गोवंश का संरक्षण हम सभी का कर्तव्य : डॉ. शांडिल

सोलन : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास है तथा इनका संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है। डॉ. शांडिल आज गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर आश्रय गौ-सदन में गौ माता की पूजा-अर्चना तथा हवन कर जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

डॉ. शांडिल ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार गाय को माँ का दर्जा दिया गया है। गौ माता के गोबर व गोमूत्र को औषधी के रूप में सदियों से प्रयोग में लाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि गौ माता के दर्शन से मानसिक तनाव में भी कमी आती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सोलन स्थित आश्रय गौ-सदन में लगभग 130 गोवंश को आश्रय दिया गया हैं। कभी सड़क हादसों का शिकार होने वाले गोवंश के लिए आश्रय गौ-सदन संरक्षक की भूमिका निभा रहा हैं। उन्होंने आम जन से आग्रह किया कि गोवंश के संरक्षण के लिए सभी अपने सामर्थ्य के अनुसार सेवा करें।
उन्होंने कहा कि गौ-सदन में गाय के गोमूत्र व गोबर से जैविक खाद तैयार की जा रही है। बाजार में जैविक खाद को बेचकर प्राप्त होने वाली राशि को बेसहारा पशुओं के संरक्षण के लिए व्यय किया जा रहा है।
उन्होंने सड़कों पर पशुओं को लावारिस छोड़ने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि गौ सेवकों का कार्य तभी सफल हो पाएगा जब सभी गोवंश के संरक्षण के लिए मिलकर कार्य करेंगे।
डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर गोवंश को आश्रय देने वाले नागरिकों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों की सेवा भावना से गोवंश को सहारा मिल रहा है।


उन्होंने आश्रय गौ-सदन के विकास के लिए आवश्यकतानुसार राशि देने का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर लोगों की समस्याएं सुनी और इनके शीघ्र निपटारे के अधिकारियों को निर्देश।
इस अवसर खण्ड कांग्रेस समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष अंकुश सूद, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, उषा शर्मा, रजनी तथा शेलेन्द्र गुप्ता, समाज सेवक तरसेम भारती, आश्रय गौ-सदन के प्रधान अविनाश शर्मा, सचिव विशन सिंह, उप प्रधान विवेक मोदगिल, गौ आश्रय के सदस्य गुरदीप साहनी, प्रबंधक अशोक टंडन, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, ज़िला चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित रंजन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा विभिन्न मंदिरों के संत उपस्थित थे।

21 नवम्बर को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी…

सोलन : हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 नवम्बर, 2023 को आवश्यक रखरखाव के दृष्टिगत कथेड़ के कुछ इलाकों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी विद्युत बोर्ड सोलन के अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता राहुल वर्मा ने दी।

राहुल वर्मा ने कहा कि 21 नवम्बर, 2023 को प्रातः 11.00 बजे से प्रातः 11.15 बजे तक तथा सायं 04.00 बजे से सांय 04.15 बजे तक दलोग, परोंथा, मही, शन्हेच, माथिया, बेल, मेला मैदान, सलोगड़ा, बरड बस्ती, कथोग, पडग, बंडल, हरठ, नेरी, गण की सेर, मनसार, जोखड़ी, हॉट मिक्स के आस पास के क्षेत्र, ग्राणी, सलोगड़ा के आस-पास के क्षेत्र, ब्रुरी, तरन-तारन, दधोग, विनसम होटल, डांगरी, चम्बाघाट, गुरूद्वारा चम्बाघाट, कोणार्क होटल, बेर की सेर, कोणार्क, जरश एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।
उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की स्थिति तथा अन्य कारणों से उपरोक्त तिथि एवं समय में बदलाव किया जा सकता है।
उन्होंने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।

अगली इंतकाल अदालत में शून्य होंगे मामले, पार्टीशन व डिमार्केशन मामलों के भी दिए आदेश…

