महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर शिव मंदिर धरोल में लगी रौनक, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर राजीव सैज़ल ने भी की पूजा अर्चना…..

सोलन: सोलन में शिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिला सोलन के विभिन्न मंदिरों में कार्यक्रमों वह भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। महा शिवरात्रि के इस पावन पर्व शिव मंदिर धरोल में भी बड़ी धूमधाम से शिव उत्सव मनाया गया। इस दौरान पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर राजीव सैज़ल ने भी सपरिवार शिव मंदिर में पूजा अर्चना की।

वहीं शिव मंदिर कमेटी की और से पूर्व मंत्री डॉक्टर राजीव सैज़ल को बुके व शॉल देकर सम्मानित भी किया गया। आपको बता दें कि शिव मंदिर धरोल में सुबह से लेकर शाम तक भक्तजनों की लंबी लाइने लगी रही। इस अवसर पर कमेटी की और से कीर्तन का भी आयोजन किया गया था। जानकारी देते हुए शिव मंदिर कमेटी के प्रधान दिनेश ठाकुर ने कहा कि शिव मंदिर धरोल में आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। भक्तजन सुबह से लंबी कतारों में इंतजार कर भगवान शिव के दर्शन कर भजन कीर्तन कर रहे है। साथ ही उन्होंने कहा कि कल भी शिव मंदिर धरोल में भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

PM मोदी ने 3 बार झुककर किया प्रणाम, इतिहास सिखाने वाली बेटी से बोले- मैं बहुत डिस्टर्ब हो जाता हूं…

  • कीर्तिका गोविंदासामी को मिला सर्वश्रेष्ठ कहानीकार का अवॉर्ड
  • देश में पैर छूने की बन गई एक परंपरा: PM मोदी

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ‘नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड’ के दौरान राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में कीर्तिका गोविंदासामी को एक नहीं, बल्कि तीन बार झुककर प्रणाम किया। इस वाकये का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वहीं, भाजपा ने ‘एक्स’ पर वीडियो शेयर कर ‘नए भारत की पहचान’ और ‘नारी सम्मान’ करार दिया। दरअसल, भारत मंडपम में आयोजित नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड कार्यक्रम में जब कीर्तिका गोविंदासामी पीएम मोदी के पैर छूने के लिए आगे बढ़ीं, तो पीएम मोदी ने उन्हें रोक दिया और अपना भाव प्रकट करते हुए कहा कि पैर नहीं।

PM मोदी ने क्या कुछ कहा?

पीएम मोदी ने कीर्तिका गोविंदासामी को रोकते हुए सर्वप्रथम झुककर तीन बार प्रणाम किया और कहा कि वैसे राजनीति में… देश में एक परंपरा बन गई है, लोग पैर छूते हैं। कला जगत में पैर छूना, उसका भाव अलग है, अगर कोई बेटी पैर छुए तो मैं बहुत डिस्टर्ब हो जाता हूं…

सर्वश्रेष्ठ कहानीकार का पुरस्कार

पीएम मोदी ने ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के मौके पर कीर्तिका गोविंदासामी को सर्वश्रेष्ठ कहानीकार का पुरस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ पर महिलाओं को शुभकामनाएं दीं और क्रिएटर्स से अनुरोध किया कि वे ‘नारी शक्ति’ को अपने विषय-वस्तु का हिस्सा बनाएं।

Himachal Politics: हिमाचल की राजनीति में क्यों छिड़ी है प्रतिमा स्थापित करने की लड़ाई, आखिर रिज पर ही क्यों लगाना चाहते हैं नेता ?

Himachal Pradesh Politics: देश की राजनीति पर अगर नजर डाली जाए, तो यहां बड़े नेताओं की प्रतिमा स्थापित करने की राजनीति बेहद पुरानी है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी नेताओं की प्रतिमा स्थापित करने की रवायत पुरानी रही है. यहां अब प्रतिमा स्थापित करने के नाम पर सियासी जंग भी छिड़ती हुई नजर आ रही है.

हाल ही में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने दिवंगत पिता छह बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने की मांग उठाई. यह प्रतिमा रिज पर स्थापित करने की मांग है. इस संदर्भ में नगर निगम शिमला भी प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भेज चुका है, लेकिन अब तक यह प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी है.

