भी मानकों पर खरा नहीं उतरा है। इसके अलावा झाड़माजरी की केप टेप कंपनी की बैक्टीरिया की दवा सेफ्ट्रिएक्सोन, पांवटा साहिब की जी लेबोरेटरी की नेत्र संक्रमण की जेटामाईसीन, कालाअंब की इंटीग्रेटेड कंपनी की वायरस संक्रमण की दवा सेक्ट्राई एक्सन, बद्दी की विंग्स नोविटास हेल्थकेयर कंपनी की इंफेक्शन की दवा मोक्सीटेस, बद्दी के एलवी लाइफ साइंस की एसिडिटी की दवा रेबोप्रोजोल, नालागढ़ के मझोली की रेकिन केयर लाइफ कंपनी की दर्द और बुखार की दवा लेबोटेज, सोलन को बड़ोग के रोमा फार्मा की दर्द और बुखार की दवा एसिक्लोफेनाक दवा के सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरे हैं।