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में व्यवस्था परिवर्तन के नारे को दोहराते हुए कहा कि सरकार ने लंबित पड़े इंतकाल के मामलों को निपटाने के लिए बीते महीने इंतकाल अदालतें लगाई, जिसमें कई मामलों का निपटारा किया गया। आगामी इंतकाल अदालत में मामलों को शून्य करने का सरकार का लक्ष्य रखा गया है। इंतकाल के मामलों के अलावा पार्टीशन और डिमार्केशन के मामलों को भी सरकार 6 से 8 महीने से निपटाने के लिए कार्य कर रही है जो कि आजादी के बाद हिमाचल सरकार की सबसे बड़ी पहल साबित होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इंतकाल, पार्टिशन जैसे मामलों के निपटारे में लोगों की कई पीढ़ियां खत्म हो जाती है, लेकिन निपटारा नहीं हो पाता। हिमाचल सरकार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को इन मामलों के शीघ्र निपटारे के आदेश दिए हैं, जबकि भाजपा सरकार ने पांच साल में जनमंच के नाम पर अधिकारियों को बेइज्जत करने और पैसे की बर्बादी करने का ही काम किया। लेकिन वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन करने में विश्वास रखती है और लोगों की समस्या का निपटारा किया जा रहा है।

वहीं, मुख्यमंत्री ने आपदा के कारण ब्यास बेसिन में बंद किए गए स्टोन क्रेशर में बड़े घोटाले की बात कही है। भाजपा पर पांच साल आंख मूंद कर काम करने के आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में ब्यास बेसिन पर करीब 131 स्टोन  क्रेशर बंद पड़े हैं, जिनकी वैधता जानने के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है।

वही, 50 क्रशरों को शर्तों के साथ संचालित करने की सिफारिश की है, जिनको लेकर सरकार सिंगल विंडो मीटिंग के माध्यम से शीघ्र निर्णय लेने वाली हैं। लेकिन 63 क्रशर ऐसे हैं, जिनके पास वैध लीज तक नहीं है। क्रेशर चलाने के लिए जनरेटर सेट का प्रयोग किया जा रहा है और सरकार को रॉयल्टी नहीं मिल रही है।

पिछली सरकार ने नियमों के खिलाफ़ काम किया और इसमें बड़ा घोटाला सामने आएगा। सरकार सभी पहलुओं को देख रही है। पूरे हिमाचल में स्टोन क्रेशर की वैधता को लेकर जांच के उद्योग विभाग को निर्देश दिए गए हैं। जो क्रेशर औपचारिकताएं पूरी करेंगे उनको ही बहाल किया जायेगा। बाकियों पर उद्योग विभाग जांच करेगा और उसके बाद ही सरकार आगामी निर्णय लेगी।

हिमाचल के चहुंमुखी विकास के लिए सभी का आपसी समन्वय आवश्यक – कुलदीप सिंह पठानिया

 

. बद्दी में कार्यरत भटियात विधानसभा क्षेत्र के कर्मियों, कामगारों के साथ संवाद आयोजित…

सोलन : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल में बेहतर रोज़गार सृजन, आर्थिक संसाधनों और प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सभी राजनीतिक दलों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा। कुलदीप सिंह पठानिया आज सोलन ज़िला के बद्दी में कार्यरत भटियात विधानसभा क्षेत्र के कर्मचारियों एवं कामगारों के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।


कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां संसाधन सीमित हैं। प्रदेश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर तथा रोज़गार एवं स्वरोज़गार के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाओं के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि चम्बा ज़िला के भटियात विधानसभा क्षेत्र से बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र एवं परवाणू तक प्रदेश पथ परिवहन निगम की बस सेवा शीघ्र आरम्भ की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में मामला उच्च स्तर पर विचाराधीन है और औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं। उन्होंने प्रदेश के अन्य ज़िलों से बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ तक आवश्यकतानुसार बस सेवा आरम्भ करने की सम्भावनाएं तलाशनें के निर्देश दिए।
कुलदीप सिंह पठानिया ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों एवं कामगारों के व्हाट्सऐप ग्रुप में स्वास्थ्य एवं जल शक्ति विभाग सहित अन्य अधिकारियों के मोबाईल नम्बर जोड़ने के निर्देश दिए ताकि कामगारों की समस्याओं का शीघ्र निदान हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उद्योग और रोज़गार एक दूसरे के पूरक हैं तथा औद्योगिक क्षेत्रों में दक्षता के अनुसार हिमाचल के युवाओं को 70 प्रतिशत रोज़गार सुनिश्चित करना उद्योग जगत का उत्तरदायित्व है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बेहतरीन कार्य कर रही है। रोज़गार सृजन के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सुखाश्रय योजना से जहां बेसहारा को सहारा मिला है वहीं आपदा के प्रभावितों के लिए राहत पैकेज में क्रांतिकारी संशोधनों से ज़ख्मों पर मरहम लगा है।


उन्होंने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में कार्यरत कर्मचारियों और कामगारों की समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार सतत् क्रियाशील हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जन समस्याओं का समयबद्ध समाधान सदैव प्रदेश सरकार की प्राथमिकता रहेगी।
मुख्य संसदीय सचिव (उद्योग, राजस्व एवं नगर नियोजन) राम कुमार चौधरी ने दून विधानसभा क्षेत्र में पधारने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एक ऐसा ऑनलाईन पोर्टल आरम्भ किया जाना चाहिए जो प्रदेश के सभी रोज़गार और उप रोज़गार कार्यलयों से जुड़ा हो। इस पोर्टल पर विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में उपलब्ध रोज़गार की जानकारी होनी चाहिए ताकि युवाओं को बेहतर रोज़गार त्वरित उपलब्ध हो सके। उन्होंने हिमाचल के बीबीएन में कार्यरत युवाओं की सुविधा के लिए प्रत्येक ज़िले से बस सेवा आरम्भ करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि वह दून विधानसभा क्षेत्रों के उद्योगों में कार्यरत सभी की समस्याओं के निदान के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर भटियात विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मंलुडा के प्रधान अनूप तथा खण्ड कांग्रेस समिति दून के अध्यक्ष कुलतार सिंह ठाकुर ने भी अपने विचार रखे।
नगर परिषद बद्दी के पूर्व अध्यक्ष मदन लाल चौधरी, नगर परिषद बद्दी के पार्षद, नगर पंचायत चुआड़ी के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र चारख, भटियात विधानसभा क्षेत्र के पंचायती राज प्रतिनिधि, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बद्दी मोहित चावल, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित जैन, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में कार्यरत भटियात विधानसभा क्षेत्र के कर्मियों के संघ के अध्यक्ष शेर सिंह, अन्य पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में इस क्षेत्र के कामगार एवं कर्मी उपस्थित थे।

हिमाचल के बिलासपुर में भूकंप के झटके महसूस…

सोलन : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में रिक्टर पैमाने पर 2.9 की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है। हालांकि, तीव्रता कम होने के चलते भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए। भूकंप का केंद्र जमीन के भीतर करीब 13 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप करीब 2:14 बजे आया।

1905 के भूकंप में 20 हजार से ज्यादा गईं थीं जानें
बता दें हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है। कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की अल सुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से ज्यादा इंसानी जानें चली गई थीं। भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें तहस-नहस हो गई थीं, जबकि 53 हजार से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे।

कैसे आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता
  • रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं।
  • इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते।
  • वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
  • लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

21 नवम्बर को सोलन के प्रवास पर रहेंगे राज्यपाल

शिमला: प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल 21 नवम्बर, 2023 को सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं।

शिव प्रताप शुक्ल 21 नवम्बर, 2023 को प्रातः 10:45 बजे उपायुक्त कार्यालय सोलन में ज़िला स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

महाराष्ट्र के हिंगोली में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.5 रही तीव्रता

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के हिंगोली में आज भूकंप के झटके (Maharashtra Hingoli Earthquake) महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, हिंगोली में भूकंप सोमवार सुबह 5 बजकर 9 मिनट पर आया.रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई. एनसीएस के मुताबिक, भूकंप आज ​​सुबह 5 बजकर 9 मिनट पर 5 किमी की गहराई पर आया.