आखिर रिज पर ही क्यों लगाना चाहते हैं नेता? 

शिमला के रिज मैदान पर यह प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव है. हिमाचल प्रदेश और शिमला के लिए रिज का अत्यधिक महत्व है. यहां आने वाला हर पर्यटक सबसे पहले रिज ही घूमने के लिए पहुंचता है. शिमला के रिज की पहचान यहां बना सालों पुराना क्राइस्ट चर्च है और इसी के आसपास नेताओं की यह प्रतिमा भी स्थापित की गई है. रिज उस हिस्से को कहा जाता है, जो पहाड़ काटकर समतल किया गया हो. शिमला के रिज मैदान पर राष्ट् स्तर के साथ प्रदेश स्तर के नेताओं की भी प्रतिमा स्थापित है.

रिज मैदान पर किन नेताओं की पतिमा है?
शिमला के रिज मैदान पर सबसे पहले और पुरानी प्रतिमा राष्ट्रपिता मोहन दास करमचंद गांधी की है. कांस्य की यह प्रतिमा 2 सितंबर, 1956 को 11 हजार 250 में खरीदी गई थी. इसके अलावा यहां सैन्य योद्धा लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह की भी प्रतिमा स्थापित की गई है. रिज मैदान के दौलत सिंह पार्क में हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे डॉ. यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा है.

 

इसके अलावा रिज के ही पद्मदेव परिसर के टेरेस पर पूर्व प्रधानमंत्री देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत अटल बिहारी वाजपेई की भी प्रतिमा है. इसके अलावा शिमला के स्कैंडल पॉइंट पर लाला लाजपत राय और सीटीओ चौक पर लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा है. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा भी छोटा शिमला इलाके में लगाई गई है. एक हैरानी की बात यह है कि शिमला के आसपास के इलाके में कहीं भी पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा नहीं है.

अब किन नेताओं की प्रतिमा स्थापित करने की मांग?

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के अलावा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी अपने दादा और पूर्व में मुख्यमंत्री रहे रामलाल ठाकुर की प्रतिमा स्थापित करने की बात कही है. इसके अलावा आश्रय शर्मा भी अपने दादा पंडित सुखराम की प्रतिमा स्थापित करने की मांग कर चुके हैं. आश्रय शर्मा की मांग तो दोहरी है.

वह शिमला के साथ मंडी में भी पंडित सुखराम की प्रतिमा स्थापित करवाना चाहते हैं. पंडित सुखराम हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे. देश भर में उनकी पहचान दूरसंचार क्रांति के लिए है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश में सब बागवानी की नींव रखने वाले विद्यानंद स्टोक्स की प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग होती है.

प्रतिमा स्थापना के नाम पर सियासी लड़ाई!

दरअसल, प्रतिमा स्थापित करने से ज्यादा यह सियासत की लड़ाई है. जानकार मानते हैं कि यह सभी नेता अपने अपने सियासी लाभ के लिए प्रतिमा स्थापित करने की इस लड़ाई को जन्म दे रहे हैं. सरकार पर भी इसका खासा दबाव है, क्योंकि इन सभी नेताओं का प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम है. सियासत के जानकारों का यह भी कहना है कि प्रदेश में प्रतिमा स्थापित करने से ज्यादा लड़ाई बेरोजगारी युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए लड़ी जानी चाहिए.

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर ₹100 एल,पी.जी सिलेंडर सस्ता : रश्मिधर सुद

सोलन: रश्मिधर सूद प्रदेश उपाध्यक्ष एक बयान में कहा आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर देश के लोकप्रिय यशवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बहनों को लेकर सदैव भावनात्मक रिश्ता रहा है धूआ मुक्त उज्ज्वला योजना से प्रारंभ किया सफर 18 सितंबर 2023 को नारी शक्ति वंदन बिल पास होने तक रहा जहां महिलाओं को 33/ प्रतिशत आरक्षण का लाभ लोकसभा व विधानसभा में प्राप्त होगा तत्पश्चात स्वयं सहायता समूह की बहनों के प्रयास को वंदन करने का कार्यक्रम हो या आज प्रधानमंत्री जी द्वारा ₹100 की सिलेंडर की कीमतों में कटौती के आदेश हो सभी बहनों के घर के बजट को संतुलित करने का भाई द्वारा एक और प्रयास है।

