पूरे परिवार को खत्म कर ले गया लोन ऐप….

दिल्ली : आठ साल का बेटा, तीन साल की बेटी और पति-पत्नी. छोटा सा खुशहाल परिवार. लेकिन एक छोटी सी गलती इस परिवार पर इतनी भारी पड़ी की सामूहिक खुदकुशी करनी पड़ी. बच्चों को जहर दिया और पति-पत्नी ने फांसी लगा ली. दरअसल, भोपाल का यह परिवार मार्केट में फैले लोन ऐप के जंजाल में फंस गया था.

घर के मुखिया ने इस परेशानी से निकलने की काफी कोशिश की, लेकिन जब बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया. मरने से पहले इस परिवार ने 4 पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसे पढ़कर आप समझ जाएंगे कि लोन ऐप के चंगुल में फंसना कितना दर्दनाक और जानलेवा हो सकता है.

4 पेज के सुसाइड नोट में लिखी दर्दभरी दास्तान

‘समझ नहीं आ रहा क्या करें. पता नहीं हमारी इतनी प्यारी छोटी सी फैमिली को किसकी नजर लग गई. अपने परिवार के लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं. एक गलती की वजह से हमसे जुड़े सभी लोग काफी ज्यादा परेशान हुए.

खुशी-खुशी हम अपने परिवार के साथ जी रहे थे. कोई परेशानी या किसी बात की चिंता नहीं थी. लेकिन अप्रैल में मेरे वाट्सऐप पर एक मैसेज आया. इसमें ऑनलाइन काम करने का ऑफर था. यही मैसेज दोबारा टेलीग्राम पर आया. थोड़े से पैसे और अपनी जरूरतों के चलते मैं इसके लिए तैयार हो गया. ज्यादा समय भी नहीं देना था, इसलिए काम शुरू कर दिया.

शुरू में थोड़ा फायदा हुआ, लेकिन धीरे-धीरे दलदल में फंसता चला गया. जब भी थोड़ा समय मिलता, मैं उस काम को करने लग जाता. आगे जाकर लोड इतना ज्यादा हो गया कि अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं रख पाया. इन पैसों का इस्तेमाल घर पर बिल्कुल नहीं कर पाया. काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया.

मुझे मैसेज आने लगे कि ऑर्डर पूरा करो और अपना कमीशन (पैसे) निकाल लो. लेकिन ये एक दलदल था, जहां से निकल पाना मुश्किल था. जब सारे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोने ऑफर किया. चार साल पहले जिस कंपनी में था, वह बंद हो गई थी, जिसके बाद मेरा क्रेडिट सिविल खराब हो गया था. इसलिए मैंने मना किया, क्योंकि मेरा सिविल पहले से खराब था. लोन कहां से मिलता, लेकिन कंपनी वालों के कहने पर मैंने कोशिश की और लोन मिलता चला गया. उन पैसों को भी मैं पानी की तरह कंपनी में ही लगाता चला गया.’

लोन ऐप के दलदल से निकलना चाहा, लेकिन…

सुसाइड नोट में आगे लिखा है ‘काम शुरू करने से पहले मैंने ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट चैक की थी. कंपनी TRP के लिए काम करवाती है, जो कोविड के बाद 2022 में कोलंबिया से शुरू हुई थी. यह सब देखकर मैंने काम शुरू किया, लेकिन पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि कोई रास्ता नहीं बचेगा.

इस काम की जानकारी मेरी पत्नी या परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं थी. पत्नी जब भी मुझे देखती तो यही कहती थी कि कुछ गलत मत करना. और मैं मना करते हुए जवाब देता था कि सब तुम्हारी खुशी के लिए ही कर रहा हूं. लेकिन मेरे समझ में नहीं आया कि मैंने क्या कर डाला.

ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा कुछ दिन बाद पैसे मिलते ही सबका लोन क्लियर करके सब छोड़ दूंगा, लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि इतना सबकुछ हो जाएगा. ऑनलाइन जॉब वालों ने मुझ पर लोन का इतना कर्जा कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया. मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है. बात-बात पर मेरे ऊपर पैसे का दबाव बनाया जाने लगा. ये पैसे मैंने अपने लिए नहीं लिए थे, मैं तो इनका इस्तेमाल भी नहीं कर पाया. कंपनी ने लोन ऑफर किया और पैसे लेकर मैंने वापस कंपनी में ही लगा दिए.

जून में लोन का कर्जा इतना ज्यादा होता चला गया कि रिकवरी वालों ने धमकाना शुरू कर दिया. किसी तरह मैंने व्यवस्था करके EMI भर दी, लेकिन जुलाई में लोन वालों ने मेरा फोन हैक कर लिया. उससे डीटेल निकालकर रिश्तेदारों, दोस्तों और सहकर्मियों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. वह (लोन कंपनी) धमकी देने लगे कि तुम्हारी अश्लील और गलत फोटो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे, बदनाम कर देंगे. यहां तक की उन्होंने मेरे बॉस की DP (फोटो) का भी गलत इस्तेमाल किया. इस बात से मुझे काफी गिल्टी (बुरा) फील हो रहा है. मेरी एक गलती की सजा सभी पहचान वालों को मिल रही है. उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है.’

किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचा’

चार पेज के सुसाइड नोट में आगे लिखा है,’मैं साइबर क्राइम ऑफिस गया, लेकिन वहां अधिकारी न होने और छुट्टी होने के कारण मामला टल गया. दोबारा गया. आवेदन बनवाने के लिए वकील से मिला. उन्होंने ड्राफ्टिंग के लिए समय मांगा. लेकिन मैं न किसी से बात कर पा रहा हूं और न ही नजरें मिला पा रहा हूं. कोई नहीं समझ पा रहा कि आज मैं अपनी ही नजरों में गिर चुका हूं. नौकरी जाने की नौबत आ गई है. अपना और परिवार का भविष्य नहीं दिखाई दे रहा है. किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचा हूं. परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा. अपने बाबूजी, अम्माजी, पापाजी, मम्मीजी, भैया-भाभी, प्यारी बहनों, प्यारी सी बेटी सबसे यही कहना चाहता हूं कि सबसे कैसे नजर मिलाऊं. सबसे ज्यादा इस बात का डर है कि भविष्य में मेरी बेटी की शादी में परेशान ना आए.

इसलिए परिवार यानी पत्नी और बच्चों रिशू और किशू को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता, इसलिए अपने साथ सभी को लेकर जा रहा हूं. सबसे फिर माफी मांगता हूं. मेरे परिवार को माफ कर दें. मैं मजबूर हूं. शायद हमारे जाने के बाद सब अच्छा हो जाएगा. निवेदन है कि हमारे जाने के बाद परिवारवालों को लोन के लिए परेशान न किया जाए. न ही किसी रिश्तेदार या साथी कर्मचारी को परेशान किया जाए. मैं अपने पापा-मम्मी, बाबूजी-अम्माजी, तीनों बहनों, बड़े भाइयों, अन्तु दी, दोनों सालों सबसे माफी मांगता हूं. हमें माफ कर दें. हमारा साथ यहीं तक था. हमारी अंतिम इच्छा यह है कि हमारा पोस्टमार्टम न किया जाए और सभी का अंतिम संस्कार साथ में किया जाए. ताकी हम चारों साथ में रहें.’

 

कुमारहट्टी से परवाणू हाईवे सुबह 4 बजे तक बंद

कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर तंबूमोड़ और कुमारहट्टी में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आया है। जिसे हटाने के लिए हाईवे सुबह 4:00 बजे बंद रखा जाएगा।  सोलन : कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर परवाणू से कुमारहट्टी तक गुरुवार रात फिर बंद हो गया है। हाईवे पर तंबूमोड़ और कुमारहट्टी में पहाड़ी से भारी मात्रा में … Read more

विक्रमादित्य सिंह व सांसद प्रतिभा सिंह ने मंडी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा

मंडी : लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने बुधवार को मंडी में विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात की समीक्षा की। विक्रमादित्य सिंह ने मंडी गुरुद्वारे में बनाए राहत शिविर में लोगों से मिलकर उनका दुख दर्द जाना और सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिया। लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी का ह्रदय छोटी काशी में काफी लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है, लेकिन ये देवी देवताओं का आशीर्वाद है की इतने विपरीत परिस्थितियों में भी पंचवक्त्र महादेव मंदिर अपने स्थान पर अटल खड़ा है। उन्होंने कहा कि मंदिर हमे एक बड़ी सीख प्रदान करता है की होंसले अगर बुलंद हो तो रास्ता खुदबखुद बन जाता है।

उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में हमें घबराना नहीं है। सरकार द्वारा लोगों की हर संभव सहायता की जा रही है, और केंद्र सरकार से भी सहयोग मांगा जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा इस त्रासदी के बारे में प्रधानमंत्री के साथ भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि पिछले कल ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी इस बारे में बात हुई है। उन्होंने ये आश्वासन दिया है कि एनएचएआई के जिनते भी नेशनल हाइवे और सड़के है। उनका बजट केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ये वक्त राजनीति का नही है। हमें मिलकर हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था को पटरी पर लाना होगा। इसलिए ही हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर सभी क्षेत्रों का जायजा लिया जाएगा।  वहीं, मौके पर सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि 48 घंटे से ज्यादा हुई लगातार बारिश से कुल्लू और मंडी जिला में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों की सरकार व प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता की जा रही है।

फिर मंडराने लगे खतरे के बादल,14 से 18 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी

शिमला : हिमाचल में आई आसमानी आफत थमती हुई नही दिखाई दे रही। प्रदेश में अभी खतरा टला नहीं. प्रदेश में बारिश से 2 दिनों तक फिलहाल राहत मिलने वाली है. मौसम विभाग ने आगामी 2 दिन तक कुछ एक क्षेत्रों में ही बारिश की आशंका जताई है, लेकिन 14 जुलाई से फिर से मौसम कड़े तेवर दिखाने वाला है. मौसम विभाग ने 14 जुलाई को फिर से कई हिस्सों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. बीते दिन बुधवार को हालांकि प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम साफ रहा. लेकिन मौसम विभाग की ओर से 14 से 18 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान कुछ एक क्षेत्रों में ही बारिश हुई है. जबकि आगामी दो दिनों तक प्रदेश में बारिश से राहत मिलेगी. इस दौरान कुछ क्षेत्रों में ही बारिश होने का पूर्वानुमान है. जबकि 14 जुलाई से फिर से मानसून सक्रिय हो जाएगा और प्रदेश के कई हिस्सों में फिर से बारिश का दौर शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा बीते दिनों हुई बारिश के चलते 8 जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. इसमें सोलन, सिरमौर, शिमला, बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर और ऊना जिला शामिल है. जहां पर जुलाई महीने में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. इससे पहले इस तरह की बारिश देखने को नहीं मिली है. यही नहीं किन्नौर और लाहौल स्पीति में जहां मानसून में काफी कम बारिश होती थी, इन 2 जिलों में भी इस बार जमकर बारिश हुई है. वहीं, लाहुल स्पीति में बर्फबारी भी हुई है.

हिमाचल आपदा पर सियासत हुई शुरू, राहत कार्य में देरी को लेकर भड़कें जयराम, दिल्ली हुए रवाना

कुल्लू : पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हिमाचल की स्थिति के बारे में चर्चा करने के लिए आज दिल्ली रवाना हो गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भुंतर हवाई अड्डा से दिल्ली के लिए रवाना हुए. इस दौरान जयराम ठाकुर ने कहा कि बाढ़ के चलते हिमाचल में स्थिति बहुत खराब है, लेकिन कांग्रेस सरकार अभी तक लोगों को राहत देने की दिशा में कोई काम नहीं कर पाई है. ऐसे में अब केंद्र सरकार से भी राहत देने के लिए चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा वे लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में है और वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी लोगों को रेस्क्यू करने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है. वहीं, बीते दिन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र कुल्लू जिला का दौरा किया. अपने दौरे पर वह सबसे पहले सैंज के निकले, लेकिन विहाली से आगे मार्ग बंद होने के कारण वो सैंज नहीं जा पाए. इस दौरान उन्होंने विहाली में ही बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात की और उनकी समस्या सुनी. साथ ही जयराम ने बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

कुल्लू दौरे पर पहुंचे जयराम ने बाढ़ प्रभावितों का हालचाल जाना. इस दौरान उन्होंने कहा राहत और बचाव कार्य को लेकर सरकार से बात की जा रही है. सैंज में बहुत भारी नुकसान हुआ है. यहां एक करोड़ की धनराशि बहुत कम है. उन्होंने कहा सरकार को सबसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो बेघर हुए हैं, उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था हो. उन्होंने कहा सैंज में सबकुछ तबाह हुआ है और भारी नुकसान है. सड़कें बंद है, संचार व्यवस्था ठप है, पानी की योजनाएं ध्वस्त है. इसलिए सरकार को शीघ्र रिस्टोरेशन करनी चाहिए. इसके बाद वे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र भुंतर पहुंचे. यहां उन्होंने क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी. समस्याएं सुनकर उन्होंने राहत कार्यों से नाराजगी जताते हुए कहा तीन दिनों के बाद भी प्रभावितों को फौरी राहत नहीं मिली है. सरकार को प्रभावित लोगों को तुरंत राहत देनी चाहिए.