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि हिंगोली में आए भूकंप की तीव्रता: 3.5 रही, लंबाई: 77.34, गहराई: 5 किमी थी.

अयोध्या में रामलला के अभिषेक के शुभ मुहूर्त का एलान, 22 जनवरी को इस समय होगी प्राण प्रतिष्ठा

Ayodhya News: राम नगरी अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के अभिषेक के लिए जिस शुभ घड़ी का इंतजार किया जा रहा था, उसकी तस्वीर अब साफ हो गई है। पूरी दुनिया भर में राम भक्त इस तारीख का इंतजार कर रहे हैं। रामलला के विराजमान होने के बाद उनके दर्शन के लिए हर कोई उत्सुक है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है।

दोपहर 12:20 बजे पर होगा रामलला का अभिषेक

बताया जा रहा है कि 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त, मृगशिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला का अभिषेक करेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद रहेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर प्रथम चरण की शुरुआत

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का पहला चरण रविवार से शुरू हो गया है, जो 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान समारोह की कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी, ताकि समारोह के दौरान किसी भी तरह की कोई कमी न रह जाए। आयोजन और सभी काम बेहतर तरीके से पूरे हो सकेंगे। इसके लिए एक छोटी संचालन समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि जिला और ब्लॉक स्तर पर 10-10 लोगों का समूह बनाने पर सहमति बनी है।

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कारसेवक भी शामिल होंगे

जानकारी के मुताबिक, टीम में मंदिर आंदोलन के कारसेवक भी शामिल होंगे. टोलियां 250 स्थानों पर बैठकें कर समारोह में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने की अपील करेंगी। दूसरा चरण 1 जनवरी से शुरू होगा। इसमें घर-घर संपर्क योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों में पूजे जाने वाले रामलला की मूर्ति और अक्षत अर्पित किया जाएगा।

सबके चेहरे पर मायूसी, देखा नहीं जा रहा था हाल… कोच द्रविड़ ने बताया हार के बाद टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम का मंजर

दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम कड़ी मेहनत के बाद वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में पहुंची थी, जहां उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. इस हार से भारतीय खिलाड़ी बेहद निराश हैं. टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर ट्रॉफी नहीं जीत पाने का गम साफ दिखाई दे रहा था. कप्तान रोहित शर्मा और मोहम्मद सिराज अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके वहीं विराट कोहली कैप से मुंह छुपाकर ग्राउंड से बाहर निकले. टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ जब ड्रेसिंगरूम में पहुंचे तो वहां का मंजर उनसे देखा नहीं जा रहा था. सभी के चेहरे लटके हुए थे. खिलाड़ी बहुत परेशान थे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो अब करें तो क्या करें.ऑस्ट्रेलिया ने खिताबी मुकाबले में भारत (IND vs AUS) को 6 विकेट से हराकर रिकॉर्ड छठी बार विश्व चैंपियन  बनने का गौरव हासिल किया. राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने स्वीकार किया कि खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने कई महीनों से इस टूर्नामेंट में यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की थी. 12 साल के सूखे को दूर करने के इतने करीब पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी. हार के बाद ड्रेसिंगरूम का हाल बेहाल था.