हम सभी महिलाएं इसका धन्यवाद करती हैं और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मैं कांग्रेस की बहनों से भी निवेदन करूंगी कि इसका खुलकर स्वागत करें।
धूआ मुक्त अच्छे स्वास्थ्य की कामना रसोई से लेकर समाज तक महिलाओं द्वारा समाज में किए जा रहे स्वयं सहायता समूह के कार्यक्रम हो या उनकी रसोई का बोझ कम करने का एक प्रयास हो माननीय प्रधानमंत्री ने हर समय हम बहनों को सम्मान दिया है। 2024 के चुनाव में सभी बहने, नरेंद्र भाई को शुभकामनाएं देगी वह दोबारा सरकार व सत्ता में आए ऐसी कामना करेंगे। और हमें विश्वास है 2024 के पश्चात बहनों के लिए अनेक अथक प्रयास योजनाएं मोदी जी की सरकार लेकर आएगी और विकसित भारत संकल्प 2047 में महिलाओं की एक विशेष भागीदारी होगी। वह आम घरों की बहनो के लिए होगी ना कि एक विशेष परिवार की। क्योंकि सबका साथ सबका विश्वास और सबका प्रयास। और मोदी जी का साथ। हम सब उनका परिवार है। इस विश्वास के साथ भारतीय जनता पार्टी आगे बढ़ रही है।

Himachal Weather: हिमाचल में फिर बिगड़ेगा मौसम, चार दिनों तक बारिश-बर्फबारी के आसार

शिमला: हिमाचल प्रदेश में दो दिनों तक साफ रहने के बाद मौसम के फिर बिगड़ने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 10 व 12 मार्च की रात से लगातार दो ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इसके प्रभाव से राज्य के कई भागों में चार दिन बारिश-बर्फबारी के आसार हैं।

10 मार्च को उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर मौसम खराब रह सकता है। 11 से लेकर 14 मार्च तक ऊंचाई वाले कई भागों में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। वहीं, निचले व मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में अंधड़ व बिजली चमकने का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। वहीं, आज राजधानी शिमला व अन्य भागों में मौसम साफ बना हुआ है। धूप खिलने से लोगों को ठंड से राहत मिली है।
374 और 405 बिजली ट्रांसफार्मर अभी भी प्रभावित
उधर, राज्य में बीते दिनों हुए बर्फबारी के चलते शुक्रवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में चार नेशनल हाईवे व 374 सड़कें यातायात के लिए बंद थीं। इसके अलावा  405 बिजली ट्रांसफार्मर व 16 पेयजल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं। लाहौल-स्पीति में सबसे अधिक 285 सड़कें ठप हैं।
प्रमुख स्थानों का न्यूनतम तापमान
शिमला में न्यूनतम तापमान 4.6, सुंदरनगर 4.5, भुंतर 3.0, कल्पा -3.0, धर्मशाला 9.9,  ऊना 5.4, नाहन 8.3, पालमपुर 4.0, सोलन 3.7, मनाली 0.6, कांगड़ा 6.5, मंडी 4.4, बिलासपुर 6.8, चंबा 6.3, डलहौजी 4.0, जुब्बड़हट्टी 6.4, कुफरी 2.1, कुकुमसेरी -8.3, नारकंडा 0.1, भरमौर 2.2, रिकांगपिओ 0.4, सेऊबाग 2.0, धौलाकुआं 8.1, बरठीं 5.4, पांवटा साहिब 11.0, सराहन 4.0 और देहरागोपीपुर में 9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

सीएम सुक्खू हिमाचल संकट पर आज हाईकमान से मिलेंगे, बगावत पर रखेंगे अपना पक्ष, बागियों से बातचीत के फिर दिए संकेत….

सोलन: हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक और विधायकों की नाराजगी के मामले में कांग्रेस हाईकमान सुलह का रास्ता खोज रहा है. यही वजह है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को दिल्ली बुलाया गया है. वे आज यहां पार्टी हाईकमान से मुलाकात करेंगे और राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे. पार्टी ने बागी विधायकों से बातचीत के साफ संकेत दिए हैं. माना जा रहा है कि पार्टी जल्द ही बागी विधायकों की मांगों पर फैसला लेगी.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले सप्ताह कांग्रेस में बगावत देखने को मिली थी. पार्टी के छह विधायक बागी हो गए थे और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर दी थी, जिससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी. क्रॉस वोटिंग के बाद पंचकूला स्थित एक होटल में चले गए थे. बाद में स्पीकर ने व्हिप का उल्लंघन करने पर 6 विधायकों सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो की सदस्यता रद्द कर दी थी.

सियासी संकट बढ़ने पर पार्टी ने सीनियर नेताओं को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल प्रदेश भेजा था और सीएम समेत बागी पक्ष से बात की थी. इसकी रिपोर्ट हाईकमान को भेजी गई थी. अब संकट से बाहर निकलने के लिए पार्टी बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़ रही है.

Himachal Politics: अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना… बागी सुधीर शर्मा का सुक्खू सरकार पर अटैक

  • सुधीर शर्मा का सुक्खू सरकार पर तीखा हमला
  • फेसबुक पर लंबी चोड़ी पोस्ट लिखा बोला हमला
  • हाईकमाल की कार्यशैली पर भी उठाए सवाल

शिमला: हिमाचल में पिछले दिनों हुए राज्यसभा चुनाव के बाद से सियासी घमासान जारी है। निष्कासित बागी विधायको और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच जुबानी जंग जारी है। बागी निष्कासित विधायक सुधीर शर्मा और राजिंदर राणा सोशल मीडिया पर लगातार अपनी बात रख रहे हैं। उनका कहना है कि उनके साथ सरकार में रहते हुए काफी अन्याय हुआ है। सुधीर शर्मा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अब एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिख हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या लिखा है…

सुधीर शर्मा ने इस पोस्ट की शुरुआत में लिखा है कि भगवद गीता में एक श्लोक है जिसका भावार्थ है- ” अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना। अन्याय से लड़ना आपका कर्तव्य है।” यही श्लोक आज हमारे संघर्ष का , हमारे फैसले का, हमारे द्वारा उठाए गए कदम का आधार बना है और इस श्लोक ने हमें शक्ति भी दी है।

उन्होने आगे लिखा है… प्रिय हिमाचल वासियों, मेरे सामाजिक सरोकार, विकास के लिए मेरी प्रतिबद्धता और जन हित के लिए हमेशा आगे खड़े रहना मेरे खून में है और मुझे विरासत में मिला है। यह जज्बा मुझे सनातन संस्कृति और उस शिव भूमि ने दिया है जिसमें मैं पैदा हुआ हूं। मेरे स्वर्गीय पिता पंडित संतराम जी पूरा जीवन सच्चाई के रास्ते पर चलते रहे। स्वाभिमान का झंडा उन्होंने हमेशा बुलंद रखा। बैजनाथ की जनता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा इसलिए उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी रहती थी क्योंकि वह संघर्ष से तपकर कुंदन बने थे। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और हाई कमान भी उनकी हर बात पर सहमति की मोहर लगाता था। यह उस दौर का नेतृत्व था जो अपने कर्मठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान करना जानता था। उनकी बात सुनता था। उनके संघर्ष को और उनकी निष्ठाओं को मान्यता देता था।

पहाड़ के लोग ऊसूलों पर चलने वाले

उस दौर का शीर्षस्थ नेतृत्व वर्तमान नेतृत्व की तरह आंखें मूंद कर नहीं बैठता था। सच्चाई बताने वालों को जलील नहीं करता था बल्कि पार्टी की प्रति उनकी सेवाओं को अधिमान देता था और उनकी भावनाओं की कद्र करना जानता था। आज स्थिति कहां से कहां पहुंच गई। मुझे तो साफगोई , ईमानदारी. जनता के साथ खड़े रहने की आंतरिक शक्ति पिताजी से ही विरासत में मिली। साथ ही यह सीख भी उन्हीं से मिली कि अन्याय के आगे कभी शीश मत झुकना और सीना तानकर डट जाना। पहाड़ के लोग ऊसूलो पर चलने वाले भावनात्मक लोग होते हैं और जो सीख उन्हें मिलती है, उसे ताउम्र अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेते हैं। यह सीख मेरे रोम रोम में बसी है और गीता का ज्ञान मुझे सदैव ऊर्जवस्थित किये रखता है तभी तो मैं अपनी बात की शुरुआत गीता के श्लोक से ही की है।

हाई कमान ने अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी
साथियो, प्रदेश में कांग्रेस सरकार को सत्ता में लाने के लिए हमने दिन-रात कितनी मेहनत की थी, इस बारे हाई कमान ने भले ही अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी हो लेकिन आप सब से तो यह छिपा नहीं है। हमारा संघर्ष छिपा नहीं है। हमारा तप, त्याग और बलिदान छिपा नहीं है। हमने राजनीति में हर तरह के दौर देखे हैं। छात्र जीवन से ही की शुरुआत करके आप सबके स्नेह से , आपके सहयोग से, आपके भरोसे से निरंतर आगे बढ़े हैं और इलाके के विकास और जनहित को हमेशा सर्वोपरि रखा है। अग्रिम मोर्चे पर खड़े होकर प्रदेश हित की लड़ाई लड़ी है।

मेरे लिए कुर्सी मायने नहीं रखती
कुर्सी पाने के लिए चापलूसी को अधिमान नहीं दिया। तलवे चाटने की राजनीति नहीं की बल्कि इलाका वासियों के साथ कहीं अन्याय होते देखा तो राजनीतिक नफा नुकसान को तरजीह देने की बजाय सरकार में रहते हुए भी अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की। जनता भलीभांति इस बात को जानती है कि मैं विकास का पक्षधर रहा हूं.. जनता की भावनाओं के साथ खड़ा रहा हूं.. हुकूमत के गलत फैसलों को चैलेंज करने में कभी पीछे नहीं रहा हूं.. मेरे लिए कुर्सी मायने नहीं रखती, मेरे लिए प्रदेश का स्वाभिमान मायने रखता है. मेरे लिए जनता का दुख दर्द मायने रखता है.. जनता की आशाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात एक करना मायने रखता है.. और जनता के सपनों को धरातल पर उतारना मायने रखता है।

हाई कमान की आंख पर पट्टी

जब लगातार मुझे राजनीतिक तौर पर जलील किया जा रहा था, विकास के मामले में इलाके की अनदेखी की जा रही थी, मेरे जैसे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को नीचा दिखाने के लिए घिनौनी हरकतें की जा रही थी, यहां तक कि मुझे रास्ते से हटाने के लिए पार्टी के भीतर ही किसी नेता ने कुछ ताकतों को सुपारी तक दे दी थी तो फिर खामोश कैसे बैठ जा सकता था। हाई कमान की आंख पर पट्टी और प्रदेश के सत्ताधीश मित्र मंडली से घिरकर जब तानाशाह बन बैठे हों तो कायरों की तरह हम भीगी बिल्ली बनकर जनता के भरोसे को नहीं तोड़ सकते। पहाड़ के लोगों के साथ अन्याय होता नहीं देख सकते. किसी को प्रदेश हित गिरवी रखते नहीं देख सकते। सड़क पर धरना लगाए बैठे युवाओं की पीड़ा नहीं देख सकते।

हमने कई बार कड़वे घूंट भरे

हमारे सब्र का आखिर कितना इम्तिहान लिया जाना था। हमने कई बार कड़वे घूंट भरे .. विषपान भी किया.. लेकिन अंतत: हमारी अंतरात्मा और गीता के श्लोक ने हमें अन्याय का प्रतिकार करने के लिए खुलकर मैदान में आने के लिए प्रेरित किया और हमने जो कदम उठाया है,उस पर हमें नाज है… कहीं दूर-दूर तक कोई पछतावा नहीं है बल्कि इस फैसले के पीछे हिमाचल में एक नई रोशनी की आमद का स्वागत करना है… एक नई सवेर इंतजार में है और हिमाचल के नवनिर्माण के लिए पूरे दुगने जोश से डट जाना है.. आपका स्नेह, आपका भरोसा, आपका विश्वास ही हमारी ताकत है और आगे भी रहेगी. हिमाचल के हित और स्वाभिमान की मशाल को हम अंतिम सांस तक उठाकर चलेंगे. इस लौ को बुझने नहीं देंगे। जय श्री राम, जय हिमाचल, वंदे मातरम।

अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में 900 जवान संभालेंगे सुरक्षा का जिम्मा : एसपी

मंडी: अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और होमगार्ड्स के 900 जवान तैनात किए जाएंगे तथा पड्डल मैदान में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। यह जानकारी वीरवार को एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने प्रैस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इस समय मंडी शहर में 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जबकि पड्डल मेला ग्राऊंड और सेरी मंच के आसपास 20 से 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा शरारती तत्वों से निपटने के लिए विशेष दस्ते का गठन किया गया है, वहीं पर मेले के दौरान नशीले पदार्थों की खरीद-फरोक्त करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि 900 जवानों में 600 दूसरे जिलों से बुलाए गए हैं जबकि मंडी के 168 पुलिस जवानों के अलावा होमगार्ड्स जवानों की तैनाती की जाएगी।

6 सैक्टर में बांटा मंडी शहर
एसपी ने बताया कि मंडी शहर और इसके बाहरी क्षेत्र को 6 सैक्टर में बांटा गया है जिसमें पड्डल मैदान, देवताओं के ठहरने और बैठने के स्थान को अलग सैक्टर के रूप में रखा गया है, वहीं शहर की यातायात व्यवस्था, शहर के प्रवेश द्वार मंडी-सुंदरनगर रोड, खलियार और पंडोह राेड को अलग सैक्टर में बांटा गया है। मेले के दौरान शहर में वाहनों की भीड़ को कम करने के लिए मोती बाजार-विक्टोरिया ब्रिज, तल्याहड़-मंडी और तल्याहड़-रामनगर रोड तथा रोटरी-चौक सुकेती पुल रोड़ वनवे होंगे, वहीं पर एंबुलैंस और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बड़े वाहनों के लिए शहर में नो-एंट्री रहेगी।

शहर से बाहर होगी पार्किंग व्यवस्था
एसपी ने बताया कि शिवरात्रि के दौरान बाहर से आने वाले वाहनों के लिए शहर के बाहर खलियार में ब्यास नदी के किनारे पार्किंग व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा भीमाकाली, मंदिर गुरुद्वारा पड्डल और सुकेती पुल से पुलघराट तक वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा रहेगी।ब्यास नदी किनारे विक्टोरिया पुल के समीप 700 हल्के वाहनों के पार्क होने के लिए स्थल बनाया गया है। इसके अलावा  बिंद्राबणी/फोरलेन में 300 हल्के वाहन, पुरानी सुकेती पुल के बीच से पुलघराट तक 30 वाहन, सब्जी मंडी रोड बेहना रोड तक 100 वाहन, तलयाड़ रोड दो अम्ब तक 25 वाहन, भीमाकाली मंदिर में 80 हल्के वाहन, रानी पार्किंग (बीएसएनएल के पीछे टैलीफोन एक्सचेंज भवन) 250 हल्के वाहन और बस स्टैंड की छत पर 60 हल्के वाहन पार्क हो सकेंगे।

यहां बनाए अस्थायी बस स्डैंट 
शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बोर्डिंग और डी-बोर्डिंग की सुविधा अस्थायी बस स्टैंड बनाए गए हैं। सुंदरनगर की तरफ से आने वाली बसें पुराने सुकेती ब्रिज और पुलघराट के बीच एनएच-21 पर ऑटो स्टैंड से पीछे ही यात्रियों को बिठाएंगे और उतारेंगे भी यहीं पर। इसके अलावा बाडी गुमाणू से सकोडी चौक को अस्थायी बस स्डैंट बनाया गया है।

यह भी बनाई व्यवस्था

  • अस्थायी बस स्टैंड/मुख्य बस स्टैंड एवं सभी छोटे वाहन सामान्य रूप से चलेंगे। बड़ी गुमाणू से क्षेत्रीय अस्पताल मंडी होते हुए आने वाली सभी नियमित बसें यात्रियों को उतारेंगी और चढ़ेंगी। यात्री सकोडी चौक पर और क्षेत्रीय अस्पताल के माध्यम से बड़ी गुमाणू की ओर वापस लौटेंगे। सकोडी चौक से मंडी एवं सभी छोटे वाहन सामान्य रूप से चलेंगे।
  • विक्टोरिया ब्रिज से जीराे चौक वाया सैन मोहल्ला होते हुए वन-वे रहेगा। आपातकालीन वाहनों (एम्बुलैंस) को छोड़कर एलएमवी के लिए। इसके साथ गांधी चौक से विक्टोरिया ब्रिज तक सड़क एलएमवी के लिए वनवे रहेगी। विक्टोरिया ब्रिज से मंडी शहर को पुरानी मंडी रोड से डायवर्ट किया जाएगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के दौरान निम्नलिखित सड़कों को डायवर्ट या वन-वे किया गया है। तल्याहड़ से मंडी बस अड्डे तक आने वाली बसों सहित सभी भारी वाहन जेल रोड, सकोडी ब्रिज, आजाद ड्राईक्लीनर, आईटीआई चौक से होते हुए (एक तरफ) जाएं।
  • गांधी चौक से सेरी मंच के सामने रिजेंट पाम होटल तक की सड़क को सेरी मंच सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बंद रखा जाएगा। इसके अलावा होटल प्रताप पैलेस से काहनवाल चौक तक की सड़क एक तरफ होगी तथा काहनवाल चौक (दोपहिया और तिपहिया वाहनों को छूट है)।
  • एलएमवी वाहनों के लिए रोटरी चौक से आजाद ड्राई क्लीनर के बीच दोतरफा यातायात। आईटीआई चौक की ओर से मंडी शहर में प्रवेश करने वाली स्कूल बसों को अनुमति होगी।
  • रात्रि 12 बजे से प्रातः 6 बजे तक कस्बे में माल वाहक वाहनों को प्रवेश की अनुमति है। सभी मालवाहक वाहन को सुबह 7 बजे से पहले मंजूरी दे दी जाएगी।
  • मंडी शहर में किसी भी प्रकार की बेकार पार्किंग की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा आपातकालीन वाहन और एम्बुलैंस सभी दिशाओं में सभी सड़कों पर चल सकते हैं।
  • मंडी की ओर से तल्याहाड़ की ओर जाने वाले सभी भारी वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा। पुलघराट, मंगवाई, सन्यारड़ी और सभी छोटे वाहन हमेशा की तरह चलेंगे।

हिमाचल में सुक्खू बेखबर, विक्रमादित्य भरोसेमंद नहीं; हालात के लिए प्रतिभा भी जिम्मेदार

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अपने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को कांग्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में राज्य के हालात से ‘बेखबर’ बताया है। राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान हुई क्रॉस वोटिंग और राज्य इकाई में बने संकट पर कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने यह बातें अपनी रिपोर्ट में कही हैं। चुनाव में विफलता व राज्य इकाई के हालात के लिए प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी जिम्मेदार बताया गया। असंतुष्ट नेता विक्रमादित्य सिंह के काम को पार्टी का अनुशासन तोड़ने वाला बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बागी विधायकों को भाजपा ने प्रलोभन दिया।

मतदान के बाद भेजे गए इन पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है। जानिए, किसके लिए और क्या बताया रिपोर्ट में :
सुखविंद्र सुक्खू : मुख्यमंत्री अनुमान नहीं लगा सके कि मतदान में इस प्रकार क्रॉस वोटिंग होगी। ऐसी बेखबरी स्वीकार नहीं की जा सकती। सीएम अपने विधायकों को जोड़कर नहीं रख सके। भविष्य में अगर पार्टी के भीतर बगावत हुई, तो वे इसे रोक पाएंगे, इसमें भी संदेह पैदा होता है।
प्रतिभा सिंह : वह मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव में उतार देना चाहिए। अध्यक्ष पद किसी और को दे देना चाहिए।

विक्रमादित्य सिंह : संकट के समय उनके कामों ने पार्टी का अनुशासन तोड़ा। प्रमुख नेताओं को संदेह है कि क्या भविष्य के लिए उन पर भरोसा किया भी जा सकता है।

और बागी विधायक : क्रॉस वोट करने वाले विधायकों को भाजपा ने प्रलोभन दिया। भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का लगातार प्रयास कर रही है।

ये सुझाव भी दिए
– सरकार को अस्थिर होने से बचाने के लिए तत्काल सुधार करने होंगे। आचार संहिता लागू होने से पहले 12 असंतुष्ट विधायकों को कॉरपोरेशन व अन्य पद बांटे जाएं। ये सभी विधायक एकमत नहीं हैं, उनकी एकता तोड़ी जा सकती है।
– भाजपा सरकार गिरा कर लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराना चाहती थी, इसलिए मुख्यमंत्री बदलना सही नहीं होगा।
– मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री व पार्टी प्रमुख प्रदेश नेताओं की समन्वय समिति बनाएं, दो सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष सुझाएं।

Mahashivratri 2024 Live: आज मनाई जा रही है महाशिवरात्रि, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और शिव पूजन विधि

Mahashivratri 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ही  भगवान भोलेनाथ ने मां पार्वती संग विवाह किया था। ऐसे में हर एक शिवभक्त इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करता है और विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता है। वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि आती है और शिवभक्त इस दिन व्रत रखते हुए भगवान भोलेनाथ और मां गौरी की पूजा करते हैं। लेकिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि बहुत ही खास होती है। इस दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है। महाशिवरात्रि पर देशभर के सभी शिव मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन और पूजा करने के लिए बड़ी भारी भीड़ होती है। एक दूसरी धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ पृथ्वी पर आते हैं और सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। इस तरह से महाशिवरात्रि पर व्रत रखने और शिव उपासना करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और हर एक मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की शुभ तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष संयोग…

महाशिवरात्रि तिथि 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि शुरुआत 08 मार्च को रात 09 बजकर 47 मिनट से होगी, जिसका समापन 09 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। यानी महाशिवरात्रि का त्योहार 08 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा निशिता काल में करने का विधान होता है। ऐसे में महाशिवरात्रि 08 मार्च को मनाई जाएगी।

महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि 2024 तिथि: 8 मार्च 2024
निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 08 मार्च की मध्यरात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक।
अवधि : 0 घंटे 48 मिनट

महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर पूजा शुभ मुहूर्त

प्रथम प्रहर की पूजा- 08 मार्च शाम 06 बजकर 29 मिनट से रात 09 बजकर 33 मिनट तक
दूसरे प्रहर की पूजा- 08 मार्च सुबह 09 बजकर 33 मिनट से 09 मार्च सुबह 12 बजकर 37 मिनट तक
तीसरे प्रहर की पूजा-09 मार्च सुबह 12 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
चौथे प्रहर की पूजा- 09 मार्च सुबह 03 बजकर 40 मिनट से  06 बजकर 44 मिनट तक
पारण मुहूर्त : 09 मार्च की सुबह 06 बजकर 38 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक।

महाशिवरात्रि 2024 पर बना दुर्लभ योग
हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही दुर्लभ संयोग बना हुआ है। इस बार शुक्रवार को महाशिवरात्रि का त्योहार है और इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि जबकि प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। लेकिन इस बार तिथियों के संयोग के कारण फाल्गुन की त्रयोदशी तिथि और महाशिवरात्रि की पूजा का निशिता मुहूर्त एक ही दिन है। ऐसे में इस बार एक व्रत से दोगुना लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
इसके अलावा इस वर्ष महाशिवरात्रि पर तीन योग भी बन रहे हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिव, सिद्ध और सर्वार्थसिद्ध योग का निर्माण होगा। शिवयोग में पूजा और उपासना करने को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान शिव का नाम जपने वाले मंत्र बहुत ही शुभ फलदायक और सफलता कारक होते हैं। वहीं सिद्ध योग में नया कार्य करने पर उसमें पूर्ण सफलता हासिल होती है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग में हर कार्य में सफलता मिलती है।

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा
– सबसे पहले महाशिवरात्रि पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें,फिर भोलेनाथ का नाम लेते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें।
– व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के मंत्रों को जपते हुए दोनों का आशीर्वाद लें।
– शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें।
– घर के पास स्थित शिव मंदिर जाकर शिवलिंग को प्रणाम करते हुए और शिवमंत्रों के उच्चारण के साथ गंगाजल, गन्ने के रस, कच्चे दूध, घी और दही से अभिषेक करें। फिर इसके बाद भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा और बेर आदि अर्पित करें।
– अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।