



लाइव हिमाचल/शिमला: आर्थिक तंगी से जूझ रही सुक्खू सरकार ने बीते वर्ष ही ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के बिलों की वसूली शुरू की थी। अब ग्राम पंचायतों में कारोबार करने वालों पर टैक्स लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। शहरों की तर्ज पर अब हिमाचल के गांवों में भी व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगेगा। ग्राम पंचायतों में स्थित होटल, दुकानों सहित सभी प्रकार के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से प्रति वर्ग फीट के हिसाब से टैक्स वसूली होगी। पंचायतीराज विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समक्ष भी विभाग योजना की प्रस्तुति दे चुका है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से टैक्स लिया जाएगा। पंचायतों के सशक्तीकरण के लिए यह पहल की जा रही है। आर्थिक तंगी से जूझ रही राज्य सरकार ने बीते वर्ष ही ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के बिलों की वसूली शुरू की थी। अब ग्राम पंचायतों में कारोबार करने वालों पर टैक्स लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ग्राम पंचायतों में स्थित होटल, होम स्टे, दुकानों, रेस्तरां, मैरिज पैलेस सहित अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से टैक्स लेगी। प्रति वर्ग फीट टैक्स कितना वसूला जाएगा, इसको लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। वहीं टैक्स की राशि तय करने को लेकर विभागीय स्तर पर मंथन जारी है। मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर फैसला लिया जाएगा। संभावित है कि बजट भाषण में टैक्स लगाने की घोषणा हो सकती है। पंचायतीराज एक्ट के तहत पंचायतों को कई प्रकार के टैक्स लगाने के अधिकार होते हैं। कई पंचायतों ने विभिन्न टैक्स लगाए भी हैं। कई पंचायतों में चूल्हा टैक्स भी लिया जा रहा है। इसके तहत पंचायत के तहत आने वाले हर परिवार से सालाना 30 रुपये टैक्स लिया जा रहा है। कांगड़ा की कुछ पंचायतों में आजकल आठ साल का एकमुश्त चूल्हा टैक्स लिया जा है। अनिरुद्ध सिंह ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि हिमाचल की ग्राम पंचायतों के सशक्तीकरण के लिए सरकार ने व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाने का फैसला लिया है। घरेलू उपभोक्ता इसके दायरे से बाहर रहेंगे। टैक्स लगाने को लेकर जल्द ही विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।