‘मुझसे देखा नहीं जा रहा था’
राहुल द्रविड़ ने मीडिया से कहा, ‘हां, बिल्कुल, वह (रोहित शर्मा) निराश हैं, जैसे ड्रेसिंग रूम में कई लड़के हैं. ड्रेसिंग रूम में जिस तरह का माहौल था, वह मुझसे देखा नहीं जा रहा था. एक कोच के रूप में इसे देखना कठिन था, क्योंकि मैं जानता हूं कि इन लोगों ने कितनी मेहनत की है, उन्होंने क्या योगदान दिया है, कितना बलिदान दिया है. तो, यह कठिन है. मेरा मतलब है, एक कोच के रूप में इसे देखना कठिन है, क्योंकि आप इन लड़कों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. आपको यह देखने को मिलेगा कि उन्होंने कितना प्रयास किया है, हमने पिछले महीने में कितनी मेहनत की है, हमने किस तरह का क्रिकेट खेला है. लेकिन हां यह खेल का हिस्सा है. ऐसा होता है. उस दिन बेहतर टीम को जीत मिली है.’

‘कल सुबह सूरज निकलेगा’
बकौल द्रविड़, ‘ मुझे यकीन है कि कल सुबह सूरज निकलेगा. हम इससे सीखेंगे. और हम आगे बढ़ेंगे. मेरा मतलब है, खिलाड़ी के रूप में आप यही करते हैं. खेल में आपकी कुछ महान उपलब्धियां हैं, और खेल में आपके कुछ निम्न स्तर भी हैं. और आप आगे बढ़ते रहें. आप रुकना मत. क्योंकि यदि आप अपने आप को दांव पर नहीं लगाते हैं, आप अपने आप को इस तरह के खेलों में नहीं डालते हैं, तो आप महान ऊंचाइयों का अनुभव नहीं करते हैं. और न ही आपको गिरने का अनुभव होता है. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप सीखते नहीं हैं.’

राज्यपाल ने महिला सशक्तिकरण के लिए समाज में बदलाव लाने पर दिया बल….

शिमला :  राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समाज में परिवर्तन लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उन्हें समाज में उचित एवं समान अवसर प्रदान करने होंगे, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता से आगे बढ़ सकें। राज्यपाल यहां सुनील उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा ‘महिला सशक्तिकरण-भारतीय परिप्रेक्ष्य’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। शुक्ला ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एक ऐसा विषय है जिस पर आज समाज और राष्ट्र को चर्चा करने और उचित ढंग से क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में महिलाओं को विशेष सम्मान प्राप्त था जो मध्यकाल में कम होने लगा। हालांकि आधुनिक युग में कई भारतीय महिलाएं महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक पदों पर आसीन हैं, लेकिन आम ग्रामीण महिलाएं अभी भी अपने घरों तक सीमित रहने के लिए मजबूर हैं।

राज्यपाल ने कहा कि भारत में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की तुलना में शहरी क्षेत्रों की अधिक महिलाएं कामकाजी हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय शहरों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं सॉफ्टवेयर उद्योग में काम करती हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं मुख्य रूप से कृषि और संबंधित क्षेत्रों में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश तेजी से प्रगति कर रहा है, लेकिन हम इस गति को तभी बनाए रख सकते हैं, अगर हम लैंगिक असमानता को दूर कर सकें और महिलाओं के लिए पुरुषों के समान शिक्षा, पदोन्नति और वेतन सुनिश्चित कर सकें।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा लैंगिक असमानता और महिलाओं के विरूद्ध कुप्रथाओं को दूर करने के लिए कई संवैधानिक और कानूनी अधिकार बनाए और लागू किए गए हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई अन्य योजनाएं संचालित की है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं मनरेगा, सर्वशिक्षा अभियान, जननी सुरक्षा योजना (मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए संचालित योजना) आदि हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कई वर्षों में केंद्र सरकार ने महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं, सुरक्षा और सम्मान में वृद्धि की गई है। निःशुल्क गैस कनेक्शन के लिए उज्ज्वला योजना, महिलाओं के लिए स्वच्छ शौचालय और घरों में नल से जल के लिए जल-जीवन मिशन जैसी योजनाएं संचालित की गई हैं जिनसे महिलाओं का जीवन सरल बना है और उनमें आत्म-सम्मान के साथ-साथ आत्मविश्वास की भावना भी बढ़ी हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मोनिका अरोड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इससे पहले, सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा और सचिव प्रोफेसर सुरेंद्र शